आईवीएफ के जरिए पैदा हुए बच्चों में होता है जन्म दोष? जानें, इस ट्रीटमेंट से जुड़े ये 7 मिथ्स और फैक्ट्स


IVF Related Myths and Facts: आज आईवीएफ टेक्नीक (IVF Technology) के जरिए संतान सुख पाने का सपना उन कपल्स का साकार हो पा रहा है, जो किसी ना किसी शारीरिक समस्या, प्रजनन संबंधित समस्याओं के कारण माता-पिता नहीं बन पाते हैं. इस तकनीक के सफल (success rate of IVF) होने की संभावना भी काफी अधिक है, लेकिन आज भी कुछ लोगों के मन में आईवीएफ के जरिए पेरेंट्स बनने को लेकर डर, हिचक है. अधिकांश लोगों में जागरूकता, सामर्थ्य, एक्सेस की कमी है. भ्रूण स्थानांतरण (embryo transfer) और सरोगेसी से संबंधित कानूनी जानकारी के अभाव में भी लोग इसे ट्राई करने से घबराते हैं. समाज में व्याप्त आईवीएफ से संबंधित मिथक के कारण उनके मन में कई सवाल उठते हैं, जिसकी वजह से इस ट्राई करने में झिझकते हैं. जानें, आईवीएफ से जुड़े कुछ मिथ्स और फैक्ट्स (IVF Myths and Facts) के बारे में यहां.

मिथ 1 : आईवीएफ प्रेग्नेंसी में हमेशा सर्जरी के जरिए डिलीवरी होती है.
फैक्ट: क्रिस्टाआईवीएफ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, आईवीएफ प्रेग्नेंसी भी नेचुरल गर्भावस्था के समान होती है. कुछ जटिलताओं (complications) के कारण सी-सेक्शन की आवश्यकता उत्पन्न हो सकती है. ये जटिलताएं प्राकृतिक गर्भाधान के समान हो सकती हैं.

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मिथ 2: आईवीएफ के जरिए हमेशा जुड़वां बच्चों का जन्म होता है.
फैक्ट: यह सच है कि आईवीएफ उपचार में मल्टिपल प्रेग्नेंसी होना कॉमन है, लेकिन यह भी सच है कि सिंगल भ्रूण स्थानांतरण के लिए एडवांस एआरटी तकनीकों का उपयोग किया जा सकता है.

मिथ 3: आईवीएफ सिर्फ युवा जोड़ों को ही लाभ पहुंचाता है.
फैक्ट: ऐसा बिल्कुल नहीं है. आईवीएफ वयस्क कपल्स में भी सफल होता है, लेकिन युवा जोड़ों की तुलना में कुछ मामलों में यह कम प्रभावकारी साबित होता है.

मिथ 4 : आईवीएफ का सक्सेस रेट सौ प्रतिशत है और इससे इनफर्टिलिटी की समस्या भी दूर हो सकती है.
फैक्ट: यह पूरी तरह से सच नहीं है. आईवीएफ के सफल होने की संभावना आपकी उम्र, इनफर्टिलिटी का कारण, बायोलॉजिकल और हार्मोनल स्थिति पर निर्भर करता है. सौ प्रतिशत इसके सफल होने की संभावना हर किसी के मामले में नहीं होता है.

मिथ 5: आईवीएफ के जरिए जन्मे बच्चे में जन्म दोष और शारीरिक व मानसिक विकृतियां होती हैं.
फैक्ट: यह पूरी तरह से एक सुरक्षित प्रक्रिया है. आईवीएफ बच्चे को विकृतियों के साथ जन्म देने का जोखिम बहुत कम होता है. यह नेचुरल प्रेग्नेंसी की ही तरह होता है. आईवीएफ से पैदा हुए बच्चों और सामान्य रूप से पैदा होने वाले बच्चों की जन्मजात क्षमताओं में कोई अंतर नहीं होता है.

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मिथ 6: आईवीएफ की प्रक्रिया और उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है.
फैक्ट: इसमें कई दिनों के लिए उपचार के लिए हॉस्पिटल में भर्ती नहीं होना पड़ता है. अंडों के कलेक्शन की प्रक्रिया (egg collection procedures) के लिए कुछ घंटे के लिए रुकना पड़ सकता है. इसमें रात भर हॉस्पिटल में नहीं रहना पड़ता.

मिथ 7: जीवनशैली में बदलाव लाकर, हेल्दी डाइट अपनाकर आईवीएफ सफल हो सकती है.
फैक्ट: कई शोध से पता चला है कि स्ट्रेस इनफर्टिलिटी का कारण बनता है. एक दूसरी स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं 7 से 8 घंटे की नींद लेती हैं, उनमें आईवीएफ साइकिल के सफल होने की संभावना अधिक होती है. खराब खानपान, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, धूम्रपान, एल्कोहल के सेवन से भी स्पर्म और एग की क्वालिटी, फर्टिलिटी प्रभावित होती है. अंडरवेट महिलाओं में इनफर्टिलिटी की समस्या अधिक होती है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाकर आईवीएफ प्रक्रिया को सफल बनाया जा सकता है.

Tags: Health, Health tips, Lifestyle

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