मंत्री ने जानकारी दी कि कोलकाता में वर्तमान में 80 इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ रही हैं। 30 डीजल चालित बसों को सीएनजी चालित बसों में बदल दिया गया है और इनसे मिले नजीते काफी उत्साहवर्धक हैं।
“हम 2000 इलेक्ट्रिक बसों को मौजूदा बेड़े में अगले 3-4 वर्षों के अंदर शामिल करने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में इस तरह की ग्रीन बसों का निर्माण लिथियम बैटरी की सप्लाई की कमी के कारण कम हो पा रहा है।” हाकिम ने कहा
इस स्टेट ट्रांसपोर्ट प्लान का मेन मकसद जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को कम करना है। जिसके इस्तेमाल में कमी आने पर शहर में प्रदूषण के स्तर में भी कमी आएगी और हवा की क्वालिटी भी बेहतर होगी। यह पूछे जाने पर कि इसके लिए शहर में कितने चार्जिंग स्टेशन हैं, उन्होंने 76 ऐसी चार्जिंग फैसिलिटी के बारे में बताया।
इससे पहले हाकिम ने एक ट्वीट के जरिए भी इस बारे में टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा कि शहरी ट्रांसपोर्ट सिस्टम जल्द ही पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हो जाएगा और पुरानी बसों को सीएनजी में कन्वर्ट किया जाएगा जिसका काम पूरे जोरों शोरों से चल रहा है। हम कार्बन फुटप्रिंट कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि आने वाली पीढ़ियों के बेहतर भविष्य के लिए हमें इस लड़ाई में भाग लेना चाहिए।
CNG के इस्तेमाल को बढ़ाने के बारे में कहते हुए उन्होंने बताया कि सीएनजी कम कीमत वाला ईंधन है और पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह नहीं है। उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट 3,000 डीजल बसों को सीएनजी चालित बसें बनाने पर काम कर रहा है जो कि चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकलों के अपनाने की दर को बढ़ाने के लिए इन पर रजिस्ट्रेश फीस को माफ किया हुआ है, इसके अलावा कई तरह के टैक्स में भी छूट दी हुई है। मंत्री ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के अवसर पर प्रभा खैतान फाउंडेशन के सहयोग से एक सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशन EnGIO द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये बात कही।