एक प्रेस नोट में नासा ने कहा है कि उसकी टीम सोमवार को अपनी स्डटी शुरू करेगी। टीम के पास 9 महीने हैं। इस दौरान पुराने ऑब्जर्वेशंस को रिव्यू किया जाएगा। स्टडी से यह निर्धारित नहीं किया जाएगा कि UFO पर पिछली रिपोर्ट वैध थी या नहीं। स्टडी से यह समझने की कोशिश की जाएगी कि भविष्य में होने वाली घटनाओं को समझने के लिए किन बातों को ध्यान में रखने की जरूरत होगी।
We’ve selected 16 individuals to participate in an independent study team on unidentified aerial phenomena (UAP), or observations in the sky that cannot be identified as aircraft or known natural phenomena. The nine-month study will begin on Oct. 24: https://t.co/RsVP4kggwd pic.twitter.com/OQ5XecW0Ai
— NASA (@NASA) October 21, 2022
नासा के असोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर थॉमस जुर्बुचेन ने एक बयान में कहा कि UAP से जुड़ा जो डेटा हमारे पास है, वह वैज्ञानिक निष्कर्ष निकालने में हमारी मदद करने के लिए महत्वपूर्ण है। नासा के रिसर्च ग्रुप में प्रोफेसर, साइंटिस्ट, एक समुद्र विज्ञानी और अंतरिक्ष का अध्ययन करने वाले अन्य लोग शामिल हैं। नासा के पूर्व अंतरिक्ष यात्री स्कॉट केली और साइंस जर्नलिस्ट नादिया ड्रेक भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं।
नासा का कहना है कि इस स्टडी को ‘नासा और अन्य संगठनों के लिए UAP की प्रकृति पर भविष्य के अध्ययन के लिए आधार तैयार करने’ के लिए डिजाइन किया गया है। नासा ने जून महीने से इस स्टडी के बारे में ऐलान किया था। तब अमेरिकी स्पेस एजेंसी ने कहा था कि उसकी टीम का फोकस उपलब्ध डेटा की पहचान करने पर रहेगा, ताकि भविष्य के डेटा को इकट्ठा किया जा सके और इन घटनाओं को जांचने के लिए उस जानकारी का इस्तेमाल किया जा सके।
अमेरिकी अधिकारी UFOs को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते रहे हैं। नासा भी कह चुकी है कि वातावरण में हो रही अनजानी घटनाएं एयर सेफ्टी और नेशनल सिक्योरिटी, दोनों ही दृष्टि से विचारणीय मुद्दा है। इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना और उनकी पहचान करना एयर सेफ्टी की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। यह नासा के एयर सेफ्टी लक्ष्य का हिस्सा भी है।
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