Bihar PFI Case: गृह मंत्रालय ने बिहार के पीएफआई केस की जांच NIA को सौंपी, जानें पूरा मामला


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केंद्रीय गृहमंत्रालय (MHA) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बिहार के फुलवारी शरीफ मामले की जांच को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। वहीं एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एजेंसी फुलवारी शरीफ पीएफआई मामले (Phulwari Sharif PFI Case) को संभालने की प्रक्रिया में है। 

हाल ही में एनआईए द्वारा बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसा में तलाशी लेने के दौरान असगर अली रूप में पहचाने जाने वाले एक शिक्षक की गिरफ्तारी की गई थी। इसके दो दिन बाद गृहमंत्रालय ने यह निर्देश दिया है। 

दो फुलवारी शरीफ और एक लखनऊ से हुआ था गिरफ्तार
बता दें कि 13 जुलाई को राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ (Phulwari Shari) इलाके से बिहार पुलिस (Bihar Police) ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था। 

लोगों को सिखा रहे थे तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल
पटना पुलिस ने ‘आतंकी मॉड्यूल’ का खुलासा करते हुए दावा किया था कि जल्लाउद्दीन और परवेज स्थानीय लोगों को तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे। वे सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसा रहे थे। पुलिल ने बताया था कि तीनों आरोपियों के संबंध पीएफआई से है। उनके पास इस्लामी चरमपंथ से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। 

फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया था कि आरोपियों ने 6-7 जुलाई को स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया। उन्होंने कम उम्र के युवाओं को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया। एसएसपी ने कहा था कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाहों के खाते भी हैं। परवेज ने आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए लाखों रुपये चंदा जुटाया। 

आरोपी परवेज का भाई जा चुका जेल
एसएसपी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि दूसरे राज्यों से भी लोग पटना में उनसे मिलने आते थे और अपनी पहचान बदलकर पटना के होटलों में रहते ते। पुलिस ने इनके कब्जे से कई दस्तावेज बरामद किए। परवेज का छोटा भाई सिमी पर प्रतिबंध के बाद राज्य में हुए बम धमाकों के मामले में 2001-02 में जेल भी गया था।  

देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेश से जुटाता था धन
पुलिस जांच के मुताबिक परवेज विदेशी संगठनों के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में था और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाता था। प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में जांच कर रहा है। 

पुलिस ने बताया था कि उन्होंने जल्लाउद्दीन और परवेज के खिलाफ तलाशी अभियान के बाद अंग्रेजी में लिखे दो पैम्फलेट- इंडिया 2047 : टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया और पॉपुलस फ्रंट ऑफ इंडिया, 20 फरवरी 2021 को बरामद किया।

एनआईए विशेष न्यायालय ने सुनाई सजा 
एनआईए विशेष न्यायालय पटना, बिहार ने एक नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) तस्कर मोहम्मद अली अख्तर अंसारी को नक्सौल, पूर्व चंपारण में लगभग 25 लाख रुपये के मूल्य के साथ उच्च गुणवत्ता वाले FICN युक्त पार्सल की जब्ती से जुड़े मामले में दोषी ठहराया और सजा दी।

उदयपुर दर्जी हत्या मामले में आठवां आरोपी गिरफ्तार
इस बीच राजस्थान के उदयपुर में पिछले महीने एक दर्जी की हत्या की साजिश में शामिल 19 वर्षीय एक व्यक्ति को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि सिंधी सरकार की हवेली, खेराड़ीवाला निवासी मोहम्मद जावेद आठवां आरोपी है। जिसे उदयपुर के मालदास गली इलाके में धारदार हथियारों से लैस दो हमलावरों द्वारा कन्हैयालाल की उसकी दुकान में हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

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केंद्रीय गृहमंत्रालय (MHA) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को बिहार के फुलवारी शरीफ मामले की जांच को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। वहीं एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एजेंसी फुलवारी शरीफ पीएफआई मामले (Phulwari Sharif PFI Case) को संभालने की प्रक्रिया में है। 

