बजट सत्र: बिना अनुमति स्टडी सेंटर के निर्माण पर लाखों खर्च, मंत्री ने माना नियमों का उल्लंघन हुआ, कहा- मामले की जांच जरूरी


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समाना के गांव भानरी में सरकारी महिंदरा कॉलेज पटियाला द्वारा खोले जा रहे स्टडी सेंटर को लेकर सदन में उठाए गए सवाल पर आखिरकार पंजाब के उच्च शिक्षा एवं भाषाएं मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को मानना पड़ा कि पूरे मामले में नियमों का उल्लंघन हुआ है और 32 लाख की धांधली हुई है। मंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।

पंजाब विधानसभा के दूसरे बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने यह सवाल उठाया कि स्टडी सेंटर का निर्माण कब शुरू हुआ था और इसके निर्माण में क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? स्टडी सेंटर का निर्माण कार्य कब से बंद किया गया और बाकी बचा काम कब तक पूरा कर लिया जाएगा?

इसका जवाब देते हुए मंत्री मीत हेयर ने बताया कि स्टडी सेंटर के निर्माण का काम 16 मार्च 2017 में शुरू हुआ था। इसके लिए कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा सीनियर आर्किटेक्चर (दक्षिण) नाभा रोड पटियाला को हिदायतें जारी की थीं। कार्यकारी इंजीनियर निर्माण मंडल पीडब्ल्यूडी पटियाला को भी सूचित किया था, जिस पर पीडब्ल्यूडी ने टेंडर से 16 मार्च 2017 को निर्माण कार्य शुरू कराया।

बाद में पीडब्ल्यूडी की ओर से ही 10 जुलाई 2017 को कॉलेज को एक पत्र जारी करके निर्माण कार्य रोकने की जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की ओर से कॉलेज को स्टडी सेंटर निर्माण की अनुमति न मिलने के कारण काम रोक दिया गया है। इस पर जोड़ामाजरा ने पूरक प्रश्न करते हुए सदन को बताया कि नियमों के अनुसार सरकारी कॉलेजों की कोई शाखा नहीं खोली जा सकती। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग करते हुए बताया कि 32 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया, जो नियमों के विरुद्ध था। मंत्री ने सदन में माना कि इस मामले की जांच जरूरी है।

10 साल में 251 किसानों को ही मिला मनरेगा का लाभ
विधायक नरिंदर कौर भराज ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री से पूछा कि पंजाब सरकार की मनरेगा के तहत कोई ऐसी नीति है जिसका पांच एकड़ भूमि वाले किसान अपने खेत में लाभ ले सकें। अगर ऐसी नीति है तो दस साल के दौरान कितने किसानों को लाभ मिला है? इसके जवाब में पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने कहा कि मनरेगा स्कीम के तहत पांच एकड़ भूमि वाले किसान अपने ही खेतों में काम करके लाभ ले सकते हैं लेकिन यह आश्चर्यजनक है कि बीते 10 साल में इस योजना का केवल 251 किसानों ने ही लाभ प्राप्त किया। इस पर भराज द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्न के जवाब में पंचायत मंत्री ने कहा कि वह इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए किसानों को जागरूक करेंगे और लाभ पाने वालों की संख्या लाखों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

खस्ता हाल पखोवाल रोड की मरम्मत
विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने सवाल किया कि लोक निर्माण मंत्री बताएं कि शहीद करतार सिंह सराभा मार्ग पखोवाल रोड़ की खस्ता हालत को देखते हुए इस सड़क की मरम्मत करने का कोई प्रस्ताव है? इसके जवाब में लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ने कहा कि इस सड़क की मरम्मत का प्रस्ताव स्पेशल असेसमेंट टू स्टेटस कैपिटल इनवेस्टमेंट फार 2022-23 के अधीन वित्त विभाग को भेजा गया है, जैसे ही वित्त विभाग इसके लिए फंड जारी करेगा, मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा।

