भारत के लोग फिलहाल क्यों बच रहे हैं Gold खरीदने से? जानिए क्या कहते हैं व्यापारी


नई दिल्ली. सोने के रेट (Gold Price) में हाल ही में आई रिकॉर्ड तेजी के चलते भारत में सोना खरीदने वालों को परेशानी में डाल दिया है. जो लोग सोना खरीदना चाह रहे थे, उन्होंने खरीदने का इरादा त्याग दिया है. इस सबके चलते देशभर के ज्वैलर्स का काम काफी कम हो गया है और वे चिंतित हैं. भारत में बेंचमार्क सोना वायदा पिछले सप्ताह ₹55,558 रुपये ($725) प्रति 10 ग्राम के उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद से लगभग 7% कम हो गया है, जो अगस्त 2020 में रिकॉर्ड हिट से कम है. मंगलवार को सोना (Gold Price Today) भारतीय समयानुसार शाम 6:23 बजे सोना 51,508 रुपये पर कारोबार कर रहा था.

चीन के बाद दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता बाजार भारत में कीमतें पिछले महीने विदेशी बाजारों के अनुरूप बढ़ी हैं. यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद सुरक्षित निवेश के विकल्पों के तौर पर निवेशक सोने को बेहतर मानते हैं. उन्होंने दुनियाभर के शेयर बाजारों से पैसा निकालकर सेफ-हेवन मतलब सोने में निवेश किया. हमारा देश लगभग पूरा सर्राफा आयात करता है, जिसका वह उपभोग करता है. चूंकि भारतीय करेंसी रिकॉर्ड निचले स्तर पर कारोबार कर रही है, आयात की लागत बढ़ रही है.

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सोने की मांग में सुस्ती

लखनऊ स्थित लाला जुगल किशोर ज्वैलर्स (Lala Jugal Kishore Jewellers) की निदेशक तान्या रस्तोगी ने कहा, “खरीदार कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर बहुत सतर्क हो गए हैं और जब कीमत स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों में सोने में आई तेजी ने शादी से संबंधित गहनों की खरीदारी को प्रभावित किया है और इससे निवेश की मांग भी कम हुई है. इसमें सुस्ती दिखाई पड़ रही है.

रस्तोगी ने कहा कि खरीदार दैनिक कीमतों की जांच करने के लिए लगातार कॉल कर रहे हैं, कई लोग पूछ रहे हैं कि क्या मौजूदा गिरावट जारी रहेगी या फिर से ऊपर की ओर रुझान होगा. हालांकि, यह कीमती धातु “गो-टू सेफ हेवन एसेट” बनी हुई है और संभावना है कि भू-राजनीतिक और मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के बीच उपभोक्ता अक्षय तृतीया पर वापस आ जाएंगे. हिंदुओं द्वारा सोना खरीदने के लिए अक्षय तृतीया एक शुभ दिन माना जाता है. त्योहार इस साल मई में है.

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कीमतें स्थिर होने का इंतजार कर रहे ग्राहक

गहनों की मांग में भारत में सोने की खपत का बड़ा हिस्सा शामिल है और खरीद में हालिया गिरावट वैश्विक हालातों की तुलना में अलग है, जहां खरीदारों ने सिक्के और बार जमा करना शुरू कर दिया है. महामारी की आशंका कम होने के साथ ही देश में बिक्री पिछले 2 वर्षों के बाद अब ठीक होने लगी थी. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारत का सोने का आयात 2021 में एक दशक में उच्चतम स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि गहनों की खरीद लगभग दोगुनी हो गई.

ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन आशीष पेठे ने कहा, “2022 के पहले दो महीनों में गहनों की मांग अच्छी थी, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण मार्च धीमा रहा है. लोग दूर रह रहे हैं और प्रतीक्षा कर रहे हैं.” स्थिर कीमतें मांग के लिए सबसे अच्छी चीज हैं और लोग इसी का इंतजार कर रहे हैं.

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शादियों का सीजन प्रभावित हुआ

केरल स्थित मालाबार गोल्ड एंड डायमंड्स के चेयरमैन अहमद एम.पी. ने पिछले हफ्ते कहा था कि ऊंची कीमतों ने शादियों के मौसम में सोने के गहनों की मांग को नुकसान पहुंचाया है. जबकि खरीदारों का एक वर्ग इस बढ़ोतरी से ज्यादा प्रभावित नजर नहीं आता है और अपनी पूर्व-निर्धारित योजनाओं पर टिका हुआ है. सीमित बजट वाले कई परिवार शादी को स्थगित करने के बजाय अपने खर्च को समायोजित कर रहे हैं.”

Tags: Gold business, Gold investment

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