भैया मैं Aamir Khan हूं, मेरी फिल्म देख लो- 34 साल पहले रिक्शा और ऑटोवालों से यूं होती थीं मिन्नतें


जिन्हें लगता है कि आमिर खान (Aamir Khan) को फिल्मी बैकग्राउंड होने के नाते फिल्मों में आसानी से ब्रेक मिल गया था और उन्हें कोई स्ट्रगल नहीं करना पड़ा, तो ऐसा नहीं है। भले ही आमिर ने अंकल नासिर हुसैन की फिल्म ‘यादों की बारात’ से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट करियर शुरू किया था, लेकिन जब बात हीरो के रूप में डेब्यू की आई तो उन्हें खूब पापड़ बेलने पड़े। लोगों को उनकी फिल्म के बारे में पता चले, इसके लिए आमिर खान सड़कों की खाक छानते। वह रिक्शे से लेकर ऑटो वालों तक की मिन्नतें करते कि वो अपनी गाड़ी पर उनकी फिल्म का स्टिकर लगवा लें। उनकी फिल्म देखने जरूर जाएं।

Filmy Friday में आमिर खान की उसी फिल्म का किस्सा हम आपको बताने जा रहे हैं। यह फिल्म थी ‘कयामत से कयामत तक’, जो 1988 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म से आमिर खान ने बॉलिवुड में बतौर लीड हीरो डेब्यू किया था। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी, सभी जानते हैं। लेकिन इसके प्रमोशन के लिए आमिर खान किस हद तक गए, शायद ही किसी को पता हो। आज तो आमिर खान को सब नाम से ही जानते हैं। जरा सोचिए उस वक्त कोई उनका नाम ही नहीं जानता था।

‘कौन है आमिर खान? गर्ल नेक्स्ट डोर से पूछिए’

आमिर खान जिसके भी पास जाते और बोलते कि वो उनकी फिल्म देखें तो सब यही कहते कि कौन आमिर खान? हम नहीं जानते। इसी से फिल्म के मेकर्स और आमिर खान को एक अनूठा एड कैंपेन सूझा। इसके तहत फिल्म के कुछ पोस्टर बनाए गए, जिसमें न तो हीरो आमिर खान की तस्वीर थी और न ही हिरोइन जूही चावला की। सिर्फ एक चीज लिखी थी- आमिर खान कौन है? गर्ल नेक्स्ट डोर से पूछिए।


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लोगों के पास जा-जाकर फिल्म के लिए बोलते थे आमिर

लेकिन इस कैंपेन के बाद भी आमिर खान ने हिम्मत नहीं हारी। आमिर खान ने अपनी तरफ से हर संभव कोशिश की कि लोग उनकी फिल्म ‘कयामत से कयामत तक’ के बारे में जानें। इस बारे में आमिर खान ने ‘लहरें’ को दिए इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं फिल्म के लिए पूरी ‘कोशिश करता था। दोस्तों को बोलता था फिल्म देखने के लिए। जहां भी मैं किसी से मिलता था तो बोलता था कि आप भी फिल्म देखिएगा। यहां तक कि जो स्टिकर्स बने थे फिल्मों के, जो टैक्सी, बस और रिक्शों पर चिपकाते हैं, तो मैं दोस्त जुत्शी, मंसूर और उनकी बहन नूज़र के साथ गाड़ी में निकलते थे।’

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रिक्शा और ऑटो पर चिपकाते स्टिकर, कहते-भइया मेरी फिल्म देख लो

आमिर खान ने कहा कि जब वह लोगों से स्टिकर चिपकाने के लिए बोलते तो जहां कुछ चिपका लेते थे, वहीं कुछ यह कहकर इनकार कर देते थे कि न तो उन्हें फिल्म के बारे में पता है और न ही वो जानते हैं कि आमिर खान कौन है। आमिर ने इस बारे में आगे कहा था, ‘हम रोड पर टैक्सी और ऑटो वालों को रोकते थे। उनको बोलते थे कि भाई आप ये चिपकाइए। ये फिल्म आने वाली है। कुछ लोग तो चिपका लेते थे, लेकिन कुछ लोग बोलते थे कि नहीं, नहीं, हमको नहीं चिपकाना है। बोलते थे कि कौन सी फिल्म है, कौन हीरो है। तो हम बोलते थे कि आमिर खान है। सुनकर फिर वो लोग पूछर लोग देखें।’

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ब्लॉकबस्टर रही ‘कयामत से कयामत तक’
‘कयामत से कयामत तक’ एक रोमांटिक-म्यूजिकल फिल्म थी, जो रिलीज होने पर ब्लॉकबस्टर रही। फिल्म ने आमिर खान और जूही चावला को रातोंरात स्टार बना दिया था। इस फिल्म को आज भी हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जाता है। इसी फिल्म ने 90s में म्यूजिकल रोमांटिक फिल्मों के लिए एक बेंचमार्क सेट किया था। ‘कयामत से कयामत तक’ के हिट होने के बाद आमिर खान को हर कोई जानने लगा। फिल्मेमकर्स तक उन्हें एक साथ कई फिल्मों में साइन करने लगे थे।

फिल्म को मिला था नैशनल अवॉर्ड, आमिर बने थे ‘बेस्ट मेल डेब्यू’

‘कयामत से कयामत तक’ ने बेस्ट पॉप्युलर फिल्म का नैशनल अवॉर्ड जीता था। इसके अलावा 8 फिल्मफेयर अवॉर्ड्स भी जीते। आमिर खान को बेस्ट मेल डेब्यू तो जूही चावला को बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। अब आमिर खान फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ में नजर आएंगे।



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