पटना. बिहार में शराबबंदी को लेकर प्रशासनिक और पुलिस अमला जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) नीति पर काम कर रहा है. शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए न केवल बिहार के अंदर, बल्कि राज्य के बाहर के भी शराब माफियाओं (Liquor Mafia) पर शिकंजा कसा जा रहा है. मद्य निषेध विभाग की टीम ने अब पश्चिम बंगाल से तीन बड़े शराब माफियाओं को धर दबोचा है. गिरफ्तार शराब माफियाओं के नाम रमेश तिवारी, राजेश तिवारी और राहुल तिवारी हैं. इन्हें कोलकाता से गिरफ्तार कर मध निषेध विभाग की टीम पटना (Patna) लेकर पहुंची है.
पुलिस के मुताबिक रमेश और राजेश भाई हैं. जबकि तीसरा शराब माफिया राहुल रमेश तिवारी का पुत्र बताया जा रहा है. इन तीनों पर आरोप है कि यह बिहार में बड़े पैमाने पर अवैध स्प्रिट और अवैध शराब की खेप भेजते थे. इनके लिंक बिहार के अलावा अन्य राज्यों से भी जुड़े बताए जा रहे हैं.
गुप्त सूचना के आधार पर कोलकाता से हुई गिरफ्तारी
मद्य निषेध विभाग की टीम ने बताया कि तीनों शराब माफिया को गुप्त सूचना के आधार पर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से गिरफ्तार किया गया है. यह तीनों बिहार, झारखंड के अवैध स्प्रिट और शराब के धंधेबाजों के साथ मिलकर ट्रक और टैंकर से इसकी बड़ी खेप शराबबंदी कानून वाले राज्य बिहार में भेजते थे. इनका अपना ट्रांसपोर्ट का भी कारोबार है. इसके पास आठ से 10 टैंकर हैं जो कोलकाता में यूनिक उद्योग प्राइवेट के नाम से संचालित है. ट्रांसपोर्ट कंपनी की आड़ में शराब माफिया दिल्ली निवासी और अवैध स्कूल के बड़े कारोबारी सुनील भारद्वाज, बलिराम गुप्ता और झारखंड के संतोष मंडल के साथ मिलकर कोलकाता से स्प्रिट की बड़ी खेप बिहार के अलावा गुजरात समेत अन्य राज्यों में भेजते थे. दिसंबर 2021 में इनके द्वारा भेजा गया अवैध स्प्रिट से भरे एक ट्रक को पुलिस ने बोधगया के पास पकड़ा था. इसी मामले में इन तीनों की गिरफ्तारी की गई है.
मद्य निषेध विभाग के अधिकारियों के मुताबिक रमेश तिवारी, राजेश तिवारी और राहुल तिवारी के खिलाफ पूर्णिया में तीन, गया और सारण जिले में एक-एक केस दर्ज है. इनकी गिरफ्तारी से अवैध शराब की सप्लाई पर असर पड़ेगा. फिलहाल मध निषेध विभाग की टीम तीनों शराब माफिया से पटना के एयरपोर्ट थाना कैंपस में मद्य निषेध विभाग कार्यालय में पूछताछ कर रही है.
अप्रैल 2016 से बिहार में लागू है पूर्व शराबबंदी
बता दें कि बिहार में बीते छह साल से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. 2015 में विधानसभा चुनाव जीत कर सातवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश कुमार ने अप्रैल 2016 में पूरे राज्य में शराबबंदी कानून लागू कर दिया था. इसके तहत प्रदेश में शराब बेचने और खरीदने पर पूर्ण प्रतिबंध है. यदि कोई इसका उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाती है.
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