सदन में गूंजा टीचरों की भर्ती का मुद्दा
प्रश्नकाल के दौरान ही सदन में शिक्षा विभाग के तहत टीचरों की भर्ती का मुद्दा भी गूंजा। विधायक चरणजीत सिंह ने सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल डल्ला जिला रोपड़ के हाई और मिडिल स्कूलों में अध्यापकों के खाली पद भरने के बारे में शिक्षा मंत्री से जानना चाहा, जिस पर शिक्षा मंत्री मीत हेयर ने बताया कि खाली पद जल्द ही सीधी भर्ती, पदोन्नतियां और ट्रांसफर के जरिये भरने के प्रयास किए जाएंगे। इस पर नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि नौकरियां के लिए नौजवान टंकियों पर चढ़ रहे हैं, धरने दे रहे हैं, इसलिए सरकार को पक्की भर्ती करनी चाहिए। 2002 से 2007 तक जब वह शिक्षा मंत्री थे तो 45 दिन में 18 हजार मुलाजिमों की भर्ती की गई थी, जो आज भी की जा सकती है। इस पर शिक्षा मंत्री मीत हेयर ने उन्हें प्रदेश में शिक्षा और स्कूलों की हालत के बारे में याद दिलाने की कोशिश की, जिसमें मुख्यमंत्री ने भी शामिल होते हुए पंजाब में स्कूलों और शिक्षा की बुरी हालत का जिक्र किया। सदन में बहस के हालात बन गए लेकिन स्पीकर ने सबको शांति बनाए रखने की अपील करते हुए मामला शांत कराया।

पंजाब में शादी करने वाली एससी युवती को सुविधाएं क्यों नहीं?
विधायक बुधराम ने एससी वर्ग से संबंधित एक मुद्दा उठाते हुए सवाल किया कि अगर हरियाणा में पैदा हुई एससी वर्ग की लड़की पंजाब में एससी जाति के लड़के से शादी कर ले तो उसे पंजाब में एससी वर्ग की सुविधाएं नहीं मिलती, हालांकि उसके बच्चों को सारी सुविधाएं मिल जाती हैं, ऐसा क्यों है? इस पर सामाजिक न्याय आधिकारिता व अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि 1984 में केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार दूसरे राज्यों से माइग्रेट होकर आए एससी जाति से लोगों को एससी वर्ग से संबंधित लाभ उनके मूल राज्य द्वारा ही दिए जाते हैं।

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समाना के गांव भानरी में सरकारी महिंदरा कॉलेज पटियाला द्वारा खोले जा रहे स्टडी सेंटर को लेकर सदन में उठाए गए सवाल पर आखिरकार पंजाब के उच्च शिक्षा एवं भाषाएं मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को मानना पड़ा कि पूरे मामले में नियमों का उल्लंघन हुआ है और 32 लाख की धांधली हुई है। मंत्री ने स्वीकार किया कि इस मामले की जांच होनी चाहिए।

पंजाब विधानसभा के दूसरे बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक चेतन सिंह जोड़ामाजरा ने यह सवाल उठाया कि स्टडी सेंटर का निर्माण कब शुरू हुआ था और इसके निर्माण में क्या प्रक्रिया अपनाई गई थी? स्टडी सेंटर का निर्माण कार्य कब से बंद किया गया और बाकी बचा काम कब तक पूरा कर लिया जाएगा?

इसका जवाब देते हुए मंत्री मीत हेयर ने बताया कि स्टडी सेंटर के निर्माण का काम 16 मार्च 2017 में शुरू हुआ था। इसके लिए कॉलेज के प्रिंसिपल द्वारा सीनियर आर्किटेक्चर (दक्षिण) नाभा रोड पटियाला को हिदायतें जारी की थीं। कार्यकारी इंजीनियर निर्माण मंडल पीडब्ल्यूडी पटियाला को भी सूचित किया था, जिस पर पीडब्ल्यूडी ने टेंडर से 16 मार्च 2017 को निर्माण कार्य शुरू कराया।

बाद में पीडब्ल्यूडी की ओर से ही 10 जुलाई 2017 को कॉलेज को एक पत्र जारी करके निर्माण कार्य रोकने की जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की ओर से कॉलेज को स्टडी सेंटर निर्माण की अनुमति न मिलने के कारण काम रोक दिया गया है। इस पर जोड़ामाजरा ने पूरक प्रश्न करते हुए सदन को बताया कि नियमों के अनुसार सरकारी कॉलेजों की कोई शाखा नहीं खोली जा सकती। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग करते हुए बताया कि 32 लाख रुपये का टेंडर जारी किया गया, जो नियमों के विरुद्ध था। मंत्री ने सदन में माना कि इस मामले की जांच जरूरी है।



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