CGHS: 35 लाख कर्मियों को मिलेंगी एक्सपर्ट डॉक्टरों की सेवाएं, इन अस्पतालों में तैनात होंगे पीजी डिग्री वाले चिकित्सक


ख़बर सुनें

केंद्र सरकार के 35 लाख कर्मियों को अब सीजीएचएस के वेलनेस सेंटर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। इन सेंटरों पर पीजी डॉक्टर, बतौर जनरल ड्यूटी मेडिकल अफसर ‘जीडीएमओ’ तैनात होंगे। इससे सीजीएचएस लाभार्थियों द्वारा विशेष सेवाओं का लाभ उठाने में लगने वाले अतिरिक्त समय के बोझ को कम किया जा सकता है। पीजी डॉक्टरों की तैनाती से पैनल में शामिल अस्पतालों में रेफरल केसों की संख्या कम हो जाएगी। सीजीएचएस लाभार्थियों को इन-हाउस स्पेशलिटी सुविधा मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रयास है कि पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ को अधिक से अधिक संख्या में रोगियों की देखभाल के लिए तैनात किया जाए।

दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में शुरू होगी यह सेवा

सीजीएचएस लाभार्थियों को विभिन्न चिकित्सा विशिष्टताओं से संबंधित विशेष परामर्श की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें सूचीबद्ध एचसीओ और सरकारी अस्पतालों में भेजा जाता है। कई मामलों में देखने को मिला है कि मरीजों को जिन अस्पतालों में रैफर किया जाता है, वे दूर स्थित होते हैं। वर्तमान में जीडीएमओ संवर्ग में, कई डॉक्टरों के पास स्नातकोत्तर डिग्री है। ऐसे में उनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है। पैनल में शामिल अस्पतालों में रेफरल को कम करने और सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए इन-हाउस स्पेशलिटी सुविधा को बढ़ाने के इरादे से, पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ के अलावा, पीजी डिग्री के साथ और अधिक जीडीएमओ को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में रोगियों की देखभाल के लिए तैनात करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मौजूदा समय में यह सुविधा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में स्थित सीजीएचएस सेंटरों पर शुरू की जाएगी।

बतौर पायलट प्रोजेक्ट 60 दिन के लिए तैनात होंगे डॉक्टर

आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल की सीजीएचएस विंग के विशेषज्ञ/जीडीएमओ, वेलनेस सेंटरों का दौरा कर रहे हैं। पीजी डिग्री वाले इन जीडीएमओ को 60 दिनों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपने शहर के वेलनेस सेंटर में तैनात किया जाएगा। इनमें आंतरिक चिकित्सा, बाल रोग, स्त्री रोग और त्वचा विज्ञान जैसी बीमारियों के एक्सपर्ट शामिल हैं। आर्थोपेडिक्स में पीजी जीडीएमओ दिल्ली स्थित वेलनेस सेंटरों के बाहर उपलब्ध नहीं हैं। जब बाहर के सेंटरों पर ऐसे डॉक्टर मिलेंगे, तो उन्हें वहां तैनात कर दिया जाएगा। जोन/शहर के अतिरिक्त निदेशक को अपने क्षेत्र/शहर डब्ल्यूसी में पीजी डिग्री के साथ जीडीएमओ की तैनाती के लिए एक रोस्टर बनाना होगा।

सीजीएचएस वेलनेस सेंटरों का दौरा करने वाले पीजी डॉक्टर एवं जीडीएमओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। वेलनेस सेंटरों में तैनात पीजी डिग्री वाले नामित जीडीएमओ सुबह 7.30 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक अन्य वेलनेस सेंटरों का दौरा करेंगे। 60 दिनों के पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में ऐसे डॉक्टरों को सप्ताह में एक बार नियत स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना होगा। एक दिन में पीजी डिग्री विशेषज्ञ के पास अमूमन कितने मरीज आते हैं, 60 दिन पूरे होने पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ, जो दिल्ली के 24X7 वेलनेस सेंटरों पर कार्यरत हैं, उन्हें आपातकालीन कर्तव्यों से छूट नहीं दी जाएगी।

