हरभजन सिंह ने क्यों कहा युवराज सिंह भारत के महान कप्तान साबित होते?


नई दिल्ली. भारत के पूर्व ऑलराउंडर युवराज सिंह ने करीब एक महीना पहले बयान दिया था कि वह कैसे भारतीय टीम का कप्तान बनने के लिए तैयार थे, लेकिन ग्रेग चैपल विवाद में वह अपने साथियों का साथ देने की वजह से कैप्टन बनने से चूक गए. टीम इंडिया में युवराज के साथी रहे हरभजन सिंह ने चैपल विवाद बताने से इंकार दिया. भज्जी ने युवराज के कप्तान होने की संभावना पर विचार किया और बताया कि वह भारत के एक महान कप्तान क्यों साबित होते.

युवराज सिंह का क्रिकेट करियर बहुत चमकदार रहा. वह दो बार भारत की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे. उनके रहते टीम इंडिया ने साल 2007 में टी-20 विश्व और साल 2011 में 50 ओवर का वर्ल्ड कप जीता. 2011 क्रिकेट विश्व कप में गेंद और बल्ले से धुआंधार प्रदर्शन करने के लिए युवराज को ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ के खिताब से से नवाजा गया. हरभजन सिंह का कहना है कि युवी का रिकॉर्ड खुद अपने आप में बोलता है.

युवराज महान कप्तान साबित होते
स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, ‘अगर युवराज सिंह भारत के कप्तान होते तो हमें जल्दी सोना और जल्दी उठना पड़ता. हमें बहुत मेहनत करनी पड़ती. वह एक महान कप्तान होते. 2011 क्रिकेट वर्ल्ड कप प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब जीतने के साथ उनका रिकॉर्ड खुद बोलता है. यह एक ऐसा खिताब है जो हमें सम्मान देता है.’

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पहले देश के बारे में सोचने की जरूरत
इस दौरान हरभजन सिंह से जब यह पूछा गया कि अगर युवराज टीम के कप्तान बनते तो क्या कुछ खिलाड़ियों का करियर लंबा होता? इस सवाल के जवाब में हरभजन सिंह ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता अगर युवराज सिंह कप्तान होते तो हमारा कोई करियर लंबा होता. क्योंकि हम जब तक खेले अपनी दम पर खेले. किसी कप्तान ने हमें टीम से ड्रॉप होने से नहीं बचाया. जब भी आप देश की कप्तानी करते हैं तो आपको दोस्ती को अलग रखकर पहले देश के बारे में सोचने की जरूरत होती है.’

Tags: Harbhajan singh, Team india, Yuvraj singh

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