अमर उजाला, पुणे
Published by: रोमा रागिनी
Updated Fri, 11 Feb 2022 12:50 PM IST
सार
मालेगांव में हिजाब के समर्थन में भारी संख्या में बुर्का और हिजाब पहनी महिलाएं जुटी. बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च भी निकाला गया।
मालेगांव में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन
– फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
कर्नाटक का हिजाब विवाद दूसरे राज्यों में भी फैल गया है। महाराष्ट्र के मालेगांव में महिलाओं ने हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किया। बताया जा रहा है कि प्रदर्शन का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने किया। वहीं पुलिस की बिना अनुमति के प्रदर्शन किया गया। ऐसे में चार आयोजकों के खिलाफ धारा 144 के उल्लंघन में केस दर्ज किया गया है।
महिलाएं हिजाब दिवस के तहत हजारों की संख्या में बुर्के और हिजाब में सड़कों पर उतर रही हैं। जिलाधिकारी कार्यालय तक एक छोटा मार्च भी निकाला गया। जमीयत उलेमा ने शहर के अजीज कल्लू मैदान में प्रदर्शन का आयोजन किया है। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि अगर हिंदू महिलाएं मंगलसूत्र, सिंदूर और बिंदी लगाकर पढ़ने जा सकती हैं तो मुस्लिम लड़कियां अपने धर्म का पालन क्यों नहीं कर सकती?
प्रदर्शन में शामिल मौलाना मुफ्ती मो. इस्माइल ने कानून और धर्म पर उपदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है। मुस्लिम महिलाओं को हिजाब और बुर्का पहनने का अधिकार है। इसे कोई छीनहीं सकता।
बुलढाणा में धारा 144
बुलढाणा में आंदोलन की संभावना देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 144 लगा दी है। कलेक्टर के आदेश तक धारा 144 अगले आदेश तक जारी रहेगी। वहीं पुणे में मुस्लिम महिलाओं के साथ एनीसीपी ने भी प्रोस्टेट किया था। इसके विरोध में हिंदू महिलाओं ने भगवा साड़ी पहनकर सड़कों पर मार्च निकाला था।