हर डॉक्टर की बनेगी अलग यूजर आईडी

रोगियों की देखभाल के लिए कंप्यूटर का अनिवार्य उपयोग किया जाएगा। विजिटिंग डॉक्टर, सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ/जीडीएमओ और संविदा पर आने वाले डॉक्टरों का दौरा यूजर आईडी के जरिए फाइलों में दर्ज होगा। सरकारी अस्पतालों या वेलनेस सेंटर से आने वाले सभी डॉक्टर, वेलनेस सेंटर में उपलब्ध दवाओं को निर्धारित करने के लिए ऑनलाइन फार्मेसी स्टॉक का उपयोग करेंगे। सीजीएचएस सेंटर में मौजूद दवाएं लिखी जाएंगी। जिस सेंटर का ये डॉक्टर दौरा करेंगे, उन्हें वहीं के स्टॉक से दवा मिलेगी। वेलनेस सेंटर, इसके लिए अधिकृत स्थानीय केमिस्ट को मांगपत्र दे सकता है। यदि कोई लाभार्थी, पीजी डॉक्टर वाले वेलनेस सेंटर के बजाय अपने मूल स्वास्थ्य केंद्र से दवाएं प्राप्त करना चाहता है, तो वहां के डॉक्टर को ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज करना होगा। नेट कनेक्टिविटी/पावर/सर्वर डाउन होने, जैसी असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर, डॉक्टर (चाहे विशेषज्ञ हों या पीजी डिग्री या सलाहकार के साथ जीडीएमओ) द्वारा हाथ से लिखे नुस्खे जारी नहीं किए जाएंगे। ऐसे मामलों में, डॉक्टर के पर्चे की वैधता एक महीने से अधिक नहीं होगी। नियमित रूप से, निर्गम/मांगपत्र अधिकतम तीन महीने की अवधि के लिए जारी किया जाएगा। हालांकि, यदि छह महीने/एक निर्दिष्ट समय अवधि के बाद अगली यात्रा की आवश्यकता है, तो इसका उल्लेख ‘टिप्पणी’ कॉलम में किया जाना आवश्यक है। वेलनेस सेंटर के पर्चे की दो प्रतियां लाभार्थी को सौंपी जाएंगी। उसकी एक प्रति उसी दिन उसकी दवाएं लेने के लिए उपयोग की जाएगी। दूसरी पर्ची के जरिए आने वाले महीनों में चेकअप होगा।

कुल 60 रोगियों को देखेंगे पीजी डॉक्टर

वेलनेस सेंटर पर आने वाले डॉक्टर (विशेषज्ञ) सामान्य रूप से प्रति दिन कुल 60 रोगियों (ऑनलाइन के लिए 50 और वॉक-इन लाभार्थियों के लिए 10) की जांच करेंगे। यह सूचना लाभार्थियों को एसएमएस और वेलनेस सेंटरों में नोटिस बोर्ड डिस्प्ले के माध्यम से दी जाएगी। वॉक-इन लाभार्थियों की संख्या को 50:10 ऑनलाइन: वॉक-इन अनुपात में निर्धारित प्रति दिन कुल 60 रोगियों के अलावा, विजिटिंग डॉक्टर और सीएमओ आई/सी की आपसी सहमति से 10 से ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। लाभार्थी जो कंप्यूटर के जानकार नहीं हैं, उन्हें वेलनेस सेंटर के कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन ‘विशेषज्ञ’ बुकिंग के बारे में बताया जाएगा। सेंटर का स्टाफ 30-दिन की विंडो अवधि के दौरान ‘विशेषज्ञों’ की 50 ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने में मदद करेगा। विजिटिंग डॉक्टर की आपातकालीन छुट्टी के मामले में, लाभार्थी जो पहले से ही नियुक्ति ले चुके हैं और उसी डॉक्टर द्वारा पिछले नुस्खे के आधार पर दवाएं दोहराना चाहते हैं, उन्हें पुरानी बीमारी के मुद्दे/मांग के लिए सीएमओ आई/सी से मिलने की आवश्यकता होगी।

शहर/जोन के निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि डॉक्टर के कंप्यूटर मॉड्यूल में लॉग इन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड सभी आने वाले डॉक्टरों के लिए बनाए गए हैं। इनमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ और संविदा चिकित्सक शामिल हैं। वे एक परीक्षा टेबल, फुट स्टूल, बीपी इंस्ट्रूमेंट, फोल्डिंग स्क्रीन, पीवी परीक्षा के लिए उपकरण (स्त्री रोग विशेषज्ञों के लिए) के साथ अलग कमरे, इंटरनेट, डेस्कटॉप कंप्यूटर की उपलब्धता और आने वाले डॉक्टरों द्वारा उपयोग के लिए प्रिंटर सहित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।

