Budget 2022: कोविड की मार से जूझ रही अर्थव्यवस्था, उबारने के लिए इन मुद्दों पर हो सकता है फोकस


नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) आज संसद में लगातार अपना चौथा बजट (Budget 2022) पेश करेंगी. उम्मीद की जा रही है कि वे एक संतुलित और ग्रोथ में सहायक बजट पेश कर सकती हैं जिससे देश की अर्थव्यवस्था को गति मिले, नया निवेश आए, नई नौकरियों का सृजन हो, माइक्रो, स्माल और मीडियम इंटरप्राइजेज को बढ़ावा मिले, देश में पब्लिक हेल्थ केयर सिस्टम और मजूबत हो. साथ ही देश की इकोनॉमी कोविड -19 महामारी के बुरे दौर से बाहर आए.

यह बजट उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों  (UP Assembly Elections) के पहले चरण के मतदान 10 फरवरी से ठीक पहले आ रहा है. यूपी के साथ-साथ 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए इस बात की संभावना है कि बजट में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को लेकर बड़ी घोषणाएं की जा सकती है. क्योंकि यूपी और पंजाब में किसानों का एक बड़ा तबका मतदाता के तौर पर अपना जनादेश देगा.

एशिया की तीसरी बड़ी आर्थिक महाशक्ति भारत ने मार्च में खत्म होने जा रहे वित्तीय वर्ष के लिए आर्थिक विकास की दर को 9.2 फीसदी रखा है. जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह दर 7.3 प्रतिशत थी. 1 अप्रैल 2022 से लागू होने वाले इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर बड़ी घोषणाओं की उम्मीद है ताकि देश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिल सके.

मध्यम वर्ग को आयकर में राहत की उम्मीद
वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन इकॉनमी के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पूंजीगत व्यय के उच्च स्तर पर बने रहने की संभावना है जबकि वित्त वर्ष 2023 में इसके लिए हेल्दी टैक्स रेवेन्यू और मेगा विनिवेश पाइपलाइन राजकोषीय घाटे को 5 फीसदी तक नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.

वहीं मध्यम वर्ग भी आयकर में थोड़ी राहत की उम्मीद जता रहा है हालांकि अभी यह अस्पष्ट है कि वित्त मंत्री इसे लेकर कोई बड़ा ऐलान करेंगी. लेकिन ऐसा अनुमान है कि
आयकर की न्यूनतम छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाई जा सकती है.

आर्थिक सर्वे जारी होने के साथ ही बजट पेश होने के लिए मंच भी सज चुका है. आर्थिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2022-23 (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 8-8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. समीक्षा के मुताबिक, 2022-23 का वृद्धि अनुमान इस धारणा पर आधारित हैं कि आगे कोई महामारी संबंधी आर्थिक व्यवधान नहीं आएगा, मानसून सामान्य रहेगा, कच्चे तेल की कीमतें 70-75 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के व्यवधान इस दौरान लगातार कम होंगे.

इसमें यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पाने के लिए, भारत को इन वर्षों में बुनियादी ढांचों पर करीब 1.4 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने होंगे.

विश्लेषकों का मानना है कि वित्त मंत्री को देश के आशाजनक लेकिन नवोदित आर्थिक सुधार और कर संग्रह की गति को बनाए रखते हुए एक संतुलन बनाना होगा, लेकिन साथ ही मांग को बढ़ाने, रोजगार पैदा करने और देश के रूप में मुद्रास्फीति से निपटने के उपायों को भी देखना होगा क्योंकि देश कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर से जूझ रहा है.

‘राजकोषीय विवेकपूर्ण’ होने के साथ-साथ ‘विकास सहायक’ होने के नाते, उनसे व्यापक रूप से उच्च कैपेक्स आवंटन के माध्यम से विकास के एजेंडे को जारी रखने की उम्मीद की जाती है, जो निवेश चक्र और रोजगार में तेजी लाएगा. कर राजस्व में उछाल, अपेक्षाकृत निहित खर्च और नाममात्र की उच्च जीडीपी ग्रोथ से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत के अनुमान से नीचे 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.

रोड, रेल और जल को लेकर हो सकती हैं अहम घोषणाएं
इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट को लेकर रोड, रेलवे और जल से संबंधित बड़ी घोषणाएं की जा सकती है. वहीं टैक्स प्रक्रिया को और सरल बनाने को लेकर भी बजट में कुछ बड़े ऐलान हो सकते हैं. उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और छोटे उद्योगों को सहायता देने के लिए भी सरकार कुछ घोषणाएं कर सकती है. वहीं घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने के लिए बजट में गर्वंमेंट प्रॉडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव स्कीम (PLI) को लेकर भी टेलिकॉम, फार्मा, स्टील, टेक्सटाइल्स, फूड प्रोसेसिंग, व्हाइट गुड्स, आईटी हार्डवेयर और सोलर सेक्टर को लेकर कुछ ऐलान हो सकते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का पूरा फोकस इस बात पर रहेगा कि आखिर कैसे बजट के जरिए कोविड की मार से जूझ रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाए. इसके लिए कर कानून में संशोधन से ग्रोथ की संभावना, इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश, कोर सेक्टर्स, मैन्युफेक्चरिंग और अन्य मुद्दे शामिल हैं जिन्हें सरकार इस बजट में प्राथमिकता के तौर पर लेगी और इनसे जुड़ी बड़ी घोषणाएं कर सकती है.

Tags: Budget, Finance minister Nirmala Sitharaman

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