न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 08 Jun 2022 10:14 PM IST
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सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआईआई) ने देश के दवा नियामक से सर्वाइकल कैंसर रोधी वैक्सीन का उत्पादन करने के लिए मंजूरी मांगी है। भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट हम्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) पूरी तरह से स्वदेश में ही विकसित की गई है। कंपनी ने इसे सर्ववैक ब्रांड नाम दिया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पुणे स्थित एसआईआई ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीओबी) की सहायता से इस वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण को पूरा करने के बाद भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) से बाजार में बिक्री के लिए वैक्सीन का उत्पादन करने की अनुमति मांगी है।
लाखों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर
एसआईआई में सरकार और नियामक मामलों में निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने डीसीजीआई को सौंपे आवेदन में कहा है कि सर्ववैक वैक्सीन ने मजबूत एंटीबाडी रिस्पांस दिखाया है जो सभी प्रकार के लक्षित एचपीवी और डोज व आयु समूहों आधार पर लगभग एक हजार गुना अधिक है। आवेदन में सिंह ने कहा कि हर साल लाखों महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के साथ-साथ कुछ अन्य कैंसर का पता चलता है और मृत्यु अनुपात भी बहुत अधिक है।
कंपनी ने प्रस्तुतिकरण भी दिया
माना जा रहा है कि बुधवार को कंपनी ने डॉ. एनके अरोड़ा अध्यक्षता वाली एचपीवी के कार्यकारी समूह के समक्ष प्रस्तुतिकरण भी दिया है। सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 वर्ष आयुवर्ग की महिलाओं में सबसे ज्यादा पाया जाता है। आवेदन में जिक्र किया गया है कि हर साल लाखों महिलाओं को गर्भाशय का कैंसर होता है और इस मामले में मृत्यु दर बहुत अधिक है।
इसमें कहा गया है कि वर्तमान में हमारा देश गर्भाशय कैंसर के टीके के लिए पूरी तरह से विदेशी निर्माताओं पर निर्भर है, हमारे देश के नागरिक इन टीकों को बहुत अधिक कीमत पर खरीदने के लिए बाध्य हैं। एसआईआई के सीईओ अदार सी पूनावाला के नेतृत्व में देश और दुनिया के लोगों के लिए सस्ती कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाले ‘मेड इन इंडिया’ टीके उपलब्ध कराने का हमारा हमेशा से प्रयास रहा है।