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सरकार ने अग्निपथ योजना को लेकर सोशल मीडिया पर ‘गलत सूचना फैलाने’ के आरोप में 35 व्हाट्सऐप समूहों पर प्रतिबंध लगाया है। ‘फेक न्यूज’ फैलाने और विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के आरोप में दस लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।
अग्निपथ योजना के विरोध में राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन और आगजनी की घटनाओं के बीच केंद्र ने पीआईबी फैक्ट चेक टीम का नंबर 8799711259 जारी किया है और नागरिकों से ऐसे किसी भी समूह की रिपोर्ट करने का आग्रह किया है।
सरकार ने मंगलवार को सेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा की थी जिसके तहत सैनिकों को चार वर्ष की अल्पावधि के लिए भर्ती किया जाएगा। जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। इस योजना के तहत 75 प्रतिशत अग्निवीरों को चार साल बाद बिना पेंशन के रिटायर्ड कर दिया जाएगा जबकि 25 प्रतिशत अग्निवीरों की बहाली जारी रहेगी। अग्निवीरों की भर्ती सेना के तीनों अंगों में की जाएगी।
अग्निपथ योजना के खिलाफ बिहार के अलग-अलग इलाकों में पिछले कुछ दिनों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। जिसके चलते 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया। बिहार सरकार ने कहा था कि जनता को भड़काने और जान-माल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से अफवाहें फैलाने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल ‘आपत्तिजनक सामग्री’ प्रसारित करने के लिए किया जा रहा है।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया, बिहार के अधिकारी कोचिंग सेंटरों के संचालकों की भूमिकाओं की भी जांच कर रहे हैं और उनमें से सात पटना के जिला प्रशासन के रडार पर हैं। हमने सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। अगर जरूरत पड़ी तो हम पटना में इंटरनेट सेवाएं बंद करने से नहीं हिचकेंगे।
ताजा जानकारी के मुताबिक, पटना में 190 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है और 11 के प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। छह कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज कराई गई है। बिहार के 20 जिलों में 24 घंटे से इंटरनेट सेवाएं ठप हैं।