Bihar Weather Update: बारिश के लिए तरस रहे बिहार में कैसा रहेगा मौसम का हाल? जानें IMD का लेटेस्‍ट अपडेट


पटना. बिहार में इन दिनों दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय है. इसके बावजूद प्रदेश में फिलहाल गर्मी के मौसम जैसा माहौल है. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से अच्‍छी बारिश न के बराबर हुई है. बरसात न होने से औसत न्‍यूनतम तापमान में वृद्धि दर्ज की गई है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बिहार में मानसूनी बारिश को लेकर ताजा अपडेट जारी किया है. इसमें आने वाले कुछ दिनों तक अच्‍छी बारिश की संभावना न के बराबर जताई गई है. मौसम के तल्‍ख मिजाज को देखते हुए खेतीबारी के प्रभावित होने की आशंका भी गहराने लगी है. बारिश के मौसम में बिहार में व्‍यापक पैमाने पर धान की खेती की जाती है, लेकिन बारिश न होने की वजह से कृषि संबंधी गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई है.

भारतीय मौसम विभाग के ताजा पूर्वानुमान के अनुसार, बिहार में फिलहाल अच्‍छी बारिश होने के आसार नहीं हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि प्रदेश में फिलहाल 14 जुलाई तक अच्‍छी बारिश के आसार नहीं हैं. हालांकि, इस अवधि के दौरान प्रदेश में हल्‍की-फुल्‍की बारिश होती रहेगी. बिहार में सीमांचल के जरिये दक्षिण-पश्चिम मानसून का प्रवेश हुआ था. शुरुआती दौर में प्रदेश के विभिन्‍न हिस्‍सों में अच्‍छी बारिश रिकॉर्ड की गई, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, मानसून की रफ्तार कम होती गई. इससे शुष्‍क मौसम जैसी स्थिति पैदा हो गई है. यदि समय रहते अच्‍छी बारिश नहीं हुई तो खेतीबारी भी बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है.

बिहार में फिलहाल तेज बारिश का अनुमान नहीं, न्‍यूनतम तापमान भी बढ़ा

खेतीबारी पर बुरा प्रभाव पड़ने की आशंका
बिहार में कृषि का अधिकांश हिस्‍सा बारिश पर निर्भर करता है. खासकर धान की खेती काफी हद तक मानसूनी बारिश पर ही निर्भर है. ऐसे में अच्‍छी बारिश नहीं होने से किसानों की समस्‍याएं बढ़ने लगी हैं. फिलहाल धान का बिचरा लगाया गया है, लेकिन बारिश न होने की वजह से उस पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. यदि आने वाले समय में अच्‍छी बारिश नहीं हुई तो धान के बिचरे के बर्बाद होने की आशंका भी बढ़ जाएगी. बता दें धान की खेती में पानी की काफी ज्‍यादा जरूरत हेाती है, लिहाजा अच्‍छी बारिश होना काफी जरूरी हो जाता है.

बाढ़ और कटाव
दक्षिण-पश्चिम मानसून के शुरुआती दौर में नेपाल के तराई वाले इलाकों में मूसलाधार बारिश होने से बिहार की सीमा में प्रवेश करने वाली नदियां उफना गई थीं. इसका असर प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में स्थित जिलों पर पड़ा था. सहरसा, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज जैसे जिले बाढ़ की चपेट में आ गए थे. साथ ही जमीन का कटाव भी शुरू हो गया था. घरों में पानी घुस गया था और सड़कें भी डूब गई थीं. इससे लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर जाना पड़ा था.

Tags: Bihar weather, IMD forecast



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