Health News: हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और अमेरिकी सिंगर निक जोनास (Nick Jonas) की ओर से सरोगेसी (Surrogacy) से माता-पिता बनने की खुशखबरी दिए जाने के बाद हर तरफ इसी बात की चर्चा हो रही है. प्रियंका चोपड़ा के द्वारा बच्चे को खुद जन्म देने के बजाय दूसरी औरत की कोख या सरोगेसी के माध्यम से बच्चा प्राप्त करने के बाद भारत के लोगों में भी ये जानने की दिलचस्पी है कि क्या वे भी बिना पैदा किए बच्चे के माता-पिता बन सकते हैं? भारत में अपने बच्चे खुद पैदा करने को लेकर मां और पिता को सभी अधिकार हैं और अभी तक हो भी यही रहा है कि कोई भी मां अपनी इच्छानुसार कितने भी बार मां बन सकती है लेकिन सरोगेट मदर (Surrogate Mother) बनने को लेकर भारत में कई नियम कानून हैं. यहां यह जानना भी जरूरी है कि वे कौन सी महिलाएं होती हैं जो सरोगेट मदर बनती हैं. इसके साथ ही कोई औरत आखिर कितने बार सरोगेट मदर बन सकती है.
इस बारे में सेंटर फॉर साइंस एंड रिसर्च की निदेशक और सरोगेसी को लेकर भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को कई बार अपनी सिफारिशें और रिपोर्ट सौंप चुकीं डॉ. रंजना कुमारी कहती हैं कि सरोगेसी के माध्यम से बच्चा पैदा करने का अर्थ है कि कोई महिला जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ है वह इसके लिए किराए की कोख का सहारा लेती है. यह एक मेडिकल प्रकिया है जिससे सरोगेट मां और मां-पिता बनने के इच्छुक दंपत्ति को गुजरना होता है. हालांकि मेडिकल मामला होने के अलावा इसे कानूनी जामा भी पहनाया गया है ताकि इसके दुरुपयोग को रोका जा सके. ताकि अपनी कोख किराए पर देने वाली मां के साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी न हो और इच्छुक दंपत्ति को भी बच्चा मिल सके.
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डॉ. रंजना कहती हैं कानूनन भारत में हर कोई महिला सरोगेट मदर नहीं बन सकती और न ही सरोगेसी के जरिए किसी को भी बच्चा मिल सकता है. भारत में कॉमर्शियल सरोगसी पर पूरी तरह प्रतिबंध है. व्यवसाय के रूप में यहां कोख को किराए पर नहीं दे सकते हैं. पहले देखा गया है कि गरीब महिलाएं आर्थिक तंगी के चलते सरोगेसी अपनाती थीं हालांकि अब इसपर बैन है. सिर्फ परोपकार या सामाजिक हित में ही सरोगेसी से बच्चे पैदा करने की अनुमति है. इसके साथ ही सरोगेसी से सिर्फ वे लोग ही माता-पिता बन सकते हैं जिन्हें मेडिकली कोई परेशानी है, या किसी महिला के जन्म से ही यूट्रस न हो या बच्चेदानी में कोई समस्या हो, गर्भधारण से महिला की जान को खतरा आदि हो. इसके लिए केंद्र सरकार सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2021 लाने जा रही है. हालांकि इसका मजबूती से लागू होना काफी जरूरी है.
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भारत में ये महिला बन सकती है सरोगेट मदर
फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुड़गांव की निदेशक और हेड व दिल्ली एम्स की पूर्व हेड ऑफ द डिपार्टमेंट ऑफ ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी डॉ. सुनीता मित्तल कहती हैं कि नियमानुसार भारत में कोई भी महिला सरोगेट मदर नहीं बन सकती. आर्थिक लाभ के लिए तो बिल्कुल नहीं. सरोगेसी के लिए एक स्वस्थ्य महिला का होना जरूरी है. महिला के पास मेडिकल रूप से फिट होने का सर्टिफिकेट जरूरी है. वहीं अगर वह पहले से मां है तो वह अपनी आखिरी और तीसरी गर्भावस्था तक ही सरोगेसी कर सकती है.
वहीं डॉ. रंजना कुमारी कहती हैं कि नियमानुसार सिर्फ अपने परिवार या जान-पहचान की महिला ही सरोगेट मदर बन सकती है और इसके लिए भी उसको कोई भुगतान नहीं किया जाएगा. वह मदद के लिए ये काम कर सकती है.
कितने बार सरोगेसी से मां बन सकती है महिला
डॉ. सुनीता कहती हैं कि स्वास्थ्य के हिसाब से देखें तो स्वास्थ्य विशेषज्ञ किसी भी महिला को अधिकतम तीन बार मां बनने की सलाह देते हैं, फिर चाहे वह अपने बच्चे पैदा कर रही है या सरोगेसी (Surrogacy) से बच्चे पैदा कर रही है. अगर कोई मां पहले से एक बच्चे की मां है तो वह दो बार सरोगेसी से बच्चे पैदा कर सकती है. अगर कोई दो बच्चों की मां है तो एक बच्चा सरोगेसी से पैदा कर सकती है. जबकि अगर कोई तीन बच्चों की मां है तो उसे सरोगेसी से बच्चा पैदा न करने की सलाह दी जाती है. जहां तक स्वास्थ्य की बात है तो सरोगेसी के माध्यम से बच्चे पैदा करने पर कोई रिस्क नहीं होता. यह बिल्कुल ऐसे ही है जैसे सामान्य गर्भावस्था होती है.
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