Bengal Tiger: देश के सबसे बुजुर्ग बाघ ‘राजा’ की मौत, 40 दिन बाद मनाया जाना था 27वां जन्मदिन


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पश्चिम बंगाल में सोमवार तड़के देश के सबसे बुजुर्ग बाघ की मौत हो गई है। एसकेबी रेस्क्यू सेंटर के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, राजा नाम के इस बाघ को पश्चिम बंगाल स्थित अलीपुरद्वार के टाइगर पुनर्वासन केंद्र में रखा गया था। जानकारी के मुताबिक, 23 अगस्त को ‘राजा’ का जन्मदिन मनाया जाना था। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी भी कर ली थी,लेकिन उससे पहले सोमवार को सुबह 3 बजे ‘राजा’ की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया ‘राजा’ देश के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले बाघों में से एक था।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ‘राजा’ नाम के बाघ की उम्र 26 साल, 10 महीने और 18 दिन थी। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बुढापे के कारण उसने पिछले कुछ दिनों से खाना-पीन बंद कर दिया था। ‘राजा’ की मौत के बाद एसकेबी रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी।

2006 में घायल हालत में पकड़ा गया था
‘राजा’ की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2006 में उसे घायल अवस्था में सुंदरवन से पकड़ा गया था। इसके बाद उसे पश्चिम बंगाल स्थित अलीपुरद्वार के टाइगर पुनर्वासन केंद्र में लाया गया, जहां उसका इलाज किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, बाघ जब सुंदरवन में मातला नदी पार कर रहा था, तभी मगरमच्छ ने उसपर हमला कर दिया था, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। 

गौरतलब है कि फिलहाल सुंदरवन में 96 बाघ थे, लेकिन ‘राजा’ की मौत के बाद अब 95 बाघ ही बचे हैं। ये संख्या नवंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच की गई बाघों की गणना पर आधारित है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार सुंदरवन में बाघों के संरक्षण पर खास ध्यान दे रही है। 

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पश्चिम बंगाल में सोमवार तड़के देश के सबसे बुजुर्ग बाघ की मौत हो गई है। एसकेबी रेस्क्यू सेंटर के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों के मुताबिक, राजा नाम के इस बाघ को पश्चिम बंगाल स्थित अलीपुरद्वार के टाइगर पुनर्वासन केंद्र में रखा गया था। जानकारी के मुताबिक, 23 अगस्त को ‘राजा’ का जन्मदिन मनाया जाना था। इसके लिए वन विभाग ने तैयारी भी कर ली थी,लेकिन उससे पहले सोमवार को सुबह 3 बजे ‘राजा’ की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया ‘राजा’ देश के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले बाघों में से एक था।

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, ‘राजा’ नाम के बाघ की उम्र 26 साल, 10 महीने और 18 दिन थी। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक बुढापे के कारण उसने पिछले कुछ दिनों से खाना-पीन बंद कर दिया था। ‘राजा’ की मौत के बाद एसकेबी रेस्क्यू सेंटर में वन विभाग के अधिकारियों सहित अन्य लोगों ने उसे श्रद्धांजलि दी।

2006 में घायल हालत में पकड़ा गया था

‘राजा’ की मौत के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2006 में उसे घायल अवस्था में सुंदरवन से पकड़ा गया था। इसके बाद उसे पश्चिम बंगाल स्थित अलीपुरद्वार के टाइगर पुनर्वासन केंद्र में लाया गया, जहां उसका इलाज किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, बाघ जब सुंदरवन में मातला नदी पार कर रहा था, तभी मगरमच्छ ने उसपर हमला कर दिया था, जिसके बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। 

गौरतलब है कि फिलहाल सुंदरवन में 96 बाघ थे, लेकिन ‘राजा’ की मौत के बाद अब 95 बाघ ही बचे हैं। ये संख्या नवंबर 2019 से जनवरी 2020 के बीच की गई बाघों की गणना पर आधारित है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार सुंदरवन में बाघों के संरक्षण पर खास ध्यान दे रही है। 





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