मुश्किल में जान: यूक्रेन में फंसी छात्रा का भावुक मैसेज, लिखा- सर, हम कीव में सुरक्षित नहीं, सरकार से बोलिए कुछ करे


सार

यूक्रेन में फंसी भारतीय छात्रा ने व्हाट्सएप पर भावुक मैसेज भेजा है। उसने मैसेज में लिखा कि सर, हम लोग यहां कीव में भयंकर युद्ध में सुरक्षित नहीं है। उसने सरकार से जल्द से जल्द मदद की अपील की है।

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यूक्रेन की राजधानी कीव की मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बेसमेंट में बने बंकर में चार दिन से रह रही कैराना की अंजलि पाहिवाल ने अमर उजाला को व्हाट्सएप पर बहुत ही भावुक मैसेज भेजा है। कहा है कि सर, हम लोग यहां कीव में भयंकर युद्ध में सुरक्षित नहीं है। प्लीज सरकार से बोलो कि हमारे लिए कुछ करे। रूस के हमले के बाद भारतीय छात्रों के पास न तो यूक्रेन की करेंसी बची हैं और न ही एटीएम में पैसा हैं। वातावरण में सायरन व धमाकों की आवाज से छात्रों की दिन-प्रतिदिन चिंता बढ़ती जा रही है।

कैराना के मोहल्ला आलदरम्यान निवासी सफाई कर्मचारी बिट्टू पाहिवाल की बेटी अंजलि पाहिवाल आठ दिसंबर 2021 को यूक्रेन की कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई थी। वहां युद्ध के बाद यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल में रहने वाले भारतीय छात्र-छात्राओं को बेसमेंट में बने बंकर में जाने के निर्देश दिए थे। अंजलि पाहिवाल भी हॉस्टल के बंकर में रह रही है। रविवार को अंजलि ने बताया कि बंकर के अंदर 500-600 भारतीय छात्र मौजूद हैं। उनको दिन में केवल 10 मिनट ही ऊपर हॉस्टल में खाना तैयार करने की अनुमति मिली है।

500 मीटर की दूरी पर हुआ जोरदार धमाका
यूक्रेन की राजधानी कीव की मेडिकल यूनिवर्सिटी में बेसमेंट में बने बंकर में रह रही कैराना निवासी एमबीबीएस की छात्रा अंजलि पाहिवाल ने व्हाट्सएप वाइस कॉल पर बताया कि रविवार की सुबह उनके हॉस्टल से करीब 500 मीटर की दूरी पर धमाका हुआ। अंजलि ने एंबेसी में ईमेल से बात की। जहां से एंबेसी ने हॉस्टल के अंदर ही रहने की सलाह दी है।

वीडियो कॉल पर बात कर परिवार को मिल रही तसल्ली
छात्रा अंजलि द्वारा व्हाट्सएप कॉल के जरिये बेटी से बात करने पर परिवार को थोड़ी तसल्ली मिल जाती है। अंजलि के पिता बिट्टू, मां रेशम, दादा रमेश, दादी कुसुम, छोटे भाई ओम व छोटी बहन कसक ने भारत सरकार से उनकी बेटी सहित सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की अपील की है।

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यूक्रेन की करेंसी खत्म, हॉस्टल में फंसा है हिमांशु
पोल्टावा में रह रहे ऊंचागांव निवासी छात्र हिमांशु के बड़े भाई रजत चौहान ने कहा कि सरकार केवल उन्हीं छात्रों को ला रही हैं। जो बॉर्डर के नजदीक हैं। उन्होंने मांग की है कि भारत सरकार को यूक्रेन के अंदर अलग-अलग स्थानों पर फंसे छात्रों को भी बाहर निकलवाना चाहिए। उसकी दिल्ली मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर पर बात हुई थी। उसने अपने भाई के खाते में नकदी डाली थी, लेकिन एटीएम में पैसा नहीं बचा है।

