Michael Saylor का इस बारे में मानना है कि कंपनी के सीईओ और चेयरमैन के रोल को अलग अलग बांटना कंपनी के लिए फायदेमंद होगा। इसके बाद कंपनी अपनी मुख्य रणनीति पर और ज्यादा बेहतर तरीके से काम कर पाएगी। Michael Saylor पिछले तीन दशकों से कंपनी के सीईओ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कंपनी के साथ कई उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। Saylor याद करते हैं जब 2000 में अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमिशन ने उनकी कंपनी पर आरोप लगाया था और उन्हें एक दिन में 6 बिलियन डॉलर (लगभग 4.7 खरब रुपये) गंवाने पड़े थे।
MICROSTRATEGY: MICHAEL SAYLOR WILL ASSUME EXECUTIVE CHAIR ROLE
New CEO at Microstrategy
— Caroline Hyde (@CarolineHydeTV) August 2, 2022
MicroStrategy में उनका काम अब बिटकॉइन खजाने को बढ़ाने की रणनीति को लेकर होगा, इसके साथ ही वे बिटकॉइन से जुड़ी दूसरी कई पहल पर भी काम करेंगे। कंपनी अगस्त 2020 में सुर्खियों में आ गई थी जब इसने बिटकॉइन को रिजर्व के रूप में अपनाया था। माइक्रोस्ट्रेट्जी दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin की सबसे बड़ी होल्डर है। जून में कंपनी ने 1 करोड़ डॉलर की कीमत के बिटकॉइन खरीदे थे। उस वक्त क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में भयंकर मंदी का दौर चल रहा था।
माइकल सेलर ने हमेशा ही कंपनी के बिटकॉइन रिजर्व को बढ़ाने के पक्ष में बात की है। जब पिछले दिनों बिटकॉइन की कीमत गिरावट के अधिकतम स्तर पर पहुंच चुकी थी, तब भी माइकल का कहना यही था कि लोगों को क्रिप्टो में विश्वास नहीं तोड़ना चाहिए, बल्कि निवेश के लिए इस मौके का फायदा उठाना चाहिए। इस बीच कंपनी का क्रिप्टो संबंधी नुकसान जून में 1 बिलियन डॉलर (लगभग 80 अरब रुपये) पर पहुंच गया था। माइकल सेलर के सीईओ पद को छोड़ने की खबर के बाद कंपनी के शेयर कुछ ही घंटों में 2 प्रतिशत तक गिर गए।
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