कांग्रेस में चन्नी ही सरदार: एक फोन कॉल ने बदल दी पूरी जिंदगी, जानिए राजनीति में आने से पहले क्या करते थे चन्नी?


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Sun, 06 Feb 2022 05:10 PM IST

सार

पंजाब में चरणजीत सिंह चन्नी ही कांग्रेस का सीएम चेहरा होंगे। राहुल गांधी ने रविवार को इसका आधिकारिक एलान कर दिया। पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की जिंदगी के कई मोड़ रह चुके हैं। 

पंंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी

पंंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी
– फोटो : अमर उजाला

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विस्तार

एक समय था जब चरणजीत सिंह चन्नी विधायकी का टिकट पाने के लिए कांग्रेस नेताओं के घर का चक्कर लगाते थे। पंजाब कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं के दरबार में हाजिरी लगाते थे। आज उन्हीं चन्नी को कांग्रेस ने पंजाब में सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट कर दिया है। चन्नी की जिंदगी की कहानी भी फिल्मी है। पढ़िए चरणजीत सिंह चन्नी की पूरी कहानी…

चन्नी का जन्म और शुरुआती सफर

पंजाब के 16वें मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का जन्म चमकौर साहिब के मकराना कला गांव में एक मार्च 1963 को हुआ था। उनके पिता हर्षा सिंह और मां अजमेर कौर हैं। चन्नी के परिवार में चार भाई हैं। चन्नी की पत्नी कमलजीत कौर डॉक्टर हैं। दोनों के दो बेटे भी हैं। चन्नी ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल से प्राप्त की। पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया। इसके अलावा उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की पढ़ाई भी की है। 

क्या है चन्नी का मलेशिया कनेक्शन? 

चन्नी ने एक इंटरव्यू में अपने परिवार के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि जब वह छोटे थे, तब उनके पिता ने घर की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए काफी संघर्ष किया था। गांव से निकलकर वह मलेशिया गए। वहां कई तरह के काम किए और फिर वापस भारत आ गए। यहां उन्होंने खरड़ शहर में एक टेंट हाउस की शुरुआत की। चन्नी ने बताया था कि वह खुद उसी टेंट हाउस में पिता के साथ काम करते थे और फिर यहीं बस गए। 

पिता के बिजनेस को आगे बढ़ाया, फिर राजनीति में कदम रखा

कॉलेज के समय में चन्नी अपने पिता के टेंट हाउस में उनकी मदद करते थे। इसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद घनौली में एक पेट्रोल पंप खोला। पिता के व्यवसाय को आगे बढ़ाने के बाद चन्नी ने राजनीति में कदम रखा। वह खरड़ नगर परिषद के पार्षद का चुनाव लड़े और जीत हासिल की। पांच साल बाद चन्नी नगर परिषद के प्रधान भी बने। दो बार नगर परिषद के अध्यक्ष रहे। इसके बाद चन्नी ने चमकौर साहिब विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाया। 2007 में चमकौर साहिब विधानसभा सीट से कांग्रेस से टिकट की दावेदारी की लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला। टिकट न मिलने पर चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब से निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत भी गए। 2012 और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर जीते। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री बने।  

एक फोन कॉल ने बदल दी चन्नी की जिंदगी

चन्नी आज पूरे देश में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री के तौर पर चन्नी ने पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है। उनकी इस बदली जिंदगी के पीछे एक फोन कॉल है। इसका जिक्र चन्नी खुद कर चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं कभी मुख्यमंत्री बनने का सपना नहीं देख सकता था क्योंकि मैं उस समुदाय से हूं जहां ये शर्त है कि हम कोई सपना न देखें। मैं उस दिन फोन पर रोया क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष और राहुल जी इस अन्याय पर प्रहार कर रहे थे, जिसके मुताबिक एक निश्चित समुदाय के लोगों को मंत्री बनकर संतुष्ट रहना चाहिए और वे समाज में निहित पूर्वाग्रहों को दूर नहीं कर सकते।’ 

कर्ज में डूबे हैं पंजाब के सीएम

चरणजीत सिंह चन्नी चमकौर साहिब और भदौड़ से कांग्रेस के प्रत्याशी हैं। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। उनकी कुल संपत्ति 9.44 करोड़ है। इसमें 2.62 करोड़ रुपये की चल संपत्ति है जबकि 6.82 करोड़ की अचल संपत्ति है। सीएम के पास एक टोयोटा फॉर्च्यूनर गाड़ी है, जिसकी कीमत 32.57 लाख रुपये है। 

चन्नी की पत्नी के नाम पर दो गाड़ियां हैं। उनकी दोनों गाड़ियों की कुल कीमत 45.99 लाख रुपये है। पंजाब के सीएम पर कुल 88.35 लाख रुपये कर्ज है। चन्नी जब 2012 में विधायक बने तो उनके पास 20 लाख का कैश था, वहीं 2017 में विधायक बने तो उनके पास 2.4 लाख रुपये कैश था। अब चरणजीत सिंह चन्नी के पास 1.50 लाख रुपये कैश है।



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