शिकंजा: भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी को बड़ा झटका, करीबी सहयोगी परब मिस्र से लाया गया भारत 


एजेंसी, नई दिल्ली। 
Published by: Amit Mandal
Updated Tue, 12 Apr 2022 08:30 PM IST

सार

50 वर्षीय परब को लाने के लिए सीबीआई की एक टीम काहिरा पहुंची थी। कथित तौर पर उसे अवैध तरीके से नीरव मोदी के लोगों ने वहां कैद रखा था।

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पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े 13,500 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के करीबी सहयोगी परब सुभाष शंकर को मंगलवार को मिस्र के काहिरा से मुंबई लेकर आई है। उसे विशेष विमान से मुंबई लाया गया। अदालत ने परब सुभाष शंकर को 26 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। 

अधिकारियों के मुताबिक लंबे समय तक चली राजनयिक और कानूनी प्रक्रिया के बाद उसके प्रत्यर्पण में सफलता मिली। 50 वर्षीय परब को लाने के लिए सीबीआई की एक टीम काहिरा पहुंची थी। कथित तौर पर उसे अवैध तरीके से नीरव मोदी के लोगों ने वहां कैद रखा था। अधिकारियों के अनुसार नीरव मोदी की फायर स्टार डायमंड में सहायक महाप्रबंधक (वित्त) रहे परब की पूरे घोटाले में बड़ी भूमिका रही है और वह इस मामले का प्रत्यक्ष गवाह भी है। 

सुभाष के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी हुआ था। घोटाले का 2018 में खुलासा होने के बाद मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी के परिवार के साथ फरार होने के बाद लापता होने वाले कंपनी के अधिकारियों में परब का भी नाम था। नीरव मोदी पर पीएनबी से 13,500 करोड़ की धोखाधड़ी करने और धनराशि को अवैध रूप से अन्य देश भेजने का आरोप है। मार्च, 2019 में ब्रिटेन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी हुई थी। नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में है। भारतीय एजेंसियों की ओर से दायर याचिका पर लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था, लेकिन नीरव मोदी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों का हवाला दिया था।

विस्तार

पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े 13,500 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सीबीआई भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के करीबी सहयोगी परब सुभाष शंकर को मंगलवार को मिस्र के काहिरा से मुंबई लेकर आई है। उसे विशेष विमान से मुंबई लाया गया। अदालत ने परब सुभाष शंकर को 26 अप्रैल तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है। 

अधिकारियों के मुताबिक लंबे समय तक चली राजनयिक और कानूनी प्रक्रिया के बाद उसके प्रत्यर्पण में सफलता मिली। 50 वर्षीय परब को लाने के लिए सीबीआई की एक टीम काहिरा पहुंची थी। कथित तौर पर उसे अवैध तरीके से नीरव मोदी के लोगों ने वहां कैद रखा था। अधिकारियों के अनुसार नीरव मोदी की फायर स्टार डायमंड में सहायक महाप्रबंधक (वित्त) रहे परब की पूरे घोटाले में बड़ी भूमिका रही है और वह इस मामले का प्रत्यक्ष गवाह भी है। 

सुभाष के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी हुआ था। घोटाले का 2018 में खुलासा होने के बाद मोदी और उसके चाचा मेहुल चोकसी के परिवार के साथ फरार होने के बाद लापता होने वाले कंपनी के अधिकारियों में परब का भी नाम था। नीरव मोदी पर पीएनबी से 13,500 करोड़ की धोखाधड़ी करने और धनराशि को अवैध रूप से अन्य देश भेजने का आरोप है। मार्च, 2019 में ब्रिटेन में नीरव मोदी की गिरफ्तारी हुई थी। नीरव मोदी फिलहाल लंदन की जेल में है। भारतीय एजेंसियों की ओर से दायर याचिका पर लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया था, लेकिन नीरव मोदी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों का हवाला दिया था।



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