रेस्क्यू ऑपरेशन में आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियों के साथ सेना की इन्फैंट्री बटालियन की क्विक रिएक्शन टीमों को भी उतारा गया है। राष्ट्रीय राइफल सेक्टर की अतिरिक्त कंपनी और स्पेशल फोर्सेस की टीम के पास अत्याधुनिक उपकरण हैं, जो लापता लोगों की तलाश में मदद कर रहे हैं। उधर, तेलंगाना से भाजपा के विधायक टी राजा सिंह परिवार के साथ बाल-बाल बच गए।
सिंह ने बताया कि वे परिवार के साथ हेलिकॉप्टर में अमरनाथ पहुंचे थे। मौसम खराब होते देख उन्होंने पोनी से आगे बढ़ने का फैसला किया। गुफा के बाहर उन्होंने बारिश के बाद पानी की बड़ी जलधारा देखी। तेज बहाव में इसके साथ कई टेंट बह गए।
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि हैंड हेल्ड थर्मल इमेजर, नाइट विजन उपकरणों के अलावा थ्रू वॉल रडार समेत रेस्क्यू डॉग स्क्वायड को भी अमरनाथ गुफा के पास खोज अभियान में लगाया गया है। मौसम की चुनौती के बावजूद शुक्रवार रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन को जारी रखा गया। थर्मल इमेजर मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में मददगार साबित हो रहे हैं। हालांकि बड़ी चट्टानों और पत्थरों के बीच लापता लोगों की तलाश बेहद चुनौतीपूर्ण है।
अभियान में सेना, बीएसएफ प्रशासन के हेलिकॉप्टर उतारे
शनिवार सुबह से ही सेना और बीएसएफ के हेलिकॉप्टर रेस्क्यू अभियान में जुट गए। सेना के हेलिकॉप्टर से घायलों को नीलग्रार तक पहुंचाया जा रहा है। वहीं, बीएसएफ एयर विंग के एमआई-17 हेलिकॉप्टर को भी रेस्क्यू ऑपरेशन में उतारा गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर (एएलएच) बचाव अभियान में लगाए हैं।
मलबा हटने पर ही पता चलेगी मृतकों की संख्या : एडीजीपी
अमरनाथ हादसा स्थल पर शनिवार को पहुंचे जम्मू-कश्मीर पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक विजय कुमार ने कहा कि मलबे को साफ किया जा रहा है। मलबा हटने के बाद ही मृतकों की सही संख्या का पता चलेगा। उन्होंने कहा कि आतंकी हमलों के खतरे को देखते हुए इस बार सभी यात्रियों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन कार्ड दिए गए हैं। इससे जुड़ा डाटा भी देखा जा रहा है।