Who is Rishi Sunak: ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री की रेस में सबसे आगे हैं नारायण मूर्ति के दामाद, जानें इनके बारे में सबकुछ


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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सियासी उथल-पुथल के बीच पद से इस्तीफा का एलान कर दिया है। जॉनसन के इस्तीफे के बाद नए प्रधानमंत्री को लेकर अटकलें तेज हैं। इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक का नाम है। जॉनसन के विरोध में मंत्रियों के इस्तीफे की शुरुआत मंगलवार को सुनक से ही हुई थी। सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। सुनक कुछ दिन पहले पत्नी की वजह से विवादों में भी रहे थे। 
आखिर ऋषि सुनक कौन हैं? सुनक का भारत से क्या कनेक्शन है?  सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति किस वजह से विवादों में थीं? आइये जानते हैं…
कौन हैं ऋषि सुनक? 
ब्रिटेन में जन्मे ऋषि सुनक की मां फार्मासिस्ट और पिता राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में चिकित्सक रहे। वेनचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र में स्नातक किया। इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।  स्टैनफोर्ड में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई। बाद में अक्षता से उन्होंने शादी की। दोनों की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं। 
2015 में सुनक पहली बार यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद बने। ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले नेताओं में शामिल रहे सुनक का कद सांसद बनने के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में तेजी से बढ़ा। बोरिस जॉनसन जिस वक्त ‘यूरोपियन यूनियन’ छोड़ने  का अभियान चला रहे थे, उस वक्त सुनक उनके सबसे बड़े समर्थकों में शामिल थे।  

सुनक का भारत से क्या कनेक्शन है?
भारतीय मूल के माता-पिता की संतान सुनक की पत्नी अक्षता के पास अभी भी भारतीय नागरिकता है। अक्षता इन्फोसिस के फाउंडर एनआर नारायणमूर्ति और सुधा मूर्ति की बेटी हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, संपत्ति के मामले में वह ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से भी अमीर हैं। 
अक्षता के पास कितनी संपत्ति? 
स्टॉक एक्सचेंजों के साथ साझा की गई जानकारी के मुताबिक, 42 वर्षीय अक्षता मूर्ति के पास लगभग एक अरब डॉलर यानी 7600 करोड़ रुपये मूल्य के इन्फोसिस के शेयर मौजूद हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रिच लिस्ट-2021 के अनुसार यह आंकड़ा अक्षता को महारानी एलीजाबेथ द्वितीय से कहीं ज्यादा अमीर बना देता है। रिपोर्ट में बताया गया कि महारानी की निजी संपत्ति करीब 460 मिलियन डॉलर यानी 3400 करोड़ रुपये बनती है।  

अक्षता की कमाई का जरिया क्या है?
अक्षता ब्रिटेन में लंबे समय से रह रहीं हैं। यहां उन्होंने अक्षता डिजाइन के नाम से एक कंपनी भी खोली है। इसके अलावा वह वेंचर कैपिटल कंपनी कैटामारन वेंचर्स की डायरेक्टर भी हैं। इसकी स्थापना 2010 में अक्षता के पिता एनआर नारायणमूर्ति ने की थी। अक्षता और सुनक की शादी 2009 में बेंगलुरु में हुई थी। ये शादी समारोह दो दिनों तक चला था। 
अक्षता के पास अपने पिता नारायण मूर्ति की कंपनी इन्फोसिस में 0.93 फीसदी हिस्सेदारी है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक अपनी हिस्सेदारी से अक्षता सालाना करीब 11.65 करोड़ रुपये का डिविडेंट पाती हैं। इस कमाई पर ही कर नहीं देने का आरोप अक्षता पर है। ये रकम करीब 20 मिलियन पाउन्ड यानी 197 करोड़ रुपये है।  दरअसल ब्रिटेन में अक्षता को नॉन-डोमेसाइल स्टेटस मिला हुआ है। इस स्टेटस की वजह से उन्हें कर मिलने वाली में छूट विवाद का कारण बन गई थी।  

नॉन डोमेसाइल स्टेटस क्या होता है?

 द गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अक्षता को इन्फोसिस के डिविडेंट से करीब 538 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। गैर अधिवासित नागरिक होने की वजह से इस डिविडेंट पर लगने वाले करीब 197 करोड़ रुपये का कर उन्हें नहीं देना पड़ा।   
खास बात ये है कि तत्कालीन वित्त मंत्री सुनक ने इस साल की शुरुआत में ब्रिटेन के नागरिकों के लिए डिविडेंट पर लगने वाले कर को 30.7 फीसदी से बढ़ाकर 39.35 फीसदी कर दिया है। जिस मिनी-बजट में इसका एलान किया गया उसकी वजह से भी सुनक आलोचकों के निशाने पर थे।

जब अक्षता के पास नॉन-डोमेसाइल स्टेटस है तो फिर विवाद क्यों हुआ?

