Covid-19 : डेल्टा से भी ज्यादा घातक क्यों है ओमिक्रोन का नया रूप BA.2, साइंटिस्ट ने तीन पॉइंट्स में बताया


टोक्योः दुनिया में कोरोना के कम होते केसों के बीच ओमिक्रोन के बदले हुए रूप ने चिंता बढ़ा दी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रोन बीए.2 (Omicron BA.2) डेल्टा वायरस से भी ज्यादा घातक हो सकता है. दुनिया के कई इलाकों में इसके केस तेजी से बढ़ रहे हैं. जापान में हुई लैब स्टडी के हवाले से महामारी विशेषज्ञ एरिक फेंग (Eric Fang) ने वो तीन वजहें बताई हैं कि क्यों Omicron BA.2 को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. उनका तो यहां तक कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की श्रेणी में डाल देना चाहिए. ये वैरिएंट अब तक 74 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. हर 5 कोरोना केसों में से 1 इसी वैरिएंट का है.

टोक्यो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की स्टडी से पता चला है कि BA.2 फेंफड़ों को बुरी तरह प्रभावित करता है. एरिक फेंग ने ट्वीट करके Omicron BA.2 के खतरनाक होने की तीन वजहें बताईं-

1. स्टडी के दौरान BA.2 में ऐसे गुण देखे गए हैं कि ये जिसको अपनी चपेट में लेता है, उसे गंभीर रूप से बीमार सकता है.

2. ये इंसानी इम्यून सिस्टम को चकमा देने में बेहद सक्षम है. इस मामले में ये सब वैरिएंट BA.1 जितना ही घातक है.

3. तीसरी खतरनाक बात ये है कि ये BA.2 वायरस चुपके से वार करता है और इतना शातिर है कि इस पर monoclonal एंटीबॉडी ट्रीटमेंट sotrovimab भी काम नहीं करती.

डेल्टा से तीन गुना तेज

एरिक फेंग ट्वीट्स में लिखते हैं कि BA.2 सचमुच में एक बुरी खबर की तरह है. जापान में हुए लैब एक्सपेरिमेंट बताते हैं कि यह बेहद तेजी से फैलता है और डेल्टा के मुकाबले तीन गुना तेजी से लोगों को अपना शिकार बनाता है. मारक क्षमता में BA.2 डेल्टा की तरह घातक है. यही नहीं, ओमिक्रोन के BA.1 वैरिएंट के दौरान मिली इम्यूनिटी को भी बेअसर करने में सक्षम है. मतलब अगर कोई ओमिक्रोन की चपेट में आकर ठीक हो गया हो तो भी ये उसे अपना शिकार बना सकता है. यह फेंफड़ो को बेहद बुरी तरह प्रभावित करता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि BA.2 को ओमिक्रोन का वैरिएंट माना जा रहा है लेकिन इसका जीनोम BA.1 से काफी अलग है.

WHO ने जारी की है चेतावनी

ओमिक्रोन BA.2 को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसी हफ्ते चेतावनी जारी की थी. WHO का कहना था कि ओमिक्रोन का ये नया अवतार बेहद तेजी से फैल रहा है और अगर ओमिक्रोन की अगली लहर आई तो वो इसी वायरस की वजह से होगी. हालांकि WHO BA.2 की प्रचंडता को BA.1 यानी ओमिक्रोन की पहली लहर जितना ही बता रहा है. अमेरिका में डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन विभाग के डायरेक्टर डॉ. रोशेल वैलेंस्की भी कहते हैं कि ऐसे सबूत अभी नहीं मिले हैं कि BA.2 पिछले वायरस से ज्यादा गंभीर है, हालांकि हम नजर बनाए हुए हैं.

74 देशों में फैला नया वैरिएंट

WHO कई बार कह चुका है कि ओमिक्रोन को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए. ये डेल्टा जितना मारक भले न हो लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले इसके मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है. कोरोना के पिछले वैरिएंट अल्फा, बीटा और डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रोन के केस सबसे ज्यादा हैं. दक्षिण अफ्रीका, डेनमार्क, यूके और कई अन्य देशों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ओमिक्रोन वैरिएंट सबसे पहले नवंबर 2021 में बोत्सवाना और दक्षिण अफ्रीका में पाया गया था. नया वैरिएंट अब तक 74 देशों में फैल चुका है.

Tags: Coronavirus, Omicron Alert





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