Amitabh Bachchan और उनके स्टाफ ने ‘Jhund’ के लिए की फीस में कटौती, Producer Sandeep Singh का खुलासा


अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) लंबे समय बाद बड़े पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। 4 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली उनकी फिल्म ‘झुंड’ (Jhund) काफी चर्चा में हैं। टीजर और ट्रेलर पहले ही सामने आ चुका है। ये एक स्पोर्ट्स ड्रामा है। ऐक्टर इसमें एक फुटबॉल कोच की भूमिक निभा रहे हैं। अब इसकी रिलीज में ज्यादा दिन बाकी नहीं हैं, लेकिन इससे जुड़े कई किस्से सामने आ रहे हैं। फिल्म के प्रड्यूसर संदीप सिंह (Jhund Producer Sandeeep Singh) ने फिल्म को लेकर कई खुलासे किए हैं। बताया है कि कैसे अमिताभ बच्चन ने अपनी फीस घटा दी थी और वो पैसा फिल्म में लगाने के लिए कहा था।

झुंड के प्रड्यूसर संदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने फुटबॉल कोच विजय बरसे के रोल के लिए सिर्फ अमिताभ बच्चन के बारे में ही सोचा था। उनको लगा था कि सिर्फ बिग बी ही इस किरदार के लिए सही हैं। लेकिन बजट फिल्म का मामूली-सा था। ज्यादा बड़ा बजट नहीं था। और वैसे भी अमिताभ फुटबॉल के बहुत बड़े फैन हैं। उनको जब स्क्रिप्ट सुनाई गई, तो उन्हें बहुत पसंद आई। इसके बाद उन्होंने अपनी फीस कम करने का फैसला किया। इतना ही नहीं, उनके स्टाफ ने भी अपनी फीस को कम कर दिया, जिससे वो पैसे फिल्म में खर्च हो सकें और वह बेहतर बन सके।


मिड-डे से खास बातचीत में संदीप ने बताया, ‘मिस्टर बच्चन को स्क्रिप्ट बहुत पंसद आई। जब हम ये सोच रहे थे कि इतने कम बजट में उनको कैसे इस फिल्म के लिए अप्रोच किया जाए, तो उन्होंने अपनी फीस में कटौती करके हमें चौंका दिया। उन्होंने कहा कि उन पर खर्च करने के बजाय फिल्म पर खर्च करें। उनके स्टाफ ने भी अपनी फीस कम करवा दी।’

संदीप ने खुलासा किया कि अमिताभ बच्चन और उनके कर्मचारियों के फीस में कटौती के बाद भी फिल्म को फाइनैन्शियली दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डायरेक्टर नागराज ने 2018 में पुणे में फिल्मे के लिए एक सेट बनाया था लेकिन पैसों की कमी के कारण इसे बंद करना पड़ा। उसके बाद एक साल तक फिल्ममेकिंग रुकी रही। फिर जब टी-सीरीज ने स्क्रिप्ट सुनी, तब उसने इसे फाइनैंस करने का फैसला किया।

संदीप ने बताया कि उन्होंने पूरी फिल्म को नागपुर में शूट किया। उन्होंने भूषण कुमार, जो टी-सीरीज के चेयरमैन हैं, उनको थैंक यू भी कहा, क्योंकि उन्होंने उन पर विश्वास किया और फिल्म में पैसा लगाया। प्रड्यूसर की मानों के फिल्म में जो बच्चे दिखाए गए हैं, उनको नागराज, उनके भाई और उनकी टीम ने नागपुर की सड़कों से चुने थे, जिस वजह से उनके हाव-भाव ज्यादा रियल हैं।



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