पंजाब में भाजपा का मास्टर प्लान: अमरिंदर की पार्टी का विलय जल्द, 2024 से पहले कैप्टन को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी


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पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 से ठीक पहले कांग्रेस से जुदा होकर नई पार्टी का गठन किया था। अमरिंदर सिंह की पार्टी का नाम ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ (पीएलसी) है। अब जल्द ही इस पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हो जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों लंदन में हैं। वहां उनकी रीढ़ की हड्डी की सफल सर्जरी हो गई है। वे अगले हफ्ते भारत लौटते ही विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे।

पीएलसी और भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इस विलय के बाद भाजपा कैप्टन को पंजाब में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। यह भी माना जा रहा है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन को मुख्य चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर लोकसभा की 13 और विधानसभा की सभी 117 सीटों पर अकेली उतरेगी।

गौरतलब है कि कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अलग पार्टी पीएलसी का गठन किया था लेकिन 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कोई कमाल नहीं दिखा सकी, हालांकि पीएलसी भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव में उतरी थी। पीएलसी एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी और कैप्टन स्वयं पटियाला से चुनाव हार गए। 

अपनी पार्टी का गठन करते समय कैप्टन का दावा था कि प्रदेश के अनेक कांग्रेस नेता उनकी पार्टी में शामिल होंगे लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस छोड़ने वाले सभी नेता पीएलसी के बजाय भाजपा में शामिल होने लगे। इनमें राणा गुरमीत सिंह सोढी और फतेहजंग बाजवा का नाम शामिल है। यह सिलसिला विधानसभा चुनाव के बाद भी जारी रहा। सुनील जाखड़, राजकुमार वेरका, बलबीर सिद्धू, सुंदर शाम अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, केवल सिंह ढिल्लो जैसे दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने कैप्टन की पीएलसी के बजाय भाजपा का दामन थामा।

विस्तार

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव- 2022 से ठीक पहले कांग्रेस से जुदा होकर नई पार्टी का गठन किया था। अमरिंदर सिंह की पार्टी का नाम ‘पंजाब लोक कांग्रेस’ (पीएलसी) है। अब जल्द ही इस पार्टी का विलय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में हो जाएगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों लंदन में हैं। वहां उनकी रीढ़ की हड्डी की सफल सर्जरी हो गई है। वे अगले हफ्ते भारत लौटते ही विलय की प्रक्रिया को अंतिम रूप देंगे।

पीएलसी और भाजपा के सूत्रों के अनुसार, इस विलय के बाद भाजपा कैप्टन को पंजाब में बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। यह भी माना जा रहा है कि भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद पंजाब विधानसभा चुनाव में कैप्टन को मुख्य चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर लोकसभा की 13 और विधानसभा की सभी 117 सीटों पर अकेली उतरेगी।

गौरतलब है कि कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ने के बाद अलग पार्टी पीएलसी का गठन किया था लेकिन 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कोई कमाल नहीं दिखा सकी, हालांकि पीएलसी भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव में उतरी थी। पीएलसी एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी और कैप्टन स्वयं पटियाला से चुनाव हार गए। 

अपनी पार्टी का गठन करते समय कैप्टन का दावा था कि प्रदेश के अनेक कांग्रेस नेता उनकी पार्टी में शामिल होंगे लेकिन इसके विपरीत कांग्रेस छोड़ने वाले सभी नेता पीएलसी के बजाय भाजपा में शामिल होने लगे। इनमें राणा गुरमीत सिंह सोढी और फतेहजंग बाजवा का नाम शामिल है। यह सिलसिला विधानसभा चुनाव के बाद भी जारी रहा। सुनील जाखड़, राजकुमार वेरका, बलबीर सिद्धू, सुंदर शाम अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, केवल सिंह ढिल्लो जैसे दिग्गज कांग्रेस नेताओं ने कैप्टन की पीएलसी के बजाय भाजपा का दामन थामा।



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