चेन्नई: फाइजर ने स्थापित किया एशिया पहला वैश्विक दवा विकास केंद्र, दवा सामग्री और तैयार खुराक का होगा उत्पादन 


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चेन्नई
Published by: Amit Mandal
Updated Wed, 04 May 2022 09:05 PM IST

सार

फाइजर ने आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में 61,000 वर्ग फुट के अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र में 20 मिलियन  डॉलर (करीब 150 करोड़ रुपये) का निवेश किया है।

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महत्वपूर्ण अनुसंधान और विकास क्षमताओं को एक छत के नीचे लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने तमिलनाडु के चेन्नई में आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में एक वैश्विक दवा विकास केंद्र स्थापित किया है। यहां जटिल/मूल्य वर्धित फॉर्मूलेशन, नियंत्रित-रिलीज डोज फॉर्म, डिवाइस-कॉम्बिनेशन उत्पाद, लियोफिलाइज्ड इंजेक्शन, पाउडर जैसे उत्पादों के सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और तैयार खुराक रूपों (एफडीएफ) दोनों का उत्पादन होगा। यह वैश्विक बाजारों और दुनिया भर में फाइजर के विनिर्माण केंद्रों में उत्पादों के विकास में मदद देगा।  

फाइजर इंडिया के कंट्री मैनेजर केएस श्रीधर ने कहा कि आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में फाइजर का सबसे उन्नत प्रयोगशालाओं में से एक ड्रग डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करना वास्तव में एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यह एक ही छत के नीचे अत्याधुनिक एपीआई और एफडीएफ प्रक्रियाओं के सह-विकास की अनुमति देगा। विश्व स्तरीय वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और नवाचार संचालित अनुसंधान पार्क परिसर हमारे काम के लिए एक आदर्श स्थित प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि आईआईटी मद्रास और अन्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान पार्क स्टार्ट-अप से निकटता भी अकादमिक और उद्योग साझेदारी में सुधार करेगी और नवाचार को चलाने के लिए अधिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगी।

फाइजर ने आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में 61,000 वर्ग फुट के अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र में 20 मिलियन  डॉलर (150 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। जबकि यह केंद्र दुनिया भर में स्थापित 12 वैश्विक केंद्रों के नेटवर्क का हिस्सा होगा, यह वर्तमान में एशिया में फाइजर द्वारा स्थापित किया जा रहा पहला और एकमात्र केंद्र है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सचिव एस अपर्णा ने इसके लॉन्च के अवसर पर कहा कि फार्मा कंपनियों के लिए नए समाधान प्रदान करने की जरूरत बढ़ रही है और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और रोगियों के सामने आने वाली नई चुनौतियों का समाधान किया जाना है। 

विस्तार

महत्वपूर्ण अनुसंधान और विकास क्षमताओं को एक छत के नीचे लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत फार्मास्युटिकल कंपनी फाइजर ने तमिलनाडु के चेन्नई में आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में एक वैश्विक दवा विकास केंद्र स्थापित किया है। यहां जटिल/मूल्य वर्धित फॉर्मूलेशन, नियंत्रित-रिलीज डोज फॉर्म, डिवाइस-कॉम्बिनेशन उत्पाद, लियोफिलाइज्ड इंजेक्शन, पाउडर जैसे उत्पादों के सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) और तैयार खुराक रूपों (एफडीएफ) दोनों का उत्पादन होगा। यह वैश्विक बाजारों और दुनिया भर में फाइजर के विनिर्माण केंद्रों में उत्पादों के विकास में मदद देगा।  

फाइजर इंडिया के कंट्री मैनेजर केएस श्रीधर ने कहा कि आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में फाइजर का सबसे उन्नत प्रयोगशालाओं में से एक ड्रग डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करना वास्तव में एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यह एक ही छत के नीचे अत्याधुनिक एपीआई और एफडीएफ प्रक्रियाओं के सह-विकास की अनुमति देगा। विश्व स्तरीय वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकी और नवाचार संचालित अनुसंधान पार्क परिसर हमारे काम के लिए एक आदर्श स्थित प्रदान करता है। हमें उम्मीद है कि आईआईटी मद्रास और अन्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान पार्क स्टार्ट-अप से निकटता भी अकादमिक और उद्योग साझेदारी में सुधार करेगी और नवाचार को चलाने के लिए अधिक सहयोग को प्रोत्साहित करेगी।

फाइजर ने आईआईटी मद्रास रिसर्च पार्क में 61,000 वर्ग फुट के अनुसंधान और प्रौद्योगिकी केंद्र में 20 मिलियन  डॉलर (150 करोड़ रुपये) का निवेश किया है। जबकि यह केंद्र दुनिया भर में स्थापित 12 वैश्विक केंद्रों के नेटवर्क का हिस्सा होगा, यह वर्तमान में एशिया में फाइजर द्वारा स्थापित किया जा रहा पहला और एकमात्र केंद्र है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सचिव एस अपर्णा ने इसके लॉन्च के अवसर पर कहा कि फार्मा कंपनियों के लिए नए समाधान प्रदान करने की जरूरत बढ़ रही है और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और रोगियों के सामने आने वाली नई चुनौतियों का समाधान किया जाना है। 



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