विस्तार

केंद्र सरकार के 35 लाख कर्मियों को अब सीजीएचएस के वेलनेस सेंटर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी। इन सेंटरों पर पीजी डॉक्टर, बतौर जनरल ड्यूटी मेडिकल अफसर ‘जीडीएमओ’ तैनात होंगे। इससे सीजीएचएस लाभार्थियों द्वारा विशेष सेवाओं का लाभ उठाने में लगने वाले अतिरिक्त समय के बोझ को कम किया जा सकता है। पीजी डॉक्टरों की तैनाती से पैनल में शामिल अस्पतालों में रेफरल केसों की संख्या कम हो जाएगी। सीजीएचएस लाभार्थियों को इन-हाउस स्पेशलिटी सुविधा मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रयास है कि पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ को अधिक से अधिक संख्या में रोगियों की देखभाल के लिए तैनात किया जाए।

दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में शुरू होगी यह सेवा

सीजीएचएस लाभार्थियों को विभिन्न चिकित्सा विशिष्टताओं से संबंधित विशेष परामर्श की आवश्यकता होती है। इसके लिए उन्हें सूचीबद्ध एचसीओ और सरकारी अस्पतालों में भेजा जाता है। कई मामलों में देखने को मिला है कि मरीजों को जिन अस्पतालों में रैफर किया जाता है, वे दूर स्थित होते हैं। वर्तमान में जीडीएमओ संवर्ग में, कई डॉक्टरों के पास स्नातकोत्तर डिग्री है। ऐसे में उनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सकता है। पैनल में शामिल अस्पतालों में रेफरल को कम करने और सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए इन-हाउस स्पेशलिटी सुविधा को बढ़ाने के इरादे से, पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ के अलावा, पीजी डिग्री के साथ और अधिक जीडीएमओ को उनकी विशेषज्ञता के क्षेत्र में रोगियों की देखभाल के लिए तैनात करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मौजूदा समय में यह सुविधा दिल्ली एनसीआर के क्षेत्र में स्थित सीजीएचएस सेंटरों पर शुरू की जाएगी।

बतौर पायलट प्रोजेक्ट 60 दिन के लिए तैनात होंगे डॉक्टर

आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल की सीजीएचएस विंग के विशेषज्ञ/जीडीएमओ, वेलनेस सेंटरों का दौरा कर रहे हैं। पीजी डिग्री वाले इन जीडीएमओ को 60 दिनों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अपने शहर के वेलनेस सेंटर में तैनात किया जाएगा। इनमें आंतरिक चिकित्सा, बाल रोग, स्त्री रोग और त्वचा विज्ञान जैसी बीमारियों के एक्सपर्ट शामिल हैं। आर्थोपेडिक्स में पीजी जीडीएमओ दिल्ली स्थित वेलनेस सेंटरों के बाहर उपलब्ध नहीं हैं। जब बाहर के सेंटरों पर ऐसे डॉक्टर मिलेंगे, तो उन्हें वहां तैनात कर दिया जाएगा। जोन/शहर के अतिरिक्त निदेशक को अपने क्षेत्र/शहर डब्ल्यूसी में पीजी डिग्री के साथ जीडीएमओ की तैनाती के लिए एक रोस्टर बनाना होगा।

सीजीएचएस वेलनेस सेंटरों का दौरा करने वाले पीजी डॉक्टर एवं जीडीएमओ की जिम्मेदारी तय की जाएगी। वेलनेस सेंटरों में तैनात पीजी डिग्री वाले नामित जीडीएमओ सुबह 7.30 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक अन्य वेलनेस सेंटरों का दौरा करेंगे। 60 दिनों के पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण में ऐसे डॉक्टरों को सप्ताह में एक बार नियत स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा करना होगा। एक दिन में पीजी डिग्री विशेषज्ञ के पास अमूमन कितने मरीज आते हैं, 60 दिन पूरे होने पर एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ, जो दिल्ली के 24X7 वेलनेस सेंटरों पर कार्यरत हैं, उन्हें आपातकालीन कर्तव्यों से छूट नहीं दी जाएगी।