उपनिवेशिक दौर में ये कानून उन लोगों के लिए बना था जो रहते तो ब्रिटेन में थे लेकिन, उनका स्थायी घर देश के बाहर था। इस तरह के लोगों को कर निवासी के तौर पर पंजीकृत किया जाता था। इस तरह के लोगों को ब्रिटेन में होने वाली कमाई पर कर देना पड़ता था। ये लोग ब्रिटेन के बाहर होने वाली कमाई पर कर देने के लिए उत्तरदायी नहीं होते थे।
1799 में बने इस कानून में विदेशी नागरिकों को नॉन-डोमेसाइल स्टेटस पाने के लिए अर्जी देनी होती है। इसके बाद ही उन्हें विदेश में होने वाली कमाई पर से कर में छूट मिलती है। यही वो शर्त है जिसकी वजह से अक्षता मूर्ति आलोचकों के निशाने पर हैं।  
एक और बात ब्रिटेन में नॉन-डोमेसाइल स्टेटस पाना इतना सस्ता भी नहीं है। ऐसे लोग जो बीते नौ में सात साल ब्रिटेन में रहे हैं उन्हें ये नॉन-डोम स्टेटस पाने के लिए करीब 30 लाख रुपये हर साल के हिसाब से सरकार को देने पड़ते हैं। ब्रिटेन के नियमों के मुताबिक अगर कोई नॉन-डोमेसाइल नागरिक 15 साल तक देश में रहता है तो वह ब्रिटेन का अधिवासी मान लिया जाता है। 

तो क्या अक्षता ने कोई कानून तोड़ा था?

ब्रिटिश अखबार द इंडिपेंडेंट के मुताबिक नॉन-डोमेसाइल स्टेटस चुनना वैकल्पिक है। हालांकि, वहां ये किसी तरह से गैर कानूनी नहीं है। यानी, तकनीकि तौर पर अक्षता ने कुछ भी गलत नहीं किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक 2018 में जब अक्षता के पति ऋषि सुनक कैबिनेट मंत्री बने तब उन्होंने अपनी पत्नी के टैक्स स्टेटस के बारे में जानकारी दी थी। वित्त मंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद भी उन्होंने ये जानकारी दी थी।   
अक्षता तो वर्षों से ब्रिटेन में रह रही हैं फिर अचानक ये विवाद क्यों?
उस वक्त वित्त मंत्री सुनक के मिनी-बजट की जमकर आलोचना हो रही थी। बढ़ती तेल और बिजली की कीमतों, कोरोना जैसे मुद्दो पर कोई खास राहत नहीं देना इसका कारण था। वहीं, दूसरी ओर यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच उनके ससुर की कंपनी का रूस में काम जारी रखना भी इसकी एक वजह बताया गया। इसी कंपनी के डिविडेंट से होने वाली कमाई विवाद की वजह बन गई।

विस्तार

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने सियासी उथल-पुथल के बीच पद से इस्तीफा का एलान कर दिया है। जॉनसन के इस्तीफे के बाद नए प्रधानमंत्री को लेकर अटकलें तेज हैं। इस रेस में सबसे आगे भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक का नाम है। जॉनसन के विरोध में मंत्रियों के इस्तीफे की शुरुआत मंगलवार को सुनक से ही हुई थी। सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति इन्फोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। सुनक कुछ दिन पहले पत्नी की वजह से विवादों में भी रहे थे। 

आखिर ऋषि सुनक कौन हैं? सुनक का भारत से क्या कनेक्शन है?  सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति किस वजह से विवादों में थीं? आइये जानते हैं…

कौन हैं ऋषि सुनक? 

ब्रिटेन में जन्मे ऋषि सुनक की मां फार्मासिस्ट और पिता राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) में चिकित्सक रहे। वेनचेस्टर कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र में स्नातक किया। इसके बाद स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।  स्टैनफोर्ड में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात अक्षता मूर्ति से हुई। बाद में अक्षता से उन्होंने शादी की। दोनों की दो बेटियां कृष्णा और अनुष्का हैं। 

2015 में सुनक पहली बार यॉर्कशर के रिचमंड से सांसद बने। ब्रेग्जिट का समर्थन करने वाले नेताओं में शामिल रहे सुनक का कद सांसद बनने के बाद कंजर्वेटिव पार्टी में तेजी से बढ़ा। बोरिस जॉनसन जिस वक्त ‘यूरोपियन यूनियन’ छोड़ने  का अभियान चला रहे थे, उस वक्त सुनक उनके सबसे बड़े समर्थकों में शामिल थे।  



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