दो साल बाद अक्षय तृतीया पर बिका सोना, देशभर में 15 हजार करोड़ की बिक्री, कोरोना पूर्व से डेढ़ गुना ज्‍यादा कारोबार


नई दिल्‍ली. कोरोना महामारी की वजह से पिछले दो साल लॉकडाउन झेलने के बाद अक्षय तृतीया पर इस साल सराफा बाजार गुलजार हुआ. इस दौरान देशभर के सराफा बाजार में काफी गहमा गहमी दिखाई दी और सराफा कारोबारियों ने बड़ा व्यापार किया.

कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और ऑल इण्डिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा का कहना है कि इस बार ग्राहकों को लुभाने के लिए ज्वैलर्स ने हल्के जेवरों की अच्छी रेंज का व्यापार किया. दो वर्ष के अंतराल के बाद मंगलवार को अक्षय तृतीया के मौके पर देशभर में सोने चांदी का लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ. इस मौके पर सोने-चांदी के आभूषण या सिक्‍के खरीदना बेहद शुभ माना जाता है.

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कोरोना पूर्व से भी डेढ़ गुना ज्‍यादा कारोबार
पंकज अरोरा ने बताया कि कोरोना महामारी से पहले साल 2019 में देशभर में अक्षय तृतीया पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का कारोबार हुआ था. इस बार डेढ़ गुना ज्‍यादा कारोबार हुआ. हालांकि, साल 2020 में कोविड-19 संक्रमण की पहली लहर आने की वजह से लंबा लॉकडाउन था और मई में पड़ने वाले अक्षय तृतीया पर सिर्फ शगुन के रूप में 5 फीसदी कारोबार हुआ. इस दौरान देशभर में महज 500 करोड़ की बिक्री हुई थी. एक साल बाद मई, 2021 में भी संक्रमण की दूसरी लहर के कारण लॉकडाउन लगा और फिर अक्षय तृतीया पर कारोबार लगभग ठप रहा. इस बार ग्राहकों के उत्‍साह ने कारोबारियों के नुकसान की भरपाई कर दी.

तीन साल में 20 हजार रुपये महंगा हो गया सोना
खंडेलवाल ने बताया कि तीन साल पहले 2019 में अक्षय तृतीया के मौके पर सोने और चांदी के भाव में ज्यादा अंतर नहीं था. सोना तब 32,700 रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 38,350 रुपये प्रति किलो थी. वहीं, इस वर्ष अक्षय तृतीया के पांच दिन पहले सोना 53 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तो चांदी 66,600 रुपये प्रति किलो के आसपास रही. इस तरह महज तीन साल के भीतर सोने की कीमत में करीब 20 हजार रुपये की बढ़ोतरी हो गई.

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गोल्‍ड बार और सिक्‍कों में बढ़ रहा रुझान
कैट के अध्‍यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि भारतीय ग्राहकों का रुझान सोने की ईंटों (गोल्‍ड बार) और सिक्‍कों की ओर ज्‍यादा हो रहा है. साल 2021 की पहली तिमाही में गोल्‍ड बार और सिक्‍के का कुल आयात 39.3 टन था, जबकि 2022 की पहली तिमाही में यह बढ़कर 41.3 टन पहुंच गया. इसी तरह, सोने आभूषण का पिछले साल की पहली तिमाही में कुल आयात 126.5 टन था, लेकिन इस बार यह 94.2 टन ही रहा. इससे साफ पता चलता है कि निवेशक अब आभूषण के बजाए सिक्‍कों और बार पर ज्‍यादा जोर दे रहे हैं.

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