Akhilesh Yadav Biography: पेशे से इंजीनियर थे अखिलेश यादव, जानिए उनका जीवन, राजनीतिक करियर और शिक्षा


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) उन मुख्यमंत्रियों में से एक हैं जिन्होंने कम उम्र में इस पद की जिम्मेदारी संभाली है। उनके पिता मुलायम सिंह यादव भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं, उनकी माता का नाम मालती देवी है। उनकी पत्नी डिंपल यादव भी एक पॉलिटिशियन हैं। दोनों की शादी 24 नवंबर 1999 हुई थी। दोनों की दो बेटिंयां और एक बेटा है। अखिलेश 2000 में कन्नौज से पहली बार लोकसभा के सदस्य के रूप में चुने गए और उसके बाद उन्होंने लगातार दो बार लोकसभा चुनाव जीता। 15 मार्च 2012 में अखिलेश यादव 38 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री थे।

शिक्षा
उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री और पेशे से इंजीनियर अखिलेश यादव ने अपनी स्कूली शिक्षा इटावा के सेंट मैरी स्कूल से पूरी की। उसके बाद, उन्होंने राजस्थान के धौलपुर में धौलपुर मिलिट्री स्कूल में दाखिला ले लिया। उन्होंने मैसूर के श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से सिविल एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और फिर सिडनी विश्वविद्यालय में एनवायरमेंट इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चले गए।

राजनीतिक करियर

वह खाद्य, नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य भी थे। उन्होंने 2000 से 2001 तक आचार समिति के सदस्य के रूप में कार्य किया। दूसरे कार्यकाल के लिए, उन्हें 2004 में 14 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में फिर से चुना गया। इसके बाद वे 2009 में 15वीं लोकसभा के सदस्य बने और तीसरे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित हुए। उन्हें 10 मार्च 2012 को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता के रूप में नियुक्त किया गया था।

उन्होंने उत्तर प्रदेश राज्य में विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए 2 मई 2012 को 15 वीं लोकसभा के सदस्य के रूप में इस्तीफा दे दिया। 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार नहीं बना पाई और इसलिए उन्होंने 11 मार्च को राज्यपाल राम नाईक को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
इसके बाद उन्हें मई 2019 में आजमगढ़ लोकसभा से संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। वे तीन बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। 2017 के यूपी राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने लगभग 10,000 किमी की यात्रा की और यूपी में 800 रैलियां कीं।

ग्रामीण जीवन के विकास और किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए काम करने में उनकी सक्रिय भागीदारी उत्तर प्रदेश की नई तस्वीर का जीवंत उदाहरण है। उन्हें भारतीय राजनीति में युवा चेहरों में से एक के रूप में जाना जाता है। उन्हें समाजवादी पार्टी की छवि बदलने और अपने चुनाव अभियान में आधुनिक तत्वों को शामिल करने का श्रेय दिया जाता है।

ग्रामीण जीवन के विकास और किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए काम करने में उनकी सक्रिय भागीदारी उत्तर प्रदेश की नई तस्वीर का जीवंत उदाहरण है। उनकी साइकिल रैली एक बड़ी सफलता थी क्योंकि यह विभिन्न समुदायों के मतदाताओं विशेषकर युवा पीढ़ी के बीच काफी लोकप्रिय हो गई थी।

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