35 Years of Marte Dam Tak: जब मरने के बाद सच हुई राजकुमार की कही ये बात, मेहुल ने सुनाया रुला देने वाला किस्सा


मेहुल कुमार बॉलीवुड के एकमात्र ऐसे फिल्म मेकर हैं जिनके साथ राजकुमार ने तीन फिल्में ‘मरते दम तक’, ‘जंगबाज’ और ‘तिरंगा’ में काम किया है। 17 जुलाई 1987 को रिलीज हुई इस फिल्म को 35 साल हो गए हैं, लेकिन इस फिल्म की मेकिंग से जुड़ी एक एक बात निर्देशक मेहुल कुमार को भुलाए नहीं भूलती। इस फिल्म में राजकुमार के अलावा गोविंदा, फरहा, शक्ति कपूर और ओम पुरी जैसे सितारों ने काम किया। यह फिल्म उस जमाने में सुपर डुपर हिट गोल्डन जुबली हुई थी। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान एक बार ऐसा भी हुआ जब अभिनेता राज कुमार ने मेहुल कुमार को खुद बुलाकर जीते जी खुद को श्रद्धांजलि देने के लिए मजबूर कर दिया, क्या है ये पूरा किस्सा आइए आपको बताते हैं..

मेहुल कुमार बताते हैं, ‘इस फिल्म का एक सीन मैं कभी नहीं भूल सकता । जब हम लोग खंडाला में राज साहब के किरदार की अंतिम यात्रा वाला सीन शूट कर रहे थे तो करीब एक हजार से ज्यादा के कलाकार जुटाए गए थे। एक नकली पार्थिव शरीर सजाकर रखा गया था। मैं क्रेन से शॉट ले रहा था। तभी राजकुमार साहब ने मुझे बुलाया। मुझे समझ में नहीं आया कि मुझे क्यों बुला रहे हैं। मैं गया तो वहां पर कला निर्देशन टीम का एक सहायक फूलों का हार लेकर खड़ा। राज साहब बोले, मेहुल ये हार पहनाओ मुझे। मुझे कुछ समझ नहीं आया तो वह बोले, देखो, मैं जानता हूं जब हम हमेशा के लिए जाएंगे तुम्हें ये मौका मिलेगा नहीं। मैं तुम्हें चाहता हूं और ये भी चाहता हूं कि ये मौका हम तुम्हें आज ही दे दें।

अब भी इस घटना को बताते हुए मेहुल कुमार भावुक हो जाते हैं। वह बताते हैं, ‘राजकुमार साब ने जब मुझे इस तरह अपने जीते जी उनको श्रद्धांजलि देने को कहा तो मेरा तो पूरा बदन कांप गया। घबराते हुए मैं सिर्फ इतना ही बोल पाया कि ऐसा क्यों बोल रहे हैं? ऊपर वाला करे आप सौ साल जिएं। फिर उन्होंने बात टाल दी और मैं भी वापस शूटिंग में व्यस्त हो गया। कुछ साल बाद मैं अमिताभ बच्चन और डिंपल कपाड़िया के साथ महबूब स्टूडियो में फिल्म ‘मृत्युदाता’ की शूटिंग कर रहा था। तभी राजकुमार साब के घर से फोन आया। पता चला कि वह नहीं रहे। फोन करने वाले ने बताया कि आपका नाम उन लोगों की लिस्ट में शामिल हैं जिन्हें राजकुमार साब ने अपने मरने के बाद घर पर बुलाने को कहा था।’

राजकुमार के निधन की खबर सुनकर पूरी फिल्म इंडस्ट्री में हल्ला मच चुका था। मेहुल कुमार भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैकअप की तैयारी करने लगे। फोन करने वाले से मेहुल कुमार ने पूछा कि अंतिम संस्कार कब है। मेहुल बताते हैं, ‘फोन करने वाले ने सिर्फ इतना कहा कि उनका अंतिम संस्कार हो गया है। मरने से कुछ दिन पहले उन्होंने अपने करीबी लोगों की एक सूची बनवाई थी जिन्हें उनके अंतिम संस्कार के बाद बुलाया जाना था। मैं शूटिंग बीच में ही छोड़ उनके घर गया तो भाभी जी ने बताया कि वह नही चाहते थे कि उनकी श्मशान यात्रा एक तमाशा बने। मुझे उस दिन फिल्म ‘मरते दम तक’ की शूटिंग के दौरान कही उनकी बात याद आई जब राज साहब ने कहा था कि मेहुल, ये हार तुम मुझे पहनाओ फिर ये मौका तुम्हें मिलेगा नहीं।’

अपनी फिल्म ‘मरते दम तक’ का एक और किस्सा मेहुल कुमार बताते हैं। वह कहते है, ‘एक दिन लंच के दौरान राजकुमार साब के मैनेजर एहसान मेरे पास आए और बोले कि राज साब आपको बुला रहे हैं। मैं वहां पहुंचा तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया और कहने लगे, ‘आई लाइक योर नेचर एंड योर स्टाइल’। फिर उन्होंने एक और खुलासा किया। वह बोले, मैं हर  निर्देशक को पहले ही दिन कोई न कोई उल्टा सीधा सजेशन देता हूं। अगर वो मेरी बात मान लेता है तो फिर पूरी फिल्म में मैं सजेशन देता रहता हूं। अगर वह नहीं मानता है और अपने विजन से मुझे कनविंस कर देता है तो फिर मैं निर्देशक के सामने सरेंडर कर देता हूं।’



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