Corona Vaccine: तीन वैक्सीन को मिलाकर देश में पहली बार होगा अध्ययन, भारत बायोटेक कंपनी ने मांगी अनुमति


अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Tue, 08 Feb 2022 02:45 AM IST

सार

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने अपने आवेदन में 800 से भी अधिक लोगों पर परीक्षण करने की जानकारी साझा की है। तीन अलग अलग समूह में होने वाला यह अध्ययन देश के नौ अस्पतालों में किया जा सकता है।

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देश में जल्द ही तीन वैक्सीन को मिलाकर पहली बार चिकित्सीय अध्ययन शुरू हो सकता है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी की ओर से अध्ययन शुरू करने के लिए अनुमति भी मांगी है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने कोवाक्सिन, कोविशील्ड और नाक से दी जाने वाली नैसल वैक्सीन का एक साथ परीक्षण करने की योजना बनाई है।

तीन अलग अलग समूह पर होने वाले इस अध्ययन में एक ही व्यक्ति को पहले कोवाक्सिन और बाद में कोविशील्ड की एक-एक खुराक दी जाएगी। कोवाक्सिन को नैसल तकनीक के जरिए दिया जाएगा जिसमें सुई लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हाल ही में आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक कंपनी ने नैसल वैक्सीन को तैयार किया है।

यह भी जानकारी मिली है कि डीसीजीआई की विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की ओर से इस अध्ययन को आगामी दिनों में अनुमति प्रदान की जाएगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने अपने आवेदन में 800 से भी अधिक लोगों पर परीक्षण करने की जानकारी साझा की है। तीन अलग अलग समूह में होने वाला यह अध्ययन देश के नौ अस्पतालों में किया जा सकता है जिसमें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी शामिल है। तीन में से एक समूह को नैसल वैक्सीन दी जाएगी।

दूसरे समूह में जिन लोगों ने कोवाक्सिन की दोनों खुराक पूर्व में ली हैं उन्हें अतिरिक्त यानी बूस्टर खुराक मिलेगी और तीसरे समूह में कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों को कोवाक्सिन दी जाएगी। इन तीनों समूह के परिणामों का अध्ययन करने के बाद अंतिम परीक्षण दो अन्य समूह पर होगा जिसके बाद मिश्रित खुराक के असर के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

दरअसल कोरोना वैक्सीन की मिश्रित खुराक को लेकर वैश्विक स्तर पर लंबे समय से बहस चली आ रही है। पिछले वर्ष सीएमसी वैल्लोर के डॉक्टरों ने यह अध्ययन शुरू करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी जिसके बाद वहां पंजीयन इत्यादि भी शुरू हुआ।

हालांकि अभी तक इस अध्ययन का निष्कर्ष सामने नहीं आया है। इसमें कोविशील्ड और कोवाक्सिन को लेकर ही काम किया जा रहा है लेकिन तीन वैक्सीन को लेकर अध्ययन पहली बार शुरू होगा।

विस्तार

देश में जल्द ही तीन वैक्सीन को मिलाकर पहली बार चिकित्सीय अध्ययन शुरू हो सकता है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी की ओर से अध्ययन शुरू करने के लिए अनुमति भी मांगी है।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने कोवाक्सिन, कोविशील्ड और नाक से दी जाने वाली नैसल वैक्सीन का एक साथ परीक्षण करने की योजना बनाई है।

तीन अलग अलग समूह पर होने वाले इस अध्ययन में एक ही व्यक्ति को पहले कोवाक्सिन और बाद में कोविशील्ड की एक-एक खुराक दी जाएगी। कोवाक्सिन को नैसल तकनीक के जरिए दिया जाएगा जिसमें सुई लगाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। हाल ही में आईसीएमआर के साथ मिलकर भारत बायोटेक कंपनी ने नैसल वैक्सीन को तैयार किया है।

यह भी जानकारी मिली है कि डीसीजीआई की विशेषज्ञ कार्य समिति (एसईसी) की ओर से इस अध्ययन को आगामी दिनों में अनुमति प्रदान की जाएगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने अपने आवेदन में 800 से भी अधिक लोगों पर परीक्षण करने की जानकारी साझा की है। तीन अलग अलग समूह में होने वाला यह अध्ययन देश के नौ अस्पतालों में किया जा सकता है जिसमें दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी शामिल है। तीन में से एक समूह को नैसल वैक्सीन दी जाएगी।

दूसरे समूह में जिन लोगों ने कोवाक्सिन की दोनों खुराक पूर्व में ली हैं उन्हें अतिरिक्त यानी बूस्टर खुराक मिलेगी और तीसरे समूह में कोविशील्ड की दोनों खुराक ले चुके लोगों को कोवाक्सिन दी जाएगी। इन तीनों समूह के परिणामों का अध्ययन करने के बाद अंतिम परीक्षण दो अन्य समूह पर होगा जिसके बाद मिश्रित खुराक के असर के बारे में जानकारी मिल सकेगी।

दरअसल कोरोना वैक्सीन की मिश्रित खुराक को लेकर वैश्विक स्तर पर लंबे समय से बहस चली आ रही है। पिछले वर्ष सीएमसी वैल्लोर के डॉक्टरों ने यह अध्ययन शुरू करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी जिसके बाद वहां पंजीयन इत्यादि भी शुरू हुआ।

हालांकि अभी तक इस अध्ययन का निष्कर्ष सामने नहीं आया है। इसमें कोविशील्ड और कोवाक्सिन को लेकर ही काम किया जा रहा है लेकिन तीन वैक्सीन को लेकर अध्ययन पहली बार शुरू होगा।



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