सार
विजय दिवस परेड से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे सैनिक, उनके पूर्वज देश की जमीन को नाजी गंदगी से मुक्त कराने के लिए उसी आत्मविश्वास से लड़ रहे हैं जिस तरह से 1945 में लड़े थे। जीत हमारी होगी।’
आज ही के दिन 1945 में रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर जीत हासिल की थी। अब हर साल रूस में इस तारीख को विजय दिवस (विक्ट्री डे) मनाया जाता है। इस दिन रूस की सभी सैन्य इकाइयां अपने शौर्य का प्रदर्शन करती हैं। परेड के जरिए पूरी दुनिया को रूस अपनी ताकत का एहसास कराता है।
परेड से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे सैनिक, उनके पूर्वज देश की जमीन को नाजी गंदगी से मुक्त कराने के लिए उसी आत्मविश्वास से लड़ रहे हैं जिस तरह से 1945 में लड़े थे। जीत हमारी होगी।’ बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत संघ के 2 करोड़ 70 लाख लोग मारे गए थे जो किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है।
आज की विक्ट्री डे परेड काफी खास मानी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा समय यूक्रेन से रूस का युद्ध जारी है। इस युद्ध को शुरू हुए 75 दिन हो चुके हैं। यूक्रेन के कई शहरों को रूस ने अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन अभी भी यूक्रेनी सेना रूस का मुकाबला कर रही है। अमेरिका और नाटो सदस्य देशों की मदद मिलने से यूक्रेन और मजबूत हो गया है। सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या यूक्रेन से ये युद्ध पुतिन की सेना जीत पाएगी? इस जंग का अंत कहां होगा? रक्षा विशेषज्ञ क्या कहते हैं…?
हमने ये जानने के लिए रक्षा विशेषज्ञ आदित्य पटेल से संपर्क किया। आदित्य ने कहा, ‘तमाम कोशिशों के बावजूद यूक्रेन पर रूस कब्जा नहीं कर पा रहा है। पुतिन के पास अब आगे बढ़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं। इसकी झटपटाहट रूसी सेना के एक्शन और वहां के मंत्रियों के हाव-भाव से पता चलती है।’
आदित्य कहते हैं, ‘ रूस का पहले यूक्रेन पर कब्जा और फिर बड़े-बड़े शहरों पर कब्जे का प्लान लगभग फेल हो चुका है। ऐसे में वह तीसरे प्लान पर काम करना शुरू कर चुके हैं। इसके तहत कीव और उत्तरी यूक्रेन को उसने छोड़कर अब पूरी सैन्य ताकत दक्षिणी यूक्रेन और डोनबास क्षेत्र में बड़ा हमला करने में लगा दी है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये हमला दक्षिण पूर्व में ओडेसा तक चल सकता है, ताकि यूक्रेन को लैंडलॉक किया जा सके यानी उसका समंदरी रास्ता बंद किया जा सके।’ मतलब साफ है कि पुतिन अब पीछे नहीं हट सकते।
रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब से देख रहे प्रो. वामननाथ दुर्ग कहते हैं, ‘ये युद्ध अब अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ने लगा है। अगर रूस जल्द से जल्द यूक्रेन पर कब्जा नहीं कर पाता है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि रूस किसी भी हालत में दुनिया के सामने कमजोर नहीं दिखना चाहेगा।’
प्रो. दुर्ग के अनुसार, ‘अमेरिका और नाटो सदस्य देश हथियारों के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक मदद भी यूक्रेन को दे रहे हैं। यही कारण है कि रूस तमाम कोशिशों के बावजूद यूक्रेन पर विजय नहीं हासिल कर पा रहा है।’
1. जल्द युद्ध खत्म हो : ऐसा करने के लिए रूस अपने हमलों को बढ़ा सकता है। घातक हथियारों का प्रयोग कर सकता है। कीव और बाकी बड़े शहरों में बमबारी, मिसाइल हमले और साइबर हमले कर सकता है। राजधानी कीव के कब्जे में आने के बाद पुतिन अपने किसी करीबी को सत्ता सौंप सकते हैं। इसके बाद पुतिन अपनी जीत का एलान करने के बाद सेना वापस बुला सकते हैं। हालांकि, इसकी उम्मीद बहुत कम दिख रही है।
2. बढ़ सकता है युद्ध का दायरा: यूक्रेन को अमेरिका समेत कई देशों से मदद मिल रही है। इसके चलते चाहते हुए भी रूस यूक्रेन को पूरी तरह से अपने कब्जे में नहीं ले पाया है। यूक्रेन को मदद देने वाले ज्यादातर देश यूरोपीय हैं। ऐसे में यह संभव है कि राष्ट्रपति पुतिन सोवियत काल के और हिस्सों पर कब्जा करने के लिए मोल्डोवा और जॉर्जिया जैसे पूर्व सोवियत देशों में सेना भेज सकते हैं।
पुतिन पश्चिमी देशों के यूक्रेन को हथियार देने को उकसावे की कार्रवाई मानकर नाटो सदस्य देशों पर भी हमला कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो ये जंग बड़ा आकार ले लेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि नाटो के अनुच्छेद 5 के अनुसार एक नाटो सदस्य पर हमला सभी सदस्यों पर हमला माना जाता है।
3. परमाणु हमला: इसके लिए कई बार पुतिन सीधे तौर पर धमकी दे चुके हैं। अगर रूस-यूक्रेन युद्ध ज्यादा दिन तक चला तो पुतिन परमाणु हमला करके यूक्रेन को बर्बाद करने की कोशिश कर सकते हैं। या फिर यूक्रेन व अन्य देशों को डराने के लिए किसी निर्जन जगह पर परमाणु हमले का डेमोन्ट्रेशन दे सकते हैं।
विस्तार
आज ही के दिन 1945 में रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर जीत हासिल की थी। अब हर साल रूस में इस तारीख को विजय दिवस (विक्ट्री डे) मनाया जाता है। इस दिन रूस की सभी सैन्य इकाइयां अपने शौर्य का प्रदर्शन करती हैं। परेड के जरिए पूरी दुनिया को रूस अपनी ताकत का एहसास कराता है।
परेड से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, ‘आज हमारे सैनिक, उनके पूर्वज देश की जमीन को नाजी गंदगी से मुक्त कराने के लिए उसी आत्मविश्वास से लड़ रहे हैं जिस तरह से 1945 में लड़े थे। जीत हमारी होगी।’ बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सोवियत संघ के 2 करोड़ 70 लाख लोग मारे गए थे जो किसी अन्य देश से कहीं ज्यादा है।
आज की विक्ट्री डे परेड काफी खास मानी जा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि मौजूदा समय यूक्रेन से रूस का युद्ध जारी है। इस युद्ध को शुरू हुए 75 दिन हो चुके हैं। यूक्रेन के कई शहरों को रूस ने अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन अभी भी यूक्रेनी सेना रूस का मुकाबला कर रही है। अमेरिका और नाटो सदस्य देशों की मदद मिलने से यूक्रेन और मजबूत हो गया है। सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या यूक्रेन से ये युद्ध पुतिन की सेना जीत पाएगी? इस जंग का अंत कहां होगा? रक्षा विशेषज्ञ क्या कहते हैं…?
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