इस योजना का उद्देश्य ऐसे विद्यार्थियों को आर्थिक सहायत पहुंचाना है, ताकि वे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में निर्बाध रूप से अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। इस योजना के तहत आवेदन करने वाले विद्यार्थियों के पक्ष में विश्वविद्यालय के दो संकाय सदस्यों की अनुशंसा भी अनिवार्य होगी। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने एक बयान में बताया कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय प्रशासन बीएचयू में शिक्षा पूरी करने में छात्रों को सहायता करने के लिए हरसंभव क़दम उठाएगा।
कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों के कल्याण में उनकी आर्थिक स्थिति रोड़ा नहीं बननी चाहिए और वित्तीय सहायता ऋण योजना विश्वविद्यालय की इसी प्रतिबद्धता का मूर्त रूप है।
जैन ने बताया कि विद्यार्थियों को ये वित्तीय सहायता ब्याजमुक्त ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका वे काशी हिन्दू विश्वविदयालय में अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात तथा रोज़गार मिलने पर भुगतान कर सकेंगे। फिलहाल 1000 विद्यार्थियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा, जिसके लिए तकरीबन 200 आवेदन आए हैं, और इनमें से 103 आवेदनों को मंजूरी दे दी गई है।
बयान के मुताबिक रोज़गार पाने के बाद विद्यार्थियों को इस ऋण को दो वर्ष में किश्तों के रूप में भुगतान के लिए कहा जाएगा। इस ऋण के भुगतान की ज़िम्मेदारी न तो लाभार्थी विद्यार्थी के माता/पिता और न ही उसके आवेदन की अनुशंसा करने वाले संकाय सदस्यों की होगी।
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