दिल्‍ली में कोरोना घटते ही एम्‍स ओपीडी में बढ़े मरीज, बिना अपॉइंटमेंट भी मिल रहा इलाज


नई दिल्‍ली. राजधानी दिल्‍ली में कोरोना के मामले घटने के बाद नॉन कोविड मरीजों (Non Covid Patients) के लिए राहत की खबर है. कोरोना के कारण लंबे समय से इलाज के लिए इंतजार कर रहे मरीज अब दिल्‍ली एम्‍स (Delhi Aiims) सहित कई अन्‍य बड़े अस्‍पतालों में इलाज के लिए जा सकते हैं. दिल्‍ली के सभी बड़े-छोटे अस्‍पतालों में ओपीडी को पूरी तरह शुरू कर दिया गया है. वहीं ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) की बात करें तो यहां अब ऑनलाइन अपॉइंटमेंट के बाद और बिना अपॉइंटमेंट, दोनों ही तरह से आने वाले मरीजों को इलाज मिलना शुरू हो गया है. यही वजह है कि अब अस्‍पताल में मरीजों की भीड़ पहले की तरह दिखाई दे रही है.

दिल्‍ली एम्‍स ओपीडी में इलाज के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट (OPD Online Appointment) के अलावा बिना अपॉइंटमेंट के अस्‍पताल जाकर कार्ड बनवाकर इलाज की सुविधा है. हालांकि कोविड के चलते जनवरी 2022 में इसे कम कर दिया गया था. बिना अपॉइंटमेंट आने वाले मरीजों के साथ ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने वाले नए मरीजों के इलाज पर भी रोक लगा दी गई थी लेकिन अब रोक को हटा दिया गया है. लिहाजा ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने वाले मरीजों की संख्‍या भी अब ओपीडी (OPD) में बढ़ती जा रही है.

एम्‍स में इलाज के लिए पिछले 7 दिनों में करीब 13 हजार मरीजों ने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट ली है. कोविड के बाद ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की यह एक बड़ी संख्‍या है. जबकि ऑफलाइन आने वाले मरीजों की संख्‍या इससे कई गुना ज्‍यादा है. अस्‍पताल में एक दिन में करीब 13-14 हजार मरीज रोजाना ओपीडी में दिखाने आते हैं. इनमें ज्‍यादातर लोग वे होते हैं जो अन्‍य राज्‍यों से आते हैं और अस्‍पताल में लाइन में लगकर खिड़की से कार्ड बनवाते हैं. अब चूंकि एम्‍स (AIIMS) में स्थिति सामान्‍य हो गई है लिहाजा मरीज बिना कोई ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए भी अस्‍पताल में आकर, यहां कार्ड बनवाकर डॉक्‍टर को दिखा सकते हैं.

एम्‍स में ऐसे ली जाती है ऑनलाइन अपॉइंटमेंट
दिल्‍ली एम्‍स में ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन के लिए दो तरीके हैं. पहला ORS पोर्टल है. ऑनलाइन रजिस्‍ट्रेशन सिस्‍टम (ORS) पोर्टल पर जाकर कोई भी व्‍यक्ति अपनी जानकारियां फीड कर अपॉइंटमेंट ले सकता है. इसके लिए एम्‍स में विभाग चुनने के साथ ही मरीज का नाम, पता, उम्र की जानकारी भरनी होती है. वहीं दूसरा तरीका टेलीफोन के माध्‍यम से है. जिसमें एम्‍स के टोल फ्री नंबर पर कॉल करके, आधार नंबर सहित पूरी जाानकारी देनी होती है. इसके बाद एम्‍स में कार्यरत वॉलंटियर मरीज का अपॉइंटमेंट फिक्‍स कर देते हैं और एक नंबर देते हैं. जिस दिन की अपॉइंटमेंट ली है या मिली है, उस नंबर को लेकर ओपीडी के लिए रजिस्‍ट्रेशन खिड़की पर जाना होता है और डॉक्‍टर का कार्ड बनवाना होता है.

ओपीडी एरिया में कियोस्‍क की भी सुविधा
बाहरी राज्‍यों से आने वाले, बिना स्‍मार्टफोन वाले या एकदम नए मरीजों की सुविधा के लिए एम्‍स में कियोस्‍क की भी सुविधा दी गई है. जिन लोगों को एम्‍स में इलाज प्रक्रिया की जानकारी नहीं है या उन्‍होंने ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं ली है या उनके पास स्‍मार्टफोन आदि की सुविधा नहीं है तो वे सीधे कियोस्‍क पर बैठे वॉलंटियर्स के पास जा सकते हैं. ये लोग अस्‍पताल की इलाज प्रक्रिया समझाने के साथ ही रजिस्‍ट्रेशन कराने के लिए मदद करते हैं. ये मरीजों का रजिस्‍ट्रेशन का फॉर्म भरवाने से लेकर ओपीडी कार्ड बनवाने का काम करते हैं.

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