मंकीपॉक्स की स्थिति पर केंद्र की कड़ी नजर, संदिग्ध सैम्पल को जांच के लिए NIV भेजने के निर्देश


नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने एनसीडीसी और आईसीएमआर को विदेश में मंकीपॉक्स की स्थिति पर कड़ी नजर रखने और प्रभावित देशों से आने वाले संदिग्ध बीमार यात्रियों के नमूने को आगे की जांच के लिए पुणे स्थित एनआईवी भेजने का निर्देश दिया है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई से कहा, “सिर्फ ऐसे सैम्पल ही पुणे स्थित एनआईवी को भेजे जाएं, जहां व्यक्ति में कुछ विशिष्ट लक्षण नजर आते हैं, सभी बीमार यात्रियों के सैम्पल नहीं भेजने हैं.”

हालांकि भारत में अभी तक इससे संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन ब्रिटेन, इटली, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन और अमेरिका में लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं. कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस इस बीमारी के संभावित संक्रमणों की जांच कर रहे हैं जिनमें मृत्यु दर 10 प्रतिशत हो सकती है. कुल मिलाकर, मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध और पुष्ट मामले सामने आए हैं.

मंकीपॉक्स क्या है?
मंकीपॉक्स मानव चेचक के समान एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है. यह पहली बार 1958 में शोध के लिए रखे गए बंदरों में पाया गया था. मंकीपॉक्स से संक्रमण का पहला मामला 1970 में दर्ज किया गया था. यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है और कभी-कभी अन्य क्षेत्रों में पहुंच जाता है.

(इनपुट भाषा से भी)

Tags: ICMR, NIV Pune



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