Agniveer: अग्निवीरों के लिए रक्षा मंत्रालय में भी 10 फीसदी आरक्षण, कोस्ट गार्ड-सिविल डिफेंस से लेकर 16 पीएसयू में मिलेगी नौकरी


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गृह मंत्रालय के बाद रक्षा मंत्रालय ने एलान किया है कि वह अग्निपथ योजना में चार साल की ट्रेनिंग पूरे करने वाले अग्निवीरों को अलग-अलग विभागों में 10 फीसदी आरक्षण मुहैया कराएगा। रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट में कहा गया कि अग्निवीरों को भारतीय कोस्ट गार्ड से लेकर डिफेंस सिविलियन पोस्ट्स में यह आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा डिफेंस सेक्टर से जुड़ी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में भी युवाओं की भर्ती की जाएगी। यह रिजर्वेशन पूर्व सैन्यकर्मी को दिए जाने वाले आरक्षण से अलग होगा। 

रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भर्ती नियमों में जल्द ही बदलाव किए जाएंगे। इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भी बदलाव के निर्देश देंगे। अग्निवीरों को भर्ती के लिए आयु नियमों में भी छूट देंगे।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी एलान किया था कि अग्निपथ स्कीम के तहत चुने गए युवाओं को चार साल पूरे करने के बाद सीएपीएफ और असम राइफल्स जैसे बलों में 10 फीसदी आरक्षण देगा। गृह मंत्रालय की तरफ से ट्वीट में कहा गया है कि अग्निवीरों को इन दोनों केंद्रीय बलों में भर्ती के लिए उम्र की अधिकतम सीमा से भी तीन साल ज्यादा तक की छूट मिलेगी। वहीं, अग्निवीरों के पहले बैच के लिए यह छूट पांच साल की होगी। 

सरकार की तरफ से यह एलान ऐसे समय में आया है, जब पूरे देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर युवा सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार के जहानाबाद में आज फिर प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने बसों और ट्रकों में आग लगा दी। फिलहाल इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई जिलों में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही इंटरनेट भी बंद करने का फैसला किया गया है। 

केंद्र सरकार ने इससे पहले अग्निवीरों के भविष्य को लेकर कई तरह के आश्वासन दिए। सरकार ने कहा था कि जहां अग्निपथ स्कीम में शामिल होने वाले युवाओं में 25 फीसदी चार साल बाद सीधे सेना का हिस्सा बन जाएंगे, वहीं बाकियों को अन्य भर्तियों में प्राथमिकता मिलेगी। भाजपा शासित राज्यों जैसे असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने एलान किया था कि वे राज्य पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे। 

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गृह मंत्रालय के बाद रक्षा मंत्रालय ने एलान किया है कि वह अग्निपथ योजना में चार साल की ट्रेनिंग पूरे करने वाले अग्निवीरों को अलग-अलग विभागों में 10 फीसदी आरक्षण मुहैया कराएगा। रक्षा मंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट में कहा गया कि अग्निवीरों को भारतीय कोस्ट गार्ड से लेकर डिफेंस सिविलियन पोस्ट्स में यह आरक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा डिफेंस सेक्टर से जुड़ी पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग में भी युवाओं की भर्ती की जाएगी। यह रिजर्वेशन पूर्व सैन्यकर्मी को दिए जाने वाले आरक्षण से अलग होगा। 

रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भर्ती नियमों में जल्द ही बदलाव किए जाएंगे। इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को भी बदलाव के निर्देश देंगे। अग्निवीरों को भर्ती के लिए आयु नियमों में भी छूट देंगे।

इससे पहले गृह मंत्रालय ने भी एलान किया था कि अग्निपथ स्कीम के तहत चुने गए युवाओं को चार साल पूरे करने के बाद सीएपीएफ और असम राइफल्स जैसे बलों में 10 फीसदी आरक्षण देगा। गृह मंत्रालय की तरफ से ट्वीट में कहा गया है कि अग्निवीरों को इन दोनों केंद्रीय बलों में भर्ती के लिए उम्र की अधिकतम सीमा से भी तीन साल ज्यादा तक की छूट मिलेगी। वहीं, अग्निवीरों के पहले बैच के लिए यह छूट पांच साल की होगी। 

सरकार की तरफ से यह एलान ऐसे समय में आया है, जब पूरे देश में अग्निपथ स्कीम को लेकर युवा सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार के जहानाबाद में आज फिर प्रदर्शनकारियों के एक गुट ने बसों और ट्रकों में आग लगा दी। फिलहाल इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई जिलों में धारा 144 लगाई गई है। साथ ही इंटरनेट भी बंद करने का फैसला किया गया है। 

केंद्र सरकार ने इससे पहले अग्निवीरों के भविष्य को लेकर कई तरह के आश्वासन दिए। सरकार ने कहा था कि जहां अग्निपथ स्कीम में शामिल होने वाले युवाओं में 25 फीसदी चार साल बाद सीधे सेना का हिस्सा बन जाएंगे, वहीं बाकियों को अन्य भर्तियों में प्राथमिकता मिलेगी। भाजपा शासित राज्यों जैसे असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हरियाणा ने एलान किया था कि वे राज्य पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देंगे। 



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