हंगरी बॉर्डर तक जाने के लिए करेंसी की जरूरत
हिमांशु चौहान ने बताया कि हॉस्टल के अंदर 500 भारतीय छात्र भी फंसे हुए हैं। हॉस्टल से हंगरी बॉर्डर तक बस में जाने के लिए यूक्रेन की करेंसी 2500 ग्रेवियन यानी के इंडिया के साढ़े सात हजार रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मांगे जा रहे हैं। करीब 50-60 छात्र बस से हंगरी बॉर्डर तक पहुंच गए हैं। लेकिन उनके पास यूक्रेन की करेंसी नहीं हैं।

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एडमिशन कराने वाले एजेंटों ने दिया आश्वासन
हिमांशु ने व्हाट्सएप पर बताया कि जिस एजेंट ने यूनिवर्सिटी में दाखिला कराया था। वे हॉस्टल में आए थे। सभी भारतीय छात्रों की सूची बनाई थी। उन्होंने बताया कि दो-तीन दिन बाद बस से उनको किसी न किसी बॉर्डर पर पहुंचा दिया जाएगा।

विस्तार

यूक्रेन की राजधानी कीव की मेडिकल यूनिवर्सिटी के हॉस्टल के बेसमेंट में बने बंकर में चार दिन से रह रही कैराना की अंजलि पाहिवाल ने अमर उजाला को व्हाट्सएप पर बहुत ही भावुक मैसेज भेजा है। कहा है कि सर, हम लोग यहां कीव में भयंकर युद्ध में सुरक्षित नहीं है। प्लीज सरकार से बोलो कि हमारे लिए कुछ करे। रूस के हमले के बाद भारतीय छात्रों के पास न तो यूक्रेन की करेंसी बची हैं और न ही एटीएम में पैसा हैं। वातावरण में सायरन व धमाकों की आवाज से छात्रों की दिन-प्रतिदिन चिंता बढ़ती जा रही है।

कैराना के मोहल्ला आलदरम्यान निवासी सफाई कर्मचारी बिट्टू पाहिवाल की बेटी अंजलि पाहिवाल आठ दिसंबर 2021 को यूक्रेन की कीव मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए गई थी। वहां युद्ध के बाद यूनिवर्सिटी ने हॉस्टल में रहने वाले भारतीय छात्र-छात्राओं को बेसमेंट में बने बंकर में जाने के निर्देश दिए थे। अंजलि पाहिवाल भी हॉस्टल के बंकर में रह रही है। रविवार को अंजलि ने बताया कि बंकर के अंदर 500-600 भारतीय छात्र मौजूद हैं। उनको दिन में केवल 10 मिनट ही ऊपर हॉस्टल में खाना तैयार करने की अनुमति मिली है।

500 मीटर की दूरी पर हुआ जोरदार धमाका

यूक्रेन की राजधानी कीव की मेडिकल यूनिवर्सिटी में बेसमेंट में बने बंकर में रह रही कैराना निवासी एमबीबीएस की छात्रा अंजलि पाहिवाल ने व्हाट्सएप वाइस कॉल पर बताया कि रविवार की सुबह उनके हॉस्टल से करीब 500 मीटर की दूरी पर धमाका हुआ। अंजलि ने एंबेसी में ईमेल से बात की। जहां से एंबेसी ने हॉस्टल के अंदर ही रहने की सलाह दी है।

वीडियो कॉल पर बात कर परिवार को मिल रही तसल्ली

छात्रा अंजलि द्वारा व्हाट्सएप कॉल के जरिये बेटी से बात करने पर परिवार को थोड़ी तसल्ली मिल जाती है। अंजलि के पिता बिट्टू, मां रेशम, दादा रमेश, दादी कुसुम, छोटे भाई ओम व छोटी बहन कसक ने भारत सरकार से उनकी बेटी सहित सभी भारतीय छात्रों को सुरक्षित उनके घर तक पहुंचाने की अपील की है।

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