हर डॉक्टर की बनेगी अलग यूजर आईडी

रोगियों की देखभाल के लिए कंप्यूटर का अनिवार्य उपयोग किया जाएगा। विजिटिंग डॉक्टर, सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ/जीडीएमओ और संविदा पर आने वाले डॉक्टरों का दौरा यूजर आईडी के जरिए फाइलों में दर्ज होगा। सरकारी अस्पतालों या वेलनेस सेंटर से आने वाले सभी डॉक्टर, वेलनेस सेंटर में उपलब्ध दवाओं को निर्धारित करने के लिए ऑनलाइन फार्मेसी स्टॉक का उपयोग करेंगे। सीजीएचएस सेंटर में मौजूद दवाएं लिखी जाएंगी। जिस सेंटर का ये डॉक्टर दौरा करेंगे, उन्हें वहीं के स्टॉक से दवा मिलेगी। वेलनेस सेंटर, इसके लिए अधिकृत स्थानीय केमिस्ट को मांगपत्र दे सकता है। यदि कोई लाभार्थी, पीजी डॉक्टर वाले वेलनेस सेंटर के बजाय अपने मूल स्वास्थ्य केंद्र से दवाएं प्राप्त करना चाहता है, तो वहां के डॉक्टर को ऑनलाइन रिकॉर्ड दर्ज करना होगा। नेट कनेक्टिविटी/पावर/सर्वर डाउन होने, जैसी असाधारण परिस्थितियों को छोड़कर, डॉक्टर (चाहे विशेषज्ञ हों या पीजी डिग्री या सलाहकार के साथ जीडीएमओ) द्वारा हाथ से लिखे नुस्खे जारी नहीं किए जाएंगे। ऐसे मामलों में, डॉक्टर के पर्चे की वैधता एक महीने से अधिक नहीं होगी। नियमित रूप से, निर्गम/मांगपत्र अधिकतम तीन महीने की अवधि के लिए जारी किया जाएगा। हालांकि, यदि छह महीने/एक निर्दिष्ट समय अवधि के बाद अगली यात्रा की आवश्यकता है, तो इसका उल्लेख ‘टिप्पणी’ कॉलम में किया जाना आवश्यक है। वेलनेस सेंटर के पर्चे की दो प्रतियां लाभार्थी को सौंपी जाएंगी। उसकी एक प्रति उसी दिन उसकी दवाएं लेने के लिए उपयोग की जाएगी। दूसरी पर्ची के जरिए आने वाले महीनों में चेकअप होगा।

कुल 60 रोगियों को देखेंगे पीजी डॉक्टर

वेलनेस सेंटर पर आने वाले डॉक्टर (विशेषज्ञ) सामान्य रूप से प्रति दिन कुल 60 रोगियों (ऑनलाइन के लिए 50 और वॉक-इन लाभार्थियों के लिए 10) की जांच करेंगे। यह सूचना लाभार्थियों को एसएमएस और वेलनेस सेंटरों में नोटिस बोर्ड डिस्प्ले के माध्यम से दी जाएगी। वॉक-इन लाभार्थियों की संख्या को 50:10 ऑनलाइन: वॉक-इन अनुपात में निर्धारित प्रति दिन कुल 60 रोगियों के अलावा, विजिटिंग डॉक्टर और सीएमओ आई/सी की आपसी सहमति से 10 से ज्यादा बढ़ाया जा सकता है। लाभार्थी जो कंप्यूटर के जानकार नहीं हैं, उन्हें वेलनेस सेंटर के कर्मचारियों द्वारा ऑनलाइन ‘विशेषज्ञ’ बुकिंग के बारे में बताया जाएगा। सेंटर का स्टाफ 30-दिन की विंडो अवधि के दौरान ‘विशेषज्ञों’ की 50 ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने में मदद करेगा। विजिटिंग डॉक्टर की आपातकालीन छुट्टी के मामले में, लाभार्थी जो पहले से ही नियुक्ति ले चुके हैं और उसी डॉक्टर द्वारा पिछले नुस्खे के आधार पर दवाएं दोहराना चाहते हैं, उन्हें पुरानी बीमारी के मुद्दे/मांग के लिए सीएमओ आई/सी से मिलने की आवश्यकता होगी।

शहर/जोन के निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि डॉक्टर के कंप्यूटर मॉड्यूल में लॉग इन करने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड सभी आने वाले डॉक्टरों के लिए बनाए गए हैं। इनमें सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर, पीजी डिग्री वाले जीडीएमओ और संविदा चिकित्सक शामिल हैं। वे एक परीक्षा टेबल, फुट स्टूल, बीपी इंस्ट्रूमेंट, फोल्डिंग स्क्रीन, पीवी परीक्षा के लिए उपकरण (स्त्री रोग विशेषज्ञों के लिए) के साथ अलग कमरे, इंटरनेट, डेस्कटॉप कंप्यूटर की उपलब्धता और आने वाले डॉक्टरों द्वारा उपयोग के लिए प्रिंटर सहित उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगे।



Source link

Enable Notifications OK No thanks