सार
सीजीएचएस के दायरे में आने वाले सूचीबद्ध ‘स्वास्थ्य देखभाल संगठन’ यानी प्राइवेट अस्पतालों की वैधता को छह माह तक बढ़ा दिया गया है। देश में लगभग 35 लाख कर्मी, सीजीएचएस के दायरे में आते हैं…
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत ऐसे कर्मचारी, जिनके पास सीजीएचएस कार्ड है, उन्हें सितंबर 2022 तक पुराने रेटों पर ही मेडिकल टेस्ट एवं इलाज की सुविधा मिलेगी। वजह, सीजीएचएस के दायरे में आने वाले सूचीबद्ध ‘स्वास्थ्य देखभाल संगठन’ यानी प्राइवेट अस्पतालों की वैधता को छह माह तक बढ़ा दिया गया है। देश में लगभग 35 लाख कर्मी, सीजीएचएस के दायरे में आते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ‘सीजीएचएस’ महानिदेशालय ने 29 मार्च को उक्त आदेश जारी किया है।
31 मार्च 2022 तक बढ़ाई थी
सीजीएचएस कार्ड धारकों को अब अपने इलाज और मेडिकल टेस्ट के लिए चिंता नहीं करनी होगी। कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार ने सीजीएचएस के दायरे में आने वाले सूचीबद्ध ‘स्वास्थ्य देखभाल संगठन’ यानी निजी अस्पतालों की वैधता को अब 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था। इसका मकसद यह था कि केंद्रीय कर्मियों को इलाज के लिए कोई दिक्कत न हो। अगर कोई सूचीबद्ध अस्पताल, सीजीएचएस से बाहर हो जाता है तो उन कर्मियों को इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है, जो लंबे समय से उसी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। सीजीएचएस की सूची से बाहर होने के बाद संबंधित प्राइवेट अस्पताल में सस्ते रेटों पर टेस्ट और इलाज कराना संभव नहीं हो पाता।
पहले इन संगठनों की वैधता 31 मार्च 2021 तक थी। कोरोना के दौरान केंद्र सरकार ने सीजीएचएस लाभार्थियों को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा तय रेटों पर मेडिकल टेस्ट कराने की सुविधा प्रदान की थी। यदि कोई प्राइवेट मेडिकल संस्थान ‘एनएबीएल’ से मान्यता प्राप्त नहीं है, तो वहां पर जांच के लिए नॉन एनएबीएल रेट से फीस लेना, तय हुआ था। देश में अनेक प्राइवेट अस्पताल, सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध हैं। उन्हें एक तय अवधि के बाद अपने अनुबंध का नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनेक गाइडलाइन जारी की गई हैं। सीजीएचएस के अधिकारी, पैनल वाले अस्पतालों की कार्यप्रणाली की निरंतर समीक्षा करते रहते हैं।
समीक्षा के दौरान, कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं कि किसी प्राइवेट अस्पताल या लैब ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मापदंडों के अनुसार, सीजीएचएस लाभार्थियों को सुविधा प्रदान नहीं की है तो उसका नवीनीकरण रद्द कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में नए मेडिकल संस्थान, सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध होते रहते हैं। केंद्र सरकार ने 2020 में 10 अक्तूबर से सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संगठनों की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी थी। मार्च में कोरोना की दूसरी लहर आने के दौरान, केंद्रीय कर्मियों और उनके परिजनों को इलाज में कोई परेशानी न हो, इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य देखभाल संगठनों की वैधता को छह माह के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था। उसके बाद दोबारा से सीजीएचएस महानिदेशालय ने सूचीबद्ध अस्पतालों को छह माह का विस्तार दे दिया गया था।
विस्तार
केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत ऐसे कर्मचारी, जिनके पास सीजीएचएस कार्ड है, उन्हें सितंबर 2022 तक पुराने रेटों पर ही मेडिकल टेस्ट एवं इलाज की सुविधा मिलेगी। वजह, सीजीएचएस के दायरे में आने वाले सूचीबद्ध ‘स्वास्थ्य देखभाल संगठन’ यानी प्राइवेट अस्पतालों की वैधता को छह माह तक बढ़ा दिया गया है। देश में लगभग 35 लाख कर्मी, सीजीएचएस के दायरे में आते हैं। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ‘सीजीएचएस’ महानिदेशालय ने 29 मार्च को उक्त आदेश जारी किया है।
31 मार्च 2022 तक बढ़ाई थी
सीजीएचएस कार्ड धारकों को अब अपने इलाज और मेडिकल टेस्ट के लिए चिंता नहीं करनी होगी। कोविड-19 की तीसरी लहर के दौरान केंद्र सरकार ने सीजीएचएस के दायरे में आने वाले सूचीबद्ध ‘स्वास्थ्य देखभाल संगठन’ यानी निजी अस्पतालों की वैधता को अब 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दिया था। इसका मकसद यह था कि केंद्रीय कर्मियों को इलाज के लिए कोई दिक्कत न हो। अगर कोई सूचीबद्ध अस्पताल, सीजीएचएस से बाहर हो जाता है तो उन कर्मियों को इलाज के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है, जो लंबे समय से उसी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। सीजीएचएस की सूची से बाहर होने के बाद संबंधित प्राइवेट अस्पताल में सस्ते रेटों पर टेस्ट और इलाज कराना संभव नहीं हो पाता।
पहले इन संगठनों की वैधता 31 मार्च 2021 तक थी। कोरोना के दौरान केंद्र सरकार ने सीजीएचएस लाभार्थियों को नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) द्वारा तय रेटों पर मेडिकल टेस्ट कराने की सुविधा प्रदान की थी। यदि कोई प्राइवेट मेडिकल संस्थान ‘एनएबीएल’ से मान्यता प्राप्त नहीं है, तो वहां पर जांच के लिए नॉन एनएबीएल रेट से फीस लेना, तय हुआ था। देश में अनेक प्राइवेट अस्पताल, सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध हैं। उन्हें एक तय अवधि के बाद अपने अनुबंध का नवीनीकरण कराना पड़ता है। इस प्रक्रिया के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनेक गाइडलाइन जारी की गई हैं। सीजीएचएस के अधिकारी, पैनल वाले अस्पतालों की कार्यप्रणाली की निरंतर समीक्षा करते रहते हैं।
समीक्षा के दौरान, कई बार ऐसे मामले भी सामने आते हैं कि किसी प्राइवेट अस्पताल या लैब ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा तय मापदंडों के अनुसार, सीजीएचएस लाभार्थियों को सुविधा प्रदान नहीं की है तो उसका नवीनीकरण रद्द कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया में नए मेडिकल संस्थान, सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध होते रहते हैं। केंद्र सरकार ने 2020 में 10 अक्तूबर से सीजीएचएस के साथ सूचीबद्ध स्वास्थ्य देखभाल संगठनों की वैधता 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी थी। मार्च में कोरोना की दूसरी लहर आने के दौरान, केंद्रीय कर्मियों और उनके परिजनों को इलाज में कोई परेशानी न हो, इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य देखभाल संगठनों की वैधता को छह माह के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था। उसके बाद दोबारा से सीजीएचएस महानिदेशालय ने सूचीबद्ध अस्पतालों को छह माह का विस्तार दे दिया गया था।
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