हाल ही में एनआईए द्वारा बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसा में तलाशी लेने के दौरान असगर अली रूप में पहचाने जाने वाले एक शिक्षक की गिरफ्तारी की गई थी। इसके दो दिन बाद गृहमंत्रालय ने यह निर्देश दिया है। 

दो फुलवारी शरीफ और एक लखनऊ से हुआ था गिरफ्तार

बता दें कि 13 जुलाई को राजधानी पटना के फुलवारी शरीफ (Phulwari Shari) इलाके से बिहार पुलिस (Bihar Police) ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी मोहम्मद जल्लाउद्दीन और अतहर परवेज को गिरफ्तार किया था। एक अन्य आरोपी नूरुद्दीन जंगी को तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश एटीएस ने बिहार पुलिस के अनुरोध पर लखनऊ से गिरफ्तार किया था। 

लोगों को सिखा रहे थे तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल

पटना पुलिस ने ‘आतंकी मॉड्यूल’ का खुलासा करते हुए दावा किया था कि जल्लाउद्दीन और परवेज स्थानीय लोगों को तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखा रहे थे। वे सांप्रदायिक हिंसा के लिए उकसा रहे थे। पुलिल ने बताया था कि तीनों आरोपियों के संबंध पीएफआई से है। उनके पास इस्लामी चरमपंथ से जुड़े कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। 

फुलवारी शरीफ के अपर पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया था कि आरोपियों ने 6-7 जुलाई को स्थानीय लोगों को मार्शल आर्ट के नाम पर तलवार और चाकुओं का इस्तेमाल करना सिखाया। उन्होंने कम उम्र के युवाओं को धार्मिक हिंसा के लिए उकसाया। एसएसपी ने कहा था कि उनके पास सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ गवाहों के खाते भी हैं। परवेज ने आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के लिए लाखों रुपये चंदा जुटाया। 

आरोपी परवेज का भाई जा चुका जेल

एसएसपी के मुताबिक, जांच में पता चला है कि दूसरे राज्यों से भी लोग पटना में उनसे मिलने आते थे और अपनी पहचान बदलकर पटना के होटलों में रहते ते। पुलिस ने इनके कब्जे से कई दस्तावेज बरामद किए। परवेज का छोटा भाई सिमी पर प्रतिबंध के बाद राज्य में हुए बम धमाकों के मामले में 2001-02 में जेल भी गया था।  

देश विरोधी गतिविधियों के लिए विदेश से जुटाता था धन

पुलिस जांच के मुताबिक परवेज विदेशी संगठनों के सदस्यों के साथ लगातार संपर्क में था और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाता था। प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले में जांच कर रहा है। 

पुलिस ने बताया था कि उन्होंने जल्लाउद्दीन और परवेज के खिलाफ तलाशी अभियान के बाद अंग्रेजी में लिखे दो पैम्फलेट- इंडिया 2047 : टुवर्ड्स रूल ऑफ इस्लामिक इंडिया और पॉपुलस फ्रंट ऑफ इंडिया, 20 फरवरी 2021 को बरामद किया।

एनआईए विशेष न्यायालय ने सुनाई सजा 

एनआईए विशेष न्यायालय पटना, बिहार ने एक नकली भारतीय मुद्रा नोट (FICN) तस्कर मोहम्मद अली अख्तर अंसारी को नक्सौल, पूर्व चंपारण में लगभग 25 लाख रुपये के मूल्य के साथ उच्च गुणवत्ता वाले FICN युक्त पार्सल की जब्ती से जुड़े मामले में दोषी ठहराया और सजा दी।

उदयपुर दर्जी हत्या मामले में आठवां आरोपी गिरफ्तार

इस बीच राजस्थान के उदयपुर में पिछले महीने एक दर्जी की हत्या की साजिश में शामिल 19 वर्षीय एक व्यक्ति को राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि सिंधी सरकार की हवेली, खेराड़ीवाला निवासी मोहम्मद जावेद आठवां आरोपी है। जिसे उदयपुर के मालदास गली इलाके में धारदार हथियारों से लैस दो हमलावरों द्वारा कन्हैयालाल की उसकी दुकान में हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था।





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