Budget 2022: आयुष अस्‍पताल और ड‍िस्‍पेंसरीज होंगी अपग्रेड, 800 करोड़ होंगे खर्च


नई दिल्ली. कोरोना महामारी की समस्‍या से जूझ रहे देश के स्‍वास्थ्‍य स‍िस्‍टम को मजबूत बनाने के ल‍िए आम बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं. केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने आज लोकसभा में अगले साल का बजट (Union Budget 2022) पेश करते हुए आयुष मंत्रालय (Ayush Ministry) को एक बड़ी बजट राश‍ि का आवंटन क‍िया है. मोदी सरकार ने आयुष मंत्रालय के अधीनस्‍थ अस्‍पतालों और ड‍िस्‍पेंसरीज के व‍िस्‍तार के ल‍िए ही 800 करोड़ रुपए की राश‍ि का प्रावधान बजट में क‍िया है.

वि‍त्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने सदन में बजट प्रस्‍ताव प्रस्तुत करते हुए बताया क‍ि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष अस्पतालों और औषधालयों के विस्तार के लिये 800 करोड़ अलॉट किये गये हैं ताकि किफायती आयुष सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा सकें. साथ ही, अस्पतालों को अपग्रेड कर प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जा सकेगा.

इस बीच देखा जाए तो देश कोरोना महामारी (Coronavirus) की समस्‍या से प‍िछले दो सालों से जूझ रहा है. इस समस्‍या से न‍िपटने में आयुष मंत्रालय बड़ी भूम‍िका न‍िभाता रहा है.

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में आयुष मंत्रालय में शोध को बढ़ावा देने, किफायती आयुष सेवाओं का विस्तार करने, राज्यों के साथ मिलकर आयुष को बल देने तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आयुष के विकास पर खास जोर द‍िया. इसके चलते उन्‍होंने कहा क‍ि आयुष मंत्रालय को 3,050 करोड़ का बजट आवंटित किया है. पिछले वित्तीय वर्ष के लिए यह करीब 2,660 करोड़ था. उल्लेखनीय है कि पिछले सात वर्षों में आयुष के बजट में करीब चार गुना बढ़त हुई है.

केंद्रीय मंत्री ने कहा क‍ि आयुष मंत्रालय में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिये सबसे बड़ा बजट अलॉट किया है. बजट में आयुष की तीन प्रमुख अनुसंधान परिषदों को कुल 682 करोड़ की सौगात दी गई है. इसमें केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद को को 358.50 करोड़, केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद को 143.70 करोड़ और केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद को 175.80 करोड़ दिये गये हैं.

इस बजट से आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के वैधीकरण के लिये वैज्ञानिक अनुसंधान शुरू किये जाएंगे. इससे नई औषधियों की खोज, उसका सर्वेक्षण, उसके रिसर्च को बढ़ावा मिलेगा. इसके तहत औषधीय पादप अनुसंधान, चिकित्सा-नृजातीय वानस्पतिक सर्वेक्षण, औषधीय मानकीकरण और अनुसंधान के रिसर्च के पब्लिकेशन को नई दिशा मिलेगी.

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आयुष की केन्द्रीय परियोजनाओं को बढ़ावा
इस बार आयुष मंत्रालय की सेन्ट्रल सेक्टर स्कीमों को पंख देते हुए 306 करोड़ का बजट आवंटित किया है. दूसरा सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा फोकस मंत्रालय की लोक कल्याणकारी योजनाओं पर किया गया है ताकि आमजन को आयुर्वेद और पारम्परिक चिकित्सा का भरपूर लाभ मिल सके। पिछली बार इसके लिये 235 करोड़ का बजट दिया गया था.

पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विकास के लिए दोगुनी राशि
बजट में इस बार पूर्वोत्तर क्षेत्रों के विकास के लिए और राज्य सरकार को दी जाने वाली सहायता अनुदान धनराशि में भी काफी अहम बढ़त की गयी है. पिछली बार जहां पूर्वोत्तर क्षेत्र को बजट में 102.47 करोड़ दिये गये थे. वहीं इस बार इसे बढ़ाकर 181.97 कर दिया गया है. इसी तरह राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता अनुदान धनराशि में बढ़ोतरी करते हुए 610 करोड़ कर दिया गया है जबकि पिछली बार यह धनराशि 422.40 करोड़ थी.

विश्व के पहले WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन को भी मिला बजट
विश्व के पहले डब्ल्यूएचओ (WHO) ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना देश में की जा रही है. यह पारंपरिक चिकित्सा के लिए विश्व का पहला और एकमात्र डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर होगा. इसका सीधा असर देश में पारंपरिक औषधि सेक्टर के निवेश में देखने को मिलेगा. केंद्रीय बजट में इस सेंटर के लिये भी पर्याप्त बजट का प्राविधान किया गया है.

Tags: Budget, Health News, Nirmala sitharaman

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