नई दिल्ली. अगर आप म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) में निवेश करते हैं तो आपके लेनदेन की सुरक्षा बढ़ाने के लिए बाजार नियामक सेबी ने खास कदम उठाया है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) यूनिट के लेनदेन को लेकर कुछ स्पष्टीकरण (Clarifications) जारी किया है. निवेश रकम को भुनाने (Redemption) के मामले में सत्यापन को लेकर भी दिशानिर्देश जारी किए हैं.
यह स्पष्टीकरण शेयर बाजार प्लेटफॉर्म (Stock Exchange Platforms) पर म्यूचुअल फंड यूनिट में लेनदेन से जुड़ा है. यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म समेत अन्य इकाइयों के लिए भी है. पिछले साल अक्टूबर में जारी सर्कुलर में सेबी ने कहा था कि म्यूचुअल फंड लेनदेन को लेकर शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए अपने नाम पर जारी भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे. हालांकि, अब नियामक ने सेबी से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्यों को भुगतान स्वीकार करने की छूट दे दी है.
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अन्य उद्देश्य के लिए लेनदेन स्वीकार नहीं
सेबी ने स्पष्टीकरण में कहा कि 1 अप्रैल 2022 के बाद से नियामक से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन (Recognized Clearing Corporation) के पक्ष में देय रकम ही स्वीकार होगी. यह राशि केवल म्यूचुअल फंड योजनाओं की खरीद को लेकर होगी. किसी अन्य उद्देश्य के लिए यह स्वीकार नहीं होगी. सेबी ने कहा कि म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए इस्तेमाल की जा रही भुगतान की मौजूदा व्यवस्था शेयर ब्रोकर/क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्यों के नाम पर बनी रह सकती है.
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गड़बड़ी रोकने के लिए मजबूत इंतजाम
शेयर बाजार और समाशोधन निगम यह सुनिश्चित करेंगे कि भुगतान स्वीकार करने वाला गड़बड़ी को रोकने को लेकर पुख्ता इंतजाम करेगा. उन्हें निवेशकों की शिकायतों के समाधान की भी उपयुक्त व्यवस्था करनी होगी. सेबी ने इसी प्रकार का दिशानिर्देश म्यूचुअल फंड यूनिट के लेनदेन के संदर्भ में जारी किया है. यह शेयर बाजार के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म समेत अन्य इकाइयों के लिए है, जो लेनदेन को सुगम बनाते हैं.
एक मई से स्विंग प्राइसिंग मैकेनिज्म
सेबी 1 मई से स्विंग प्राइसिंग मैकेनिज्म लागू करेगा. म्चूयुअल फंड योजनाओं के लिए लागू होने वाला यह मैकेनिज्म इसलिए बनाया गया है ताकि उतार-चढ़ावा वाले मार्केट से बड़े निवेशक अचानक अपना पूरा पैसा न निकाल लें. स्विंग प्राइजिंग को लागू करने पर फंड में निवेश और निकासी के दौरान निवेशकों को वह एनएवी मिलेगी, जो स्विंग फैक्टर के तहत एडजस्ट की गई है.
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सामान्य हालात में भी होगा लागू
स्विंग प्राइजिंग मैकेनिज्म सिर्फ वोलेटाइल मार्केट में ही नहीं बल्कि सामान्य दिनों में भी लागू होगा, हालांकि, दोनों ही परिस्थितियों में स्विंग फैक्टर अलग तरीके से तय होंगे. स्विंग फैक्टर 1-2 फीसदी तक होगा. निवेशक वोलेटाइल मार्केट हाई रिस्क वाले ओपन एंडेड डेट स्कीम से बड़ी निकासी करेंगे तो उन्हें 2 फीसदी कम एनएवी मिलेगी.
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