स्वास्थ्य मंत्रालय का निर्देश: मंकीपॉक्स के मामलों पर रखे कड़ी नजर, हवाईअड्डे और बंदरगाह पर बरतें सतर्कता 


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Amit Mandal
Updated Fri, 20 May 2022 09:18 PM IST

सार

मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है। यह भी गंभीर हो सकता है।

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कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, उन्हें निर्देश दिया गया है कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा के इतिहास वाले किसी भी बीमार यात्री को अलग कर दिया जाए और नमूने जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल4 सुविधा को भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को भारत में स्थिति पर कड़ी नजर रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया।

ब्रिटेन, अमेरिका सहित कई देशों में मामले 
ब्रिटेन, अमेरिका पुर्तगाल, स्पेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों से मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान लेकिन हल्के होते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ मनुष्यों में प्रकट होता है और इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है। यह भी गंभीर हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हाल के दिनों में मृत्यु अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है
मंकीपॉक्स वायरस घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और बिस्तर जैसी दूषित सामग्री के निकट संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स चेचक से मिलता-जुलता है। विश्व स्वास्थ्य निकाय का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपॉक्स हो सकता है) या जन्म के दौरान और बाद में निकट संपर्क के माध्यम से भी हो सकता है। जबकि संक्रमित व्यक्ति से निकट शारीरिक संपर्क इसके फैसले के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है। 

विस्तार

कुछ देशों में मंकीपॉक्स के मामलों के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को स्थिति पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हवाईअड्डे और बंदरगाह के स्वास्थ्य अधिकारियों को भी सतर्क रहने का निर्देश दिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, उन्हें निर्देश दिया गया है कि मंकीपॉक्स प्रभावित देशों की यात्रा के इतिहास वाले किसी भी बीमार यात्री को अलग कर दिया जाए और नमूने जांच के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की बीएसएल4 सुविधा को भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुरुवार को राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और आईसीएमआर को भारत में स्थिति पर कड़ी नजर रखने और निगरानी करने का निर्देश दिया।

ब्रिटेन, अमेरिका सहित कई देशों में मामले 

ब्रिटेन, अमेरिका पुर्तगाल, स्पेन और कुछ अन्य यूरोपीय देशों से मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं। मनुष्यों में मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के समान लेकिन हल्के होते हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मंकीपॉक्स आमतौर पर बुखार, चकत्ते और सूजी हुई लिम्फ नोड्स के साथ मनुष्यों में प्रकट होता है और इससे कई प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताएं हो सकती हैं। मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह तक चलने वाले लक्षणों के साथ एक स्व-सीमित बीमारी है। यह भी गंभीर हो सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हाल के दिनों में मृत्यु अनुपात लगभग 3-6 प्रतिशत रहा है।

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है

मंकीपॉक्स वायरस घावों, शरीर के तरल पदार्थ, श्वसन बूंदों और बिस्तर जैसी दूषित सामग्री के निकट संपर्क से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि मंकीपॉक्स चेचक से मिलता-जुलता है। विश्व स्वास्थ्य निकाय का कहना है कि बीमारी का संचरण मां से भ्रूण (जिससे जन्मजात मंकीपॉक्स हो सकता है) या जन्म के दौरान और बाद में निकट संपर्क के माध्यम से भी हो सकता है। जबकि संक्रमित व्यक्ति से निकट शारीरिक संपर्क इसके फैसले के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति से यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है। 



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