Case Pending in Courts: देश की अदालतों में पेंडिंग हैं करीब साढ़े चार करोड़ मामले, कानून मंत्री ने कहा- चिंताजनक


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केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने अटल नगर के नवा रायपुर में रायपुर खंडपीठ परिसर में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के नए केंद्रीय सचिवालय भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर आयोजित उद्घाटन समारोह में बोलते हुए शनिवार को उन्होंने देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है वह चिंता का विषय है।

लोकसभा में केंद्र ने दी थी जानकारी
गौरतलब है कि इससे पहले इस साल मार्च में केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि देश की विभिन्न अदालतों में 4.70 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट में इस साल दो मार्च तक 70,154 मामले लंबित थे। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने अपने लिखित जवाब में कहा था कि 25 उच्च न्यायालयों में 21 मार्च तक 58,94,060 मामले लंबित थे। उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में लंबित मामलों का आंकड़ा नेशनल ज्युडिशियल डाटा ग्रिड के पास उपलब्ध नहीं है।

किरेन रिजिजू ने जताई चिंता 
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि लंबित मामलों में वृद्धि का मतलब यह नहीं है कि मामलों की सुनवाई या निपटारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि नए मामलों की संख्या प्रतिदिन निपटाए जाने वाले मामलों की तुलना में दोगुनी है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैंने कानून मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला तो विभिन्न अदालतों में लगभग 4.50 करोड़ मामले लंबित थे। अब यह संख्या 4.50 करोड़ से अधिक हो गई है और जल्दी ही यह 5 करोड़ तक पहुंच जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि मामलों का निपटारा नहीं किया जा रहा है, लेकिन नए मामलों की संख्या निपटाए जा रहे मामलों से दोगुनी है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उच्च न्यायालय एक दिन में 300 मामलों का निपटारा करता है, तो 600 नए मामले सुनवाई के लिए आते हैं।

अदालतों में मामलों के निपटान की दर में वृद्धि हुई 
 केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि इसे बारीकी से समझने की जरूरत है। अदालतों में मामलों के निपटान की दर में वृद्धि हुई है और प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से मामलों के त्वरित निपटान में मदद मिल रही है, लेकिन जिस गति से लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है वह चिंताजनक है।

आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के नए केंद्रीय सचिवालय भवन का उद्घाटन समारोह के मौके पर उन्होंने कहा कि देश में  व्यापार बढ़ रहा है इसलिए विवाद बढ़ रहे हैं। कारोबार नहीं होगा तो मामले नहीं होंगे। एक तरह से यह सकारात्मक बात है लेकिन सकारात्मक विकास का कोई न कोई समाधान होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आईटीएटी की भी सराहना की और कहा कि इसने कोरोनोवायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान मामलों की पेंडेंसी को कम कर दिया है।

स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर कानून मंत्री ने दिया जोर
कानून मंत्री ने कहा लंबित मामलों का विवरण ऑनलाइन रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट के मुद्दे पर प्रस्ताव विचाराधीन है। इस दौरान उन्होंने अदालत में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। 

विस्तार

केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे। यहां उन्होंने अटल नगर के नवा रायपुर में रायपुर खंडपीठ परिसर में आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के नए केंद्रीय सचिवालय भवन का उद्घाटन किया। इस मौके पर आयोजित उद्घाटन समारोह में बोलते हुए शनिवार को उन्होंने देश की अलग-अलग अदालतों में लंबित मामलों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या जिस तेजी से बढ़ रही है वह चिंता का विषय है।

लोकसभा में केंद्र ने दी थी जानकारी

गौरतलब है कि इससे पहले इस साल मार्च में केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी थी कि देश की विभिन्न अदालतों में 4.70 करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट में इस साल दो मार्च तक 70,154 मामले लंबित थे। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने अपने लिखित जवाब में कहा था कि 25 उच्च न्यायालयों में 21 मार्च तक 58,94,060 मामले लंबित थे। उन्होंने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार में लंबित मामलों का आंकड़ा नेशनल ज्युडिशियल डाटा ग्रिड के पास उपलब्ध नहीं है।

किरेन रिजिजू ने जताई चिंता 

कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने यह भी कहा कि लंबित मामलों में वृद्धि का मतलब यह नहीं है कि मामलों की सुनवाई या निपटारा नहीं किया जा रहा है, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि नए मामलों की संख्या प्रतिदिन निपटाए जाने वाले मामलों की तुलना में दोगुनी है।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब मैंने कानून मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला तो विभिन्न अदालतों में लगभग 4.50 करोड़ मामले लंबित थे। अब यह संख्या 4.50 करोड़ से अधिक हो गई है और जल्दी ही यह 5 करोड़ तक पहुंच जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि मामलों का निपटारा नहीं किया जा रहा है, लेकिन नए मामलों की संख्या निपटाए जा रहे मामलों से दोगुनी है। उदाहरण के लिए, यदि कोई उच्च न्यायालय एक दिन में 300 मामलों का निपटारा करता है, तो 600 नए मामले सुनवाई के लिए आते हैं।

अदालतों में मामलों के निपटान की दर में वृद्धि हुई 

 केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि इसे बारीकी से समझने की जरूरत है। अदालतों में मामलों के निपटान की दर में वृद्धि हुई है और प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग से मामलों के त्वरित निपटान में मदद मिल रही है, लेकिन जिस गति से लंबित मामलों की संख्या बढ़ रही है वह चिंताजनक है।

आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण के नए केंद्रीय सचिवालय भवन का उद्घाटन समारोह के मौके पर उन्होंने कहा कि देश में  व्यापार बढ़ रहा है इसलिए विवाद बढ़ रहे हैं। कारोबार नहीं होगा तो मामले नहीं होंगे। एक तरह से यह सकारात्मक बात है लेकिन सकारात्मक विकास का कोई न कोई समाधान होना चाहिए। इस दौरान उन्होंने आईटीएटी की भी सराहना की और कहा कि इसने कोरोनोवायरस के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान मामलों की पेंडेंसी को कम कर दिया है।

स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर कानून मंत्री ने दिया जोर

कानून मंत्री ने कहा लंबित मामलों का विवरण ऑनलाइन रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि ई-कोर्ट के मुद्दे पर प्रस्ताव विचाराधीन है। इस दौरान उन्होंने अदालत में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। 



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