नई दिल्ली. Budget 2022 : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) के बजट (Budget 2021-22) में किसानों किसानों के लिये कोई बहुत बड़ा ऐलान नहीं हुआ है. वित्त मंत्री ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ एससी-एसटी किसानों को एग्रो-फॉरेस्ट्री के लिए मदद देने का ऐलान किया है. खेती के लिये बजट में जो खास बात है, वो है कि सरकार का जोर कृषि में तकनीक को बढ़ावा देना है.
कृषि (Agriculture) में आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल के लिये पीपीपी मोड पर योजनायें चलाने का ऐलान सरकार ने किया है. सरकार को लगता है कि आधुनिक तकनीकों से ही किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है. वित्तमंत्री ने बजट भाषण में खेती में ड्रोन (Drone) के उपयोग करने का भी उल्लेख किया है. कृषि में ड्रोन का उपयोग एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, लेकिन फिलहाल यह प्रयोग अभी शैशावस्था में ही है.
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अभी विकसित ही नहीं हुये हैं सही ड्रोन
फसल मूल्यांकन, भूमि रिकॉर्ड, कीटनाशकों के छिड़काव आदि के लिये ड्रोन के इस्तेमाल का जिक्र अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने किया है. लेकिन, हकीकत यह है कि देश में अभी कृषि के लिये उपयुक्त ड्रोन बने ही नहीं हैं. फिलहाल इफको (IFFCO) जैसी कुछ सहकारी संस्थायें ड्रोन उपयोग पर काम कर रही हैं. वो किसानों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण भी उपलब्ध करा रही हैं. किसान संगठनों को ड्रोन खरीदने पर सरकार सब्सिडी भी दे रही है.
लेकिन, फिलहाल जो ड्रोन उपलब्ध हैं वो ज्यादा भार उठाकर उड़ नहीं सकते. इसलिये खेती में कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव में वो कामयाब नहीं हैं. अब बजट में कृषि स्टार्टअप को सहायता देने की बात वित्तमंत्री ने कही है. अगर सरकार नाबार्ड की सहायता से अपनी इस योजना को सही तरीके से जमीन पर उतार दे तो, निश्चित यह एक क्रांतिकारी कदम होगा.
बहुत फायदेमंद हैं ड्रोन
ड्रोन के प्रयोग से विदेशों में फसलों में न केवल कीटनाशक का छिड़काव (Insecticide Spraying) किया जाता है, बल्कि इससे फसल की निगरानी भी की जाती है. ड्रोन में लगी तकनीक से बीमारियों का पता ता लगाया ही जाता है, साथ ही पोषक तत्वों की उपलब्धता पर भी नजर रखी जाती है.
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अगर भारत में भी उन्नत ड्रोन खेती में प्रयोग होने के लिये उपलब्ध हों तो, इससे किसानों को बहुत फायदा होगा. आज कीटनाशक दवाओं के छिड़काव और खेत में खाद डालने पर किसान को बहुत खर्च करना पड़ता है. साथ ही समय भी बहुत लगता है.
वित्तमंत्री ने उन स्टार्टअप को भी सहायता देने की बात कही है जो कृषि के लिये काम कर रहे हैं या काम करने को इच्छुक हैं. बजट में ऐसे स्टार्टअप की नाबार्ड द्वारा सहायता किये जाने का वादा भी किया गया है. कृषि स्टार्अअप को अगर सरकारी सहायता मिलेगी तो खेती में तकनीक का विकास होगा, इसमें कोई शक नहीं है.
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