जब भगवंत मान ने किया व्यंग्य: पीएम मोदी, सोनिया गांधी, मुलायम सिंह समेत कई नेताओं के सामने पंजाब के सीएम बोले- जंगल में जानवरों ने फैसला लिया…


सार

पंजाब में नई सरकार बन चुकी है। मुख्यमंत्री का कार्यभार संभालते ही भगवंत मान फुल एक्शन में हैं। हर रोज एक से बढ़कर एक बड़े फैसलों से चर्चा में हैं। 

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पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह अपनी बेबाकी के लिए जानते जाते हैं। कॉमेडियन, एक्टर से लेकर सांसद और अब मुख्यमंत्री तक का सफर वह तय कर चुके हैं। कॉमेडियन रहते हुए मान का हर व्यंग्य राजनीतिक हस्तियों पर ही होता था। सांसद बनने के बाद भी उन्होंने अपने व्यंग्य का अंदाज जारी रखा। 

एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने संसद भवन में आयोजित ऑल पार्टी मीटिंग का एक किस्सा सुनाया। बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे। बैठक में जब सारे एजेंडों पर चर्चा हो गई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला जी ने मुझसे एक कविता सुनाने को बोला।

मान कहते हैं, ‘बड़े-बड़े लोग बैठे थे, मैं हैरान हो गया। ऐसे माहौल में जहां दर्शक इतने बड़े-बड़े हों… कैसे कविता सुनाऊं? फिर मैंने कहा इतने एलीट क्लास के श्रोता मुझे नहीं मिल सकते। इसलिए मैंने एक पॉलिटिकल सटायर सुनाया। ये सटायर कुछ इस तरह से था- जंगल में जानवरों ने फैसला किया कि चुनाव कराएंगे। डेमोक्रेसी लेकर आएंगे इंडिया की तरह। शेर भी अपना नॉमिनेशन भर दे। जो जीत गया वही राजा हो जाएगा।’ 
इलेक्शन कमिशन ने जैसे ही जंगल में आम चुनाव का एलान किया। अपने-अपने चुनाव प्रचार पर जानवर जाने लगे। शेर जी बकरी के घर गए। बोले बहन जी… सतश्री अकाल। और सुनाओ क्या हाल-चाल?

बकरी बोली, हाल तो ठीक है। लेकिन आज मेरा दिल हैरान बड़ा है। शेर मेरे आगे दोनों हाथ जोड़कर खड़ा है। 
शेर ने कहा- बहन जी… क्यों शर्मिंदा कर रहीं हैं? अब हम जंगल में एकता और अखंडता से रहेंगे। अपने मेमनों को समझा देना कि शेर अंकल अब उनको कुछ नहीं कहेंगे।
आज के बाद आप अपना परिवार खुशहाल रखना। बस आने वाले चुनाव में मेरे चुनाव चिन्ह का जरा ख्याल रखना। 

रंग-बिरंगी झंडियों से रंगा पड़ा था चंबल, बिल्लियां बांट रहीं थीं, चूहों को मुफ्त कंबल। गिदड़ को कहा गया कि आधा जंगल तेरा होगा। उल्लू को बोल रहे तू वोट डाल, दिन में भी अंधेरा होगा। चूहों को आश्वासन दिया गया कि चील नहीं रहेंगी और चीलों को भरोसा दिया कि कि चूहों की सप्लाई में ढील नहीं होगी। 

शेर जी पूरा इलेक्शन कैंपेन करके घर लौटते हैं। कहते हें, पूरा जंगल घेरनी, क्या करती है मेरी डॉर्लिंग शेरनी…। शेरनी ने कहा- पतिदेव शेर जी। मेर दिल बाहर सैर पर जाने को करता है, एक नरम सा, नाजुक सा… खरगोश खाने को दिल करता है। 
शेर बोला… अरे भाग्यवान। ये सुन ले मेरी फरियाद। खरगोश चाहे जितनी मर्जी खा ले, लेकिन इलेक्शन के बाद। 
 

विस्तार

पंजाब के नए मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह अपनी बेबाकी के लिए जानते जाते हैं। कॉमेडियन, एक्टर से लेकर सांसद और अब मुख्यमंत्री तक का सफर वह तय कर चुके हैं। कॉमेडियन रहते हुए मान का हर व्यंग्य राजनीतिक हस्तियों पर ही होता था। सांसद बनने के बाद भी उन्होंने अपने व्यंग्य का अंदाज जारी रखा। 

एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने संसद भवन में आयोजित ऑल पार्टी मीटिंग का एक किस्सा सुनाया। बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे। बैठक में जब सारे एजेंडों पर चर्चा हो गई तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला जी ने मुझसे एक कविता सुनाने को बोला।

मान कहते हैं, ‘बड़े-बड़े लोग बैठे थे, मैं हैरान हो गया। ऐसे माहौल में जहां दर्शक इतने बड़े-बड़े हों… कैसे कविता सुनाऊं? फिर मैंने कहा इतने एलीट क्लास के श्रोता मुझे नहीं मिल सकते। इसलिए मैंने एक पॉलिटिकल सटायर सुनाया। ये सटायर कुछ इस तरह से था- जंगल में जानवरों ने फैसला किया कि चुनाव कराएंगे। डेमोक्रेसी लेकर आएंगे इंडिया की तरह। शेर भी अपना नॉमिनेशन भर दे। जो जीत गया वही राजा हो जाएगा।’ 



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