Agnipath Scheme: सेना ने कहा, यह देश की सुरक्षा का मामला, भर्ती प्रक्रिया में नहीं किया गया कोई बदलाव


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सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना तीन चीजों सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल, तकनीकी जानकार और सेना में शामिल होने वाले अनुकूल लोग, तीसरा व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करती है। 

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे बताया कि भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेजिमेंटल प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी.. हम एक वचनबद्धता लेंगे और उम्मीदवारों को प्रतिज्ञा प्रस्तुत करनी होगी कि वे किसी भी आगजनी/तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे। 

पुरी ने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है। किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा। यह एक फर्जी सूचना है। 
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत की तरह जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है। हमारे 50 फीसदी युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। हमें इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्रतिबिंबित करना होगा।

एयर मार्शल एस.के.झा ने कहा कि पहले वर्ष में 2 प्रतिशत से शुरू करके अग्निवीरों को अधिक संख्या में धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6 हजार हो जाएगी और 10 वर्ष में लगभग 9 हजार से 10 हजार हो जाएगी। भारतीय वायुसेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगा। 

एयर मार्शल झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए जो भी जरूरी होगा वो सबकुछ करेगी। 

भारतीय वायुसेना के वाइस एडमिरल ने बताया कि डीजी शिपिंग के आदेश के अनुसार चार साल के प्रशिक्षण के बाद अग्निवीर सीधे मर्चेंट नेवी में जा सकते हैं। 

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सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अग्निपथ योजना तीन चीजों सशस्त्र बलों की युवा प्रोफाइल, तकनीकी जानकार और सेना में शामिल होने वाले अनुकूल लोग, तीसरा व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करती है। 

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे बताया कि भर्ती प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। रेजिमेंटल प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी.. हम एक वचनबद्धता लेंगे और उम्मीदवारों को प्रतिज्ञा प्रस्तुत करनी होगी कि वे किसी भी आगजनी/तोड़फोड़ में शामिल नहीं थे। 

पुरी ने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है। किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा। यह एक फर्जी सूचना है। 

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने आगे कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत की तरह जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है। हमारे 50 फीसदी युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं। सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए। हमें इस जनसांख्यिकीय लाभांश को प्रतिबिंबित करना होगा।

एयर मार्शल एस.के.झा ने कहा कि पहले वर्ष में 2 प्रतिशत से शुरू करके अग्निवीरों को अधिक संख्या में धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6 हजार हो जाएगी और 10 वर्ष में लगभग 9 हजार से 10 हजार हो जाएगी। भारतीय वायुसेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल ‘अग्निवीर वायु’ के माध्यम से होगा। 

एयर मार्शल झा ने कहा कि भारतीय वायुसेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। भारतीय वायुसेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए जो भी जरूरी होगा वो सबकुछ करेगी। 

भारतीय वायुसेना के वाइस एडमिरल ने बताया कि डीजी शिपिंग के आदेश के अनुसार चार साल के प्रशिक्षण के बाद अग्निवीर सीधे मर्चेंट नेवी में जा सकते हैं। 





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