Agnipath Sena Bharti: फिजिकल, मेडिकल और रिटन पास कर चुके उम्मीदवारों की होगी ज्वॉइनिंग?


Agnipath Scheme Sena Bharti All Details: सेना भर्ती अग्निपथ योजना को लेकर कई राज्यों में जारी बवाल के बीच सेना की ओर से बड़ा स्पष्टीकरण जारी किया गया है। सेना के अधिकारियों ने कहा अग्निपथ योजना को लेकर कई तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व भर्तियों के आधार पर फिजिकल, मेडिकल और रिटन पास कर चुके उम्मीदवारों की ज्वॉइनिंग सीधे नहीं होगी। उन्हें भी दोबारा फिजिकल और मेडिकल प्रक्रिया से गुजरना होगा। इसे युवाओं के लिए एक झटका माना जा रहा है। जबकि इसके पीछे बड़ी वजह है। 

भारतीय सेना में भर्ती योजना अग्निपथ (Agnipath) को लेकर तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को, 19 जून को संयुक्त तौर पर मीडिया से संवाद के दौरान कई स्पष्टीकरण जारी किए। तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि फौज में रहकर देश की रक्षा करने के उद्देश्य की पूर्ति के लिए युवाओं का फिट होना जरूरी है। यह बेहद जरूरी है। क्योंकि कोरोना काल में संक्रमित हुए युवाओं के स्वास्थ्य में कई तरह का नुकसान पहुंचा है। इसलिए मेडिकल दोबारा जरूरी है।  

सेवारत नियमित सैनिकों के बराबर होंगे भत्ते और सुविधाएं

पुरी ने बताया कि सामान्य भर्ती के सैनिकों के मुकाबले अग्निवीरों को कम समय में ज्यादा वेतन, समान भत्ते, मुआवजा, बैंक लोन सुविधा और सेवानिधि मिलेगी, वह भी आयकर मुक्त। अग्निवीरों को सियाचिन, राजस्थान और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों पर लागू होता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।

इसके साथ ही रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय के अधीन केंद्रीय सशस्त्र बलों के विभागों और असम राइफल्स की नौकरियों में करीब 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा घोषित अग्निवीर के लिए आरक्षण की योजना पहले से तय थी। इसके अलावा, कक्षा 12वीं की पढ़ाई और आगे ग्रेजुएशन के कोर्स की शुरुआत समेत कौशल विकास और रोजगार परक प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। पहली बार भर्ती होने वाले युवाओं के लिए दो साल की आयु सीमा में छूट दी गई है। 

 

जानकारी के अभाव में शुरू हुए विरोध-प्रदर्शन

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने स्पष्ट किया कि अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीरों के लिए सुविधाएं और नियम पहले से तय थे, रक्षा मंत्रालय ने पहले सिर्फ योजना की घोषणा की थी। यह योजना 1980 के दशक से विचार प्रक्रिया में थी, बीते दो-तीन सालों में कई देशों की सेना भर्ती और सेना के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया को स्टडी किया गया है। इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया गया। अब इसे अमल में लाने का सही समय है। इसकी डिटेल जारी किए जाने से पहले ही जानकारी के अभाव में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। उन्होंने कहा कि हमने इस योजना को लेकर हाल में हुई हिंसा का अनुमान नहीं लगाया था। सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। 

 

एफआईआर हुई तो नहीं मिलेगी सेना की नौकरी

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि सेना में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। अभ्यर्थी नामांकन पत्र में शपथ-पत्र लिखेंगे कि वे किसी आगजनी, विरोध या पथराव तथा आपराधिक कार्य में शामिल नहीं हैं। सभी का पुलिस वेरीफिकेशन कराया जाएगा और अगर किसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हुई पाई जाती है, तो वे सेना भर्ती या अग्निवीर में शामिल नहीं हो सकते। पुरी ने कहा कि भारतीय सेना की नींव अनुशासन में है। भर्ती के लिए पुलिस सत्यापन 100 फीसदी जरूरी है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता। 

 

आने वाले सालों में 1.25 लाख अग्निवीरों की भर्ती होगी

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि अगले 4-5 वर्षों में 50-60 हजार सैनिकों के चयन का लक्ष्य है और बाद में इसे बढ़ाकर 90 हजार – एक लाख और फिर 1.25 लाख अग्निवीर सैनिक भर्ती सालाना करने की तैयारी है। योजना का ट्रायल जैसा विश्लेषण करने के लिए 46,000 की भर्ती से छोटी शुरुआत की है। जैसे-जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ेगा वैसे-वैसे भर्ती संख्या भी बढ़ जाएगी।

लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान में हर साल लगभग 17,600 जवान तीनों सैन्य सेवाओं से समय से पहले सेवानिवृत्ति ले रहे हैं। यह देश के लिए चिंता का विषय है। किसी ने कभी उनसे यह पूछने की कोशिश नहीं की कि वे सेवानिवृत्ति के बाद क्या करेंगे? उन्होंने बताया कि हम इस सुधार के साथ युवावस्था और अनुभव को साथ लाना चाहते हैं।  

 



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