Report: भारत से बाहर जाने की तैयारी में हजारों करोड़पति, वजह और संख्या जान चौंक जाएंगे आप


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भारत लगातार तरक्की कर रहा है और देश में करोड़पतियों की संख्या में भी तेज इजाफा हो रहा है। लेकिन इन अमीरों को देश में दिल नहीं लग रहा, ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि करीब आठ हजार भारतीय करोड़पति इस साल विदेशों में बसने की तैयारी में हैं। 

एक ब्रिटिश फर्म ने अपनी रिपोर्ट में यह बड़ा दावा किया है। दुनियाभर में प्राइवेट वेल्थ और इनवेस्टमेंट माइग्रेशन के ट्रेंड्स की निगरानी करने वाली हेनले ग्लोबल सिटीजन रिपोर्ट, 2022 क्यू 2 में कहा गया है कि इस पलायन की सबसे बड़ी वजह टैक्स से जुड़े सख्त नियम हैं और देश के करोड़पति अब ऐसे देश को अपना आशियाना बनाना चाहते हैं जहां का पासपोर्ट बेहद मजबूत हो। इसके अलावा उच्च जीवन स्तर, बेहतर शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाएं के साथ ही व्यापार और निवेश की बेहतर संभावनाएं तलाशना भी इस पलायन की प्रमुख वजह है। 

भले ही यह अनुमानित पलायन सबसे धनी लोगों के पलायन का अनुभव करने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक हो, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जनरल वेल्थ प्रोजेक्शंस बहुत मजबूत है। एनडब्ल्यूडब्ल्यू के रिसर्च प्रमुख, एंड्र्यू एमोलिस ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 2031 तक देश में करोड़पतियों की संख्या में 80 फीसदी की वृद्धि देखने को मिलेगी। 

रिपोर्ट से पता चलता है कि यूएई शीर्ष धनी केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के अलावा, करोड़पतियों के शुद्ध प्रवाह के लिए शीर्ष 10 संभावित देशों में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इस्त्राइल, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, पुर्तगाल, ग्रीस, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं। लेकिन रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के सबसे ज्यादा विदेशी यूएई में ही बसने की योजना बना रहे हैं। इसमें बताया गया कि दुबई का गोल्डन वीजा भी भारतीयों को आकर्षित कर  रहा है।

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भारत लगातार तरक्की कर रहा है और देश में करोड़पतियों की संख्या में भी तेज इजाफा हो रहा है। लेकिन इन अमीरों को देश में दिल नहीं लग रहा, ये हम नहीं कह रहे बल्कि एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि करीब आठ हजार भारतीय करोड़पति इस साल विदेशों में बसने की तैयारी में हैं। 

एक ब्रिटिश फर्म ने अपनी रिपोर्ट में यह बड़ा दावा किया है। दुनियाभर में प्राइवेट वेल्थ और इनवेस्टमेंट माइग्रेशन के ट्रेंड्स की निगरानी करने वाली हेनले ग्लोबल सिटीजन रिपोर्ट, 2022 क्यू 2 में कहा गया है कि इस पलायन की सबसे बड़ी वजह टैक्स से जुड़े सख्त नियम हैं और देश के करोड़पति अब ऐसे देश को अपना आशियाना बनाना चाहते हैं जहां का पासपोर्ट बेहद मजबूत हो। इसके अलावा उच्च जीवन स्तर, बेहतर शैक्षणिक और स्वास्थ्य सुविधाएं के साथ ही व्यापार और निवेश की बेहतर संभावनाएं तलाशना भी इस पलायन की प्रमुख वजह है। 

भले ही यह अनुमानित पलायन सबसे धनी लोगों के पलायन का अनुभव करने वाले शीर्ष तीन देशों में से एक हो, लेकिन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में जनरल वेल्थ प्रोजेक्शंस बहुत मजबूत है। एनडब्ल्यूडब्ल्यू के रिसर्च प्रमुख, एंड्र्यू एमोलिस ने कहा कि हमारा अनुमान है कि 2031 तक देश में करोड़पतियों की संख्या में 80 फीसदी की वृद्धि देखने को मिलेगी। 

रिपोर्ट से पता चलता है कि यूएई शीर्ष धनी केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के अलावा, करोड़पतियों के शुद्ध प्रवाह के लिए शीर्ष 10 संभावित देशों में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, इस्त्राइल, स्विट्जरलैंड, अमेरिका, पुर्तगाल, ग्रीस, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं। लेकिन रिपोर्ट की मानें तो दुनिया के सबसे ज्यादा विदेशी यूएई में ही बसने की योजना बना रहे हैं। इसमें बताया गया कि दुबई का गोल्डन वीजा भी भारतीयों को आकर्षित कर  रहा है।



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