जसप्रीत बुमराह और स्टेन से क्यों मिलना चाहते हैं पंजाब किंग्स के वैभव अरोड़ा?


पंजाब किंग्स के युवा तेज गेंदबाज वैभव अरोड़ा ने अब तक आईपीएल के चार मैचों में उम्दा खेल दिखाया है. रॉबिन उथप्पा, मोईन अली और ईशान किशन जैसे धुरंधरों को उन्होंने अब तक आईपीएल में चलता किया है. दबाव वाले लम्हों में बेहतरीन टैम्प्रामेंट का परिचय भी दिया है. इस युवा गेंदबाज़ से न्यूज़18 हिंदी ने खास बातचीत की. पेश है उस बात-चीत के मुख्य अंश.

  • यह कहा जा सकता है कि आपने अपने क्रिकेट जीवन का आधा सपना पूरा कर लिया है क्योंकि किसी भी युवा खिलाड़ी के लिए देश के लिए खेलना सबसे बड़ा सपना और उसके बाद आईपीएल में शिरकरत करना होता है?

    आप कह सकते हैं कि हां एक तरीके से मेरा सपना आधा ही सही लेकिन पूरा तो हुआ है तो इस आईपीएल में खेलने से. वैसे मुझे इस बात की फिक्र फिलहाल ज़्यादा है कि कैसे मेरी टीम पंजाब प्लेआऑफ में जाये और पहली बार ट्रॉफी जीतने के सपने को साकार करे. हम कोशिश करेंगे कि जीत का सिलसिला बरकरार रखा जाय.

  • अर्शदीप सिंह के साथ नई गेंद साझा करना तो आपने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा क्योंकि आप दोनों तो बचपन से एक साथ खेलते आ रहे हैं और कॉलेज में भी नई गेंद साथ डालते थे?

    काफी गर्व करने वाला लम्हा रहा है. बचपन में एक साथ गेंदबाजी करते आ रहे. आप तो जानते ही हैं कि आईपीएल का भारत में किस तरह का क्रेज रहता है. वैसे, अर्श तो पहले से ही बॉलिगं कर रहा है इस टूर्नामेंट में लेकिन हां मैनें जब साथ में दूसरे छोर से गेंद डालनी शुरु की तो बचपन की यादें फिर से ताजा हो गईं. जैसे कॉलेज के लिए गेंदबाज़ी करते थे.

  • क्या आप दोनों ने बचपन में कभी भी मज़ाक में भी इस बात की चर्चा की थी कि भविष्य में शायद एक साथ आईपीएल जैसे टूर्नामेंट में गेंदबाज़ी करें?

    मज़ाक में भी नहीं सोचा था कि जैसे बचपन में दोनों साथी गेंदबाजी कर रहे हैं, वैसी ही कभी आईपीएल में भी करेंगे. लेकिन इसके लिए दोनों ने काफी मेहनत की है और इसलिए शायद ऐसा हो रहा है.

  • तो आपके लिहाज से अब तक के करियर में टर्निंग प्वाइंट क्या रहा है?

    अगर टर्निंग प्वाइंट की बात करें तो मैं कहूंगा कि मेरा पंजाब छोड़कर हिमाचल जाना. वहां मैंने पहले जिला, फिर राज्य और फिर अंडर 23 और फिर रणजी ट्रॉफी भी खेली जिसके चलते मेरे करियर को एक अलग दिशा मिली.

  • आप पहली बार सुर्खियों में तब आए जब आपको आईपीएल में एक नेट्स गेंदबाज के तौर पर चुना गया?

    2020 में, मुझे पंजाब टीम के लिए नेट्स में बॉलिंग करने का मौक़ा मिला. ऐसा पहली बार हुआ जब मैं किसी आईपीएल की टीम का हिस्सा बना. वहां मैंने बड़े खिलाड़ियों के साथ रहकर काफी कुछ सीखा. खासकर मोहम्मद शमी जैसे अनुभवी गेंदबाज के साथ. उन गेंदबाजों के साथ रहकर काफी कुछ सीखा जिसका फायदा अब मुझे इस आईपीएल में मिल रहा है.

  • आपके हेड कोच अनिल कुंबले ने आपको किस तरह की मदद की है?

    बिलकुल की है. अनिल भाई ने मुझे जब नेट्स में गेंद डालते देखा तो मुझसे काफी बात की. मैं पहले ही रणजी ट्रॉफी खेल चुका था और इसलिए आईपीएल में क्वालिटी बल्लेबाज़ों को गेंद फेंकने का अनुभव भी अलग तरह से सीखने वाला रहा. अनिल सर और बाकी दूसरे कोच और बहुत लोगों ने कहा कि अगर मैं इसी तरह से मेहनत करता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब मैं पंजाब के लिए आईपीएल खेलूंगा. अनिल सर की बातों से मुझे काफी हौसला मिला.

  • आपके बचपन के कोच वर्मा जी की भी काफी अहम भूमिका रही है आपको इस मुकाम तक पहुंचाने में?

    सबसे ख़ास रोल तो वर्मा सर का ही रहा है. 2011 से प्रोफेशनल मैंने कोचिंग की शुरुआत की और तब से वो ही साथ खड़े रहे हैं मेरे लिए. एक समय मेरा आत्मविश्वास काफी डोल गया था क्योंकि घर के आर्थिक हालात बहुत अच्छे नहीं थे. मैं काफी नीचे जा रहा था लेकिन फिर सर ने मुझे अपनी एकेडमी में फ्री में खेलने दिया. उन्होंने मुझे कहा कि तेरा कोई खर्चा नहीं होगा. उन्होंने होस्टल की फीस भी नहीं ली और ना खाने की.

  • तो आईपीएल में जब आपने पहला मैच खेला तो उन्होंने क्या कहा?

    आईपीएल में जब मैंने डेब्यू किया तो उन्होंने कहा कि अब तक हमने इतना संघर्ष किया है, उसे दिखा. वो पिछले एक दशक में अलग अलग जगहों में अपनी एकडेमी शिफ्ट करते रहे और मैं भी उनके पीछ पीछे चलता रहा. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल से जो मेहनत की है वो दिखनी चाहिए पहली मैच में.

  • वर्मा जी के अलावा और किन लोगों ने आपको संकट के समय मदद की?

    मेरे पैरेंट्स और कोच ने तो हमेशा ही सपोर्ट किया उसके बाद मैं हिमाचल चला गया तो वहां हर किसी ने काफी मौके दिए. मैं वहां का नहीं था फिर भी कप्तान ऋषि धवन से लेकर कोच मलिक साहब, और मौजूदा कोच अनुजपाल सिंह जैसे लोग रहे जिसके चलते मैं खुद को बहुत लकी मानता हूं कि मुझे काफी मदद करने वाले लोग रहे हैं.

  • एक भारतीय तेज गेंदबाज़ जो आपके हीरो हैं?

    मैं जसप्रीत बुमराह से मिलना चाहता हूं. उन्हें टीवी पर देखकर का बहुत कुछ सीखा हूं. उनसे काफी कुछ सीखना अभी बाकी है. खासतौर पर ये बात कि किस तरह से उन्होंने खुद को डेवलप किया है.

  • और आखिरी सवाल- कोई और गेंदबाज़ जिससे आप मिलने की हसरत रखते हों?

    बचपन से लेकर अभी तक मैंने डेल स्टेन को फॉलो किया है. उनको देखकर काफी प्रभावित रहा हूं और ख़ासतौर पर उनके एग्रेसन उनका बड़ा फैन रहा हूं.

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