LIVE: बीरभूम घटना का जिक्र कर राज्यसभा में फूट-फूटकर रोने लगीं भाजपा सांसद, गृह मंत्रालय ने पेश किया दिल्ली नगर निगम संशोधन विधेयक


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 25 Mar 2022 12:40 PM IST

सार

लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया है। इस संशोधन के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक बनाने की कोशिश में है। 

संसद में शुक्रवार के दिन भी हंगामा होने के आसार।

संसद में शुक्रवार के दिन भी हंगामा होने के आसार।
– फोटो : ANI

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विस्तार

संसद के दोनों सदनों में आज का दिन काफी हंगामे भरा रहा। बीरभूम हिंसा को लेकर शुक्रवार को भाजपा समेत अधिकतर दलों ने लोकसभा और राज्यसभा में टीएमसी से जवाब मांगा। बंगाल से आने वाली भाजपा की सांसद रूपा गांगुली ने भी राज्यसभा में टीएमसी पर जमकर हमला बोला। इस बीच हत्याओं का जिक्र करते हुए रूपा अचानक ही फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने कहा, “हम पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं। वहां बड़े पैमाने पर हत्याएं हो रही हैं। लोग अपने घरों को छोड़कर भागने के लिए मजबूर हैं। वह राज्य अब रहने लायक नहीं रह गया है।”

दूसरी तरफ लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया गया है। इस संशोधन के जरिए केंद्र सरकार दिल्ली के तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक बनाएगा। गौरतलब है कि 2011 में दिल्ली में तीन नगर निगमों का गठन किया गया, तब से 2022 तक तीनों की सत्ता पर भाजपा का कब्जा है। वहीं, इससे पहले 2007 से 2012 तक भी नगर निगम में भाजपा सत्ता में थी।

इससे पहले, गांगुली ने बंगाल हिंसा के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि वह पश्चिम बंगाल के बारे में जो कहना चाह रही हैं, उसकी चर्चा करने से सिर ग्लानि से झुक जाता है। उन्होंने कहा कि बीरभूम जिले में दो बच्चों सहित आठ लोगों को जलाकर मार दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य की पुलिस पर किसी को भरोसा नहीं रह गया है। गांगुली ने कहा, ‘‘झालदा में काउंसिलर मरता है…सात दिन के अंदर 26 हत्याएं होती हैं…26 राजनीतिक हत्याएं…आग से जलाकर खत्म कर दिया गया है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट से पता चला है कि पहले सभी के हाथ पैर तोड़े गये और फिर कमरे में बंद करके जला दिया गया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘…वहां एक-एक कर लोग भाग रहे हैं। वहां पर लोग जीने की स्थिति में नहीं हैं। पश्चिम बंगाल भारत का अंग है। हमें…रूपा गांगुली को राष्ट्रपति शासन चाहिए। हमें जीने का हक है। पश्चिम बंगाल में जन्म लेना कोई अपराध नहीं है। ये अपराध नहीं हो सकता।’’ इतना कहते हुए वह रोने लगीं। गांगुली के इस बयान के बाद भाजपा और टीएमसी के सांसद आपस में उलझ गए। इसके चलते सदन की कार्यवाही 11 बजकर 54 मिनट पर दोपहर 12 बजकर 10 मिनट तक के लिए स्थगित की गई।



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