कसेगा शिकंजा: राज्यसभा में भी आपराधिक प्रक्रिया पहचान विधेयक पारित, शाह बोले- दूसरे देशों की तुलना में हमारा कानून ‘बच्चा’ 


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 06 Apr 2022 08:05 PM IST

सार

राज्यसभा में पास हने से पहले यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है। आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022 कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा। इसमें कई सख्त प्रावधान किए गए हैं ताकि जांच अधिकारी अपराधियों से दो कदम आगे रहें।

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संसद ने बुधवार को आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पारित कर दिया जो जांचकर्ताओं को आपराधिक मामलों में पहचान और जांच के लिए दोषियों और अन्य व्यक्तियों की पहचान योग्य जानकारी जमा करने की अनुमति देता है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष के सवालों और चिंताओं का जवाब देने के बाद राज्यसभा ने ध्वनि मत से विधेयक पारित किया। इस कानून का मसौदा कठोर है और इससे पहले यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है। आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा।

…ताकि पुलिस और जांचकर्ता अपराधियों से दो कदम आगे रहें
अमित शाह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए बिल लाया गया है कि पुलिस और जांचकर्ता अपराधियों से दो कदम आगे रहें। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक बंदियों को किसी आंदोलन में भाग लेने के दौरान हिरासत में लिया गया हो तो उनका बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाएगा। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इससे किसी की निजता का हनन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एकत्र किया गया डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिल में कोई खामियां न हों जिससे निजता और मानवाधिकारों का उल्लंघन हो।

हमारा कानून सख्ती के मामले में ‘बच्चा’
उन्होंने कहा, हमारा कानून अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में ‘बच्चा’ (कुछ नहीं) है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में ज्यादा कड़े कानून हैं, यही वजह है कि उनकी सजा की दर बेहतर है।  

लोगों की गोपनीयता से समझौता नहीं

एकत्र किए गए डेटा को सुरक्षित तंत्र के माध्यम से संरक्षित और साझा किया जाएगा ताकि लोगों की गोपनीयता से समझौता न हो। कानून के तहत नियमों में डाटा इंचार्ज की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें एक कम्प्यूटरीकृत रजिस्टर होगा कि किस एजेंसी या व्यक्ति ने डेटा तक पहुंच की मांग की थी। एक व्यापक प्रणाली सुनिश्चित करने के बाद अधिनियम को अधिसूचित किया जाएगा। शाह ने कहा कि सलाह के बाद नियम बनाए जाएंगे।

शाह ने विपक्ष को लिया निशाने पर 

विपक्ष पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि किसी भी सदस्य ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि देश में सजा की दर कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए शाह ने कहा कि इसका उद्देश्य अपराधियों के साथ-साथ अपराधियों के शारीरिक और जैविक नमूने लेने के लिए पुलिस को कानूनी मंजूरी प्रदान करना है। शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य 100 साल पुराने कानून में तकनीकी प्रगति को शामिल करके जांच प्रक्रिया को मजबूत करना है।

विस्तार

संसद ने बुधवार को आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पारित कर दिया जो जांचकर्ताओं को आपराधिक मामलों में पहचान और जांच के लिए दोषियों और अन्य व्यक्तियों की पहचान योग्य जानकारी जमा करने की अनुमति देता है। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विपक्ष के सवालों और चिंताओं का जवाब देने के बाद राज्यसभा ने ध्वनि मत से विधेयक पारित किया। इस कानून का मसौदा कठोर है और इससे पहले यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है। आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 कैदियों की पहचान अधिनियम, 1920 की जगह लेगा।

…ताकि पुलिस और जांचकर्ता अपराधियों से दो कदम आगे रहें

अमित शाह ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए बिल लाया गया है कि पुलिस और जांचकर्ता अपराधियों से दो कदम आगे रहें। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक बंदियों को किसी आंदोलन में भाग लेने के दौरान हिरासत में लिया गया हो तो उनका बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाएगा। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इससे किसी की निजता का हनन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एकत्र किया गया डेटा पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि बिल में कोई खामियां न हों जिससे निजता और मानवाधिकारों का उल्लंघन हो।

हमारा कानून सख्ती के मामले में ‘बच्चा’

उन्होंने कहा, हमारा कानून अन्य देशों की तुलना में सख्ती के मामले में ‘बच्चा’ (कुछ नहीं) है। दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका जैसे देशों में ज्यादा कड़े कानून हैं, यही वजह है कि उनकी सजा की दर बेहतर है।  

लोगों की गोपनीयता से समझौता नहीं

एकत्र किए गए डेटा को सुरक्षित तंत्र के माध्यम से संरक्षित और साझा किया जाएगा ताकि लोगों की गोपनीयता से समझौता न हो। कानून के तहत नियमों में डाटा इंचार्ज की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि इसमें एक कम्प्यूटरीकृत रजिस्टर होगा कि किस एजेंसी या व्यक्ति ने डेटा तक पहुंच की मांग की थी। एक व्यापक प्रणाली सुनिश्चित करने के बाद अधिनियम को अधिसूचित किया जाएगा। शाह ने कहा कि सलाह के बाद नियम बनाए जाएंगे।

शाह ने विपक्ष को लिया निशाने पर 

विपक्ष पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा कि किसी भी सदस्य ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि देश में सजा की दर कम है और इसे बढ़ाया जाना चाहिए। इससे पहले दिन में राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए शाह ने कहा कि इसका उद्देश्य अपराधियों के साथ-साथ अपराधियों के शारीरिक और जैविक नमूने लेने के लिए पुलिस को कानूनी मंजूरी प्रदान करना है। शाह ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य 100 साल पुराने कानून में तकनीकी प्रगति को शामिल करके जांच प्रक्रिया को मजबूत करना है।



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