नई दिल्ली. युवा निवेशक जो अपनी रिटायरमेंट के लिए फंड जमा करना चाहते हैं वो प्रोविडेंट फंड योजनाओं जैसे ईपीएफ, पीपीएफ और वीपीएफ में से किसी भी एक योजना का चुनाव कर सकते हैं. ये सभी योजनाएं जहां निवेश पर निश्चित रिटर्न की गारंटी देती हैं, वहीं इनमें टैक्स छूट का लाभ भी मिलता है. यही वजह है कि लॉन्ग टर्म में जोखिमरहित निवेश करने वाले निवेशकों की प्रोविडेंट फंड योजनाएं पहली पसंद है.
ये तीनों ही योजनाएं काफी आकर्षक हैं. यही कारण है इनमें से किसी एक का चुनाव करने में लगभग सभी को उलझन होती है. ईपीएफ किसी जॉब करने वाले व्यक्ति के सैलरी से एक अनिवार्य योगदान है. पीपीएफ में इन्वेस्टमेंट कोई भी सामान्य भारतीय नागरिक (वेतनभोगी या गैर-वेतनभोगी) कर सकता है. वीपीएफ एक स्वैच्छिक योजना है. इसका अलग से अकाउंट नहीं होता. ईपीएफ अकाउंट में ही निवेश करना होता है.
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ईपीएफ (Employee Provident Fund)
सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोई भी कंपनी जिनके यहां 20 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, उसको कर्मचारी का ईपीएफ काटना होता है. इस योजना के तहत कर्मचारी को अपने वेतन की एक तय राशि ईपीएफ अकाउंट में जमा करानी होती है. नियोक्ता भी कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में कर्मचारी के जितनी ही राशि जमा कराता है. ईपीएफ का उद्देश्य सभी कर्मचारियों को भविष्य में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है. ईपीएफ पर जमा राशि पर ब्याज मिलता है और इसमें टैक्स छूट भी प्राप्त होती है.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड
पीपीएफसरकार द्वारा गारंटीशुदा एक निवेश योजना है जिसमें एक निश्चित रिटर्न और टैक्स बैनिफिट मिलते हैं. वेतनभोगी और गैरवेतनभोगी पीपीएफ अकाउंट खुलवा सकते हैं. पीपीएफ में नियोक्ता कोई योगदान नहीं देता है. पीपीएफ योजना में निवेश की गई राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. इस योजना में 15 साल तक निवेश किया जा सकता है.
वीपीएफ
वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड या स्वैच्छिक भविष्य निधि एक स्वैच्छिक योजना है. भविष्य निधि (EPF) में आप जो अपनी मर्जी से इन्वेस्ट करते हैं वह पैसा वीपीएफ में जाता है. यह ईपीएफ में किए जाने वाले 12 फीसदी निवेश से अलग होता है. आप अपनी कंपनी में वीपीएफ के लिए एक अलग से निवेश शुरू करने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड में निवेश पर कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) जितना ब्याज मिलता है. इसकी ब्याज दरों में हर साल बदलाव किया जाता है.
किसमें निवेश से है ज्यादा फायदा
वेतनभोगी कर्मचारी ईपीएफ में निवेश करते ही हैं. जो लोग रिटायरमेंट के लिए ज्यादा फंड जमा करना चाहते हैं वो इसमें वीपीएफ के माध्यम से ज्यादा निवेश कर सकते हैं. वह पीपीएफ में अलग से पैसा जमा करा सकते हैं. पीपीएफ और वीपीएफ में से किसी एक में निवेश का निर्णय किसी व्यक्ति की निवेश क्षमता और निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की अपेक्षा पर निर्भर करता है. फिलहाल वीपीएफ पर 8.5 फीसदी रिटर्न मिल रहा है जबकि पीपीएफ में यह 7.1 फीसदी है.
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वीपीएफ में क्योंकि ज्यादा ब्याज मिल रहा है, इसलिए इसमें किए गए निवेश से तेज गति से ज्यादा रिटायरमेंट फंड आप बना सकते हैं. हां, अगर किसी निवेशक को 15 साल में ही कोई वित्तीय लक्ष्य हासिल करना है तो उसके पीपीएफ में निवेश लाभदायक है. जिनकी आय ज्यादा है वो टैक्स फ्री ब्याज के लिए वीपीएफ और पीपीएफ दोनों में निवेश कर सकते हैं. सेल्फ इंप्लॉयड व्यक्तियों के पीपीएफ में निवेश कर सकते हैं क्योंकि यह टैक्स सेविंग और लॉन्ग टर्म में बड़ा फंड जमा करने का बेहतरीन साधन है.
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Tags: EPF, Money Making Tips, Personal finance, PPF
FIRST PUBLISHED : June 03, 2022, 